डेस्क। Radha-Krishna Wedding: हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की… राधा कृष्ण की प्रेम कहानी विश्व में बहुत प्रसिद्ध है युगों-युगों से उनके प्रेम कहानी के उदाहरण भी दिए जाए जाते हैं। जिस तरह से लोग भगवान शिव माता पार्वती की पूजा एक साथ करते हैं उसी तरह से भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा रानी की पूजा करी जाती है।
कुछ पौराणिक कहानियों में पढ़ने को ये मिलता है कि रुक्मणि भगवान कृष्ण की पत्नी थी और ये सच भी है लेकिन राधा रानी से भी उनका विवाह हुआ था। जिसे खुद ब्रह्माजी ने ही करवाया था लेकिन इस बारे में लोगों को कम जानकारी है।
श्रीकृष्ण को 16108 पत्नियां थीं और विशेषकर उनकी 8 पत्नियों के नाम सनातन के धार्मिक शास्त्रों में पढ़ने को मिलते हैं। जिसमें रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा लक्ष्मणा से उनका विवाह कब हुआ कैसे हुआ ये जानकारी आपको आसानी से कहीं भी मिल जाएगी लेकिन राधा रानी से उनका विवाह हुआ है ये हम आपको बता रहे हैं।
यहां हुआ था राधा-कृष्ण का गंधर्व विवाह
मथुरा से 30 किलोमीटर दूर मांट तहसील के भागीवरन में एक मंदिर है जहां श्रीकृष्ण दूल्हे बने राधा रानी दुल्हन इनका विवाह करवाते हुए ब्रह्मा जी भी यहीं पर विराजमान हैं। राधा कृष्ण के प्रेम विवाह की जानकारी आपको ब्रह्मवैवर्त पुराण गर्ग संहिता में पढ़ने को मिल जाती है।
जगद्गुरु ब्रह्माजी ने खुद श्रीकृष्ण का राधा से विवाह करवाया था।
जानिए कैसे हुआ था राधा-कृष्ण का विवाह
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार नंदबाबा जब गाय चराने जा रहे थे तो वो कान्हा को भी अपने साथ लेकर चल दिए और उस समय कान्हा बाल अवस्था में थे। छोटे से बालगोपाल के साथ गाय चराते हुए नंद बाबा थक कर एक पेड़ की छांव में बैठ गए थे। थोड़ा आराम करने वो पेड़ के नीचे जैसे ही लेटे वैसे ही उनकी आंख लग गयी और कुछ देर बाद जब वो सोकर उठे तब दिन ढल चुका था तो चारों ओर अंधेरा देकर वो डर गए कान्हा को ढूंढने लग गए।
तभी दूर उन्हें एक रोशनी दिखाईं दी, एक गोपी उनकी ओर बढ़ रही थी जिसे वो जानते थे और उसका नाम राधा था। देवी स्वरूप राधा को नंदबाबा ने बालगोपाल को सौंप दिया कहा कि वो इसे सुरक्षित घर पहुंचा दे तब राधा रानी ने कान्हा को गोद में लिया चल दीं। जैसे ही राधा ने कान्हा का गाल चूमा वैसे ही कान्हा उनकी गोद से गायब हो गया। आगे की कहानी अगली पोस्ट में पढ़ें।