Politics – पीएफ़आई पर लगे बैन को लेकर प्रत्येक राजनीतिक दल ने अपना अपना पक्ष रखा है। सोशल मीडिया पर लोग सरकार के इस फैसले की खूब सराहना कर रहे हैं और इसे आतंक को रोकने के संदर्भ में उठाया गया सराहनीय कदम बता रहे हैं।
वही अब सरकार के इस फैसले को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असुद्दीन ओवैसी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, मैं इस फैसले का विरोध तो नही करता हूँ लेकिन मैं इस काम के लिए मोदी सरकार की सरहं5भी नही कर सकता और न ही पीएफ़आई पर लगे प्रतिबंध को सही बताता हूँ।
उन्होंने ट्वीट किया और कहा, मैंने हमेशा पीएफ़आई की नीतियों का विरोध किया है। लोकतंत्र का समर्थन करना मेरा धर्म था। लेकिन पीएफ़आई पर जिस तरह से प्रतिबंध लगाया गया है उसका समर्थन नही किया जा सकता है।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के अक्टूबर 2021 के एक फ़ैसले का ज़िक्र किया है जिसमें कोर्ट ने कहा था कि किसी चरमपंथी संगठन के साथ एक सदस्य के तौर पर या अन्य तरह से सिर्फ़ जुड़ावों को यूएपीए के तहत अपराध नहीं माना जा सकता. ये अपराध तब माना जाएगा जब किसी ने उस चरमपंथी संगठन की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से काम किया हो।
उन्होंने कहा किसी अपराध के लिए संगठन को सजा देना गलत है। अगर कोई किसी संगठन से जुड़ा हुआ है और उसके लिए संगठन को सजा मिले तो यह उचित न्याय नही हो सकता है। जानकारी के लिए बता दें केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया या पीएफ़आई और इससे जुड़े संगठनों पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके बाद ओवैसी ने यह प्रतिक्रिया दी है।