इतिहास– शेरशाह सूरी का इतिहास सभी ने पढ़ा होगा। कहते हैं यह एक शक्तिशाली सम्राट था। इसने बिना अपना एक सैनिक गवाए मुगलों को मात दी थी और भारत पर करीब 5 साल तक राज किया।
शेरशाह सूरी पहले बाबर के साथ काम करता था। काम करते करते उसके मन मे यह विचार आया की उसे भविष्य में मुगल की गद्दी पर राज करना है।
वही उसने अपनी रणनीति को मजबूत किया और बाबर के शासन काल मे ही मुगल सत्ता का स्वाद चखा।मुगल की गद्दी पर बैठने के बाद शेरशाह सूरी का नाम फरीद खां हो गया।
जाने बाबर ने कब की थी शेरशाह के सम्राट बनने की घोषणा-
तारीख़-ए- शेरशाही’ के लेखक अब्बास सरवानी अपनी किताब में लिखते हैं। एक बार महल में शेरशाह सूरी और बाबर व कई अन्य लोग खाना खा रहे थे। तभी अचानक से बाबर की नजर शेरशाह सूरी पर पड़ती है। वह कहते हैं इसके तेवर देखो। इसके माथे पर सम्राट बनने की लकीर दिखाई दे रही है।
उन्होंने अपने साथियों को यह हिदायत भी दी की इसे गिरफ्तार कर लो। लेकिन बाबर के साथियों ने कहा यह अनुचित है। शेरशाह में इतना सामर्थ्य नही है कि वह सम्राट बन सके।
लेकिन बाबर की मौत के बाद जब हुमायूं मुगल गद्दी पर बैठ गया। तब शेरशाह ने युद्ध का विचार बना लिया और हुमायूं को मात देकर। मुगल गद्दी पर बैठ गया। शेरशाह ने करीब 5 साल भारत मे राज किया।