Loksabha election 2023: 23 जून को विपक्ष के शीर्ष नेता पटना में भाजपा के खिलाफ एक व्यापक मोर्चे के गठन पर चर्चा शुरू करने के लिए जमा होने वाले हैं। कई दलों के लिए अगले साल होने जा रहे लोकसभा के महत्वपूर्ण आम चुनावों को देखते हुए यह एक आवश्यक सियासी गठबंधन भी है तो कुछ के विरोधियों – जैसे कि अरविंद केजरीवाल, नीतीश कुमार और शरद पवार – के लिए यह राजनीतिक और व्यक्तिगत सुविधा की दृष्टि से उनके लिए एक और पड़ाव होने वाला है।
केजरीवाल द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार की वापसी की ओर इशारा करते हैं, इस बार राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण के लिए केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ एक रैली भी हुई, जहां उनके बगल में बैठे राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल भी मौजूद थे। कांग्रेस नेता के रूप में सिब्बल दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप सुप्रीमो की “भ्रष्ट” सूची में शीर्ष नामों में से एक पर रहें हैं।
अन्ना हजारे के आंदोलन के शुरुआती वर्षों में, जिसमें केजरीवाल एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी थे, और बाद में आम आदमी पार्टी ने ऐसे कई नामों की लंबी लिस्ट भी तैयार की थी। यह और बात है कि मानहानि के मुकदमों से बाहर निकलने के लिए केजरीवाल उनमें से अधिकतर से “माफी” मांगते रहे हैं।
जिसमें सिब्बल और उनके बेटे अमित भी शामिल थे साथ ही केजरीवाल ने अमित सिब्बल पर हितों के टकराव का आरोप लगाते हुए बोला था कि जब उनके पिता संचार मंत्री थे तब वह एक दूरसंचार कंपनी के लिए अदालत में पेश भी हुए थे।
वहीं दूसरे नेताओं जिनको केजरीवाल ने भ्रष्ट बताया था, उनमें राहुल गांधी, कई यूपीए मंत्री, समाजवादी पार्टी के पूर्व मुखिया मुलायम सिंह यादव, एनसीपी चीफ शरद पवार, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस नेता फारुक अब्दुल्ला आदि के नाम शामिल रहे हैं।