डेस्क। Astrology Tips: ज्योतिष शास्त्र में अलग-अलग देवी-देवताओं के लिए अलग-अलग मालाओं का उपयोग किया जाता है। भगवान विष्णु के मंत्रों के जाप के लिए तुलसी की माला का इस्तेमाल होता है।
शास्त्रों में इसके कई लाभ और महत्व के बारे में भी बताया गया है। कहते हैं कि, भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए यदि तुलसी की माला का इस्तेमाल किया जाए तो वह बहुत जल्दी खुश हो जाते हैं और भक्तों को शुभ फल भी मिलता है। शास्त्रों में मालाओं को धारण करने और जाप के लिए भी अलग-अलग नियम बताए गए हैं और अगर इन नियमों का पालन किया जाए तो पूजा और जाप का पूरा फल व्यक्ति को मिलता है।
जानिए तुलसी माला जपने के नियम-
शास्त्रों के अनुसार जिस तुलसी की माला से जाप करते हैं उसे कभी भी धारण नहीं करना चाहिए और भूलकर भी एक माला से दोनों काम न करें।
इस बात का भी ध्यान रखें कि तुलसी माला जपने के बाद इसे साफ-सुथरे कपड़े से ही ढक कर दिया जाए।
तुलसी की माला में कम से कम 27 और ज्यादा से ज्यादा 108 मनके ही होने चाहिए।
माला जपने के लिए आप जिस तुलसी माला का इस्तेमाल करते हैं हमेशा उसी का उपयोग करें और कभी भी किसी दूसरे की इस्तेमाल की हुई माला से जाप न करें।
इसके अलावा मंत्र जाप से पहले तुलसी माला की गंगाजल से शुद्धि भी जरूर करें।
हिंदू धर्म के अनुसार तुलसी की माला से कम से कम 108 बार मंत्रों के साथ जाप करना चाहिए। और इससे ज्यादा बार भी माला से जाप किया जा सकता है। इसके साथ ही 51 या 151 बार भी माला का जाप आप कर सकते हैं।
शास्त्रों में तुलसी के पौधे को बहुत ही सकारात्मक और पवित्र बताया जाता है। तुलसी के पौधे की पूजा का हिंदू धर्म में जितना महत्व होता है उतना ही इसकी माला पहनने का महत्व भी होता है और तुलसी माला का जाप करना बेहद फलदायी भी माना जाता है। तुलसी की माला को हिंदू सनातन धर्म में सभी मालाओं में से सबसे शुद्ध बताया जाता है।