इतिहास- पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पति फिरोज गांधी की बारे में अक्सर यही चर्चाएं होती है कि इन्होंने समाज की कुरीतियों को तोड़ते हुए विवाह किया था और नई मिशाल कायम की थी। लेकिन इनका यह सफर इतना आसान नही था। इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी को अपने प्रेम को विवाह तक ले जाने के लिए काफी संघर्ष से जूझना पड़ा और समाज की तरह तरह की बातों का सामना करना पड़ा।
लेकिन दोनो ने कभी हार नही मानी और साल 24 मार्च 1942 में इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी का विवाह इलाहाबाद में हो गया। महात्मा गांधी जो की अपने परिवार के प्रति शुरुआत से ही सहज रहे हैं। उन्होंने समाज के हित के लिए काफी काम किये। कई बार उन्होंने समाज पर कुछ अपने निर्णय भी थोपे। लेकिन इस सबके बीच उन्होंने अपने परिवार का हित हमेशा चाहा।
समाज मे महात्मा गांधी की खूब इज्जत होती थी। लोग हमेशा इनके समर्थन में खड़े होते थे। लेकिन जब इंदिरा गांधी ने फिरोज शाह से शादी की तो समाज मे उन्हें स्वीकृति नही मिली। गांधी ने बहुत कोशिश की उन्हें समाज मे सम्मान दिलाने की लेकिन जब समाज मे उन्हें अस्वीकार किया तो गांधी ने फिरोज शाह को गोद ले लिया और वह फ़िरोज गांधी बन गए।
क्यों फिरोज को गांधी ने दिया था अपना सरनेम-
महात्मा गांधी काफी तेज व्यक्ति थे। देश के ज्यादातर लोग इस बात में विश्वास करते थे कि उन्होंने हिंसा के पथ पर बिना कदम रखे देश को आजाद करवाया है। लोग यह भी कहते थे कि भारत की आजादी में अगर किसी का सबसे अधिक योगदान है तो वह महात्मा गांधी का है।
लेकिन महात्मा गांधी को राजनीति में जुड़ना भी था और अपने नाम की प्रख्याति वह कई पीढ़ियों तक देखना चाहते थे। गांधी नही चाहते थे कि आगामी समय मे गांधी का अस्तित्व मिट जाए। इसी लिए उन्होंने फिरोज शाह को अपना सरनेम दिया।
क्योंकि गांधी ने अपने राजनैतिक परिदृश्य से इंदिरा गांधी को समझ लिया था। गांधी को यह पता चल चुका था कि अब देश की राजनीति में बड़ा परिवर्तन आने वाला है और इंदिरा गांधी राजनीति में अपनी धाक जमा लेंगी। महात्मा गांधी ने दांव खेला फिरोज शाह को गोद लिया और गांधी सरनेम मिलते ही। गांधी परिवार का जन्म हो गया जो तब से अब तक महात्मा गांधी के गुणगान गाते रहते हैं।
क्यों इंदिरा की शादी के खिलाफ थे नेहरू-
पंडित जवाहर लाल नेहरू इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के रिश्ते से काफी परेशान थे। कट्टरपंथी लगातार इस शादी का विरोध कर रहे थे। नेहरू को डर था की कही यह विरोध इंदिरा गांधी के राजनैतिक करियर को न प्रभावित करें। नेहरू ने अपनी किताब में यह भी कहा है कि मुझे इस बात से समस्या नही है कि इंदिरा ने शादी कर ली है लेकिन मुझे इस विद्रोह की चिंता है कि यह इनके रिश्ते को किस दिशा में लेकर जा रहा है। उन्होंने कहा गांधी ने जो पहल की है वह कई संकेत दे रही है।