UP News: महाराजा सुहेलदेव की कहानी सुनाकर क्यों गरजे सीएम? ₹86 लाख नुकसान का खुलासा भी

Published On: June 10, 2025
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UP News: महाराजा सुहेलदेव की कहानी सुनाकर क्यों गरजे सीएम? ₹86 लाख नुकसान का खुलासा भी
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UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बहराइच (Bahraich) में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम (Grand event) में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने विपक्ष पर जमकर हमला (Attacked opposition) बोला। मौका था महान सम्राट महाराजा सुहेलदेव (Maharaja Suheldev) की भव्य प्रतिमा के अनावरण (Statue unveiling) का, लेकिन सीएम योगी ने इस मंच का इस्तेमाल इतिहास के सम्मान (Respect for history) और वर्तमान की राजनीति (Current politics) को जोड़ने के लिए किया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि महाराजा सुहेलदेव को जो सम्मान मिलना चाहिए था, वह पिछली सरकारों (Previous governments) द्वारा नहीं दिया गया।

मुख्यमंत्री ने ‘डबल इंजन’ (Double engine government) वाली भाजपा सरकार (BJP government) के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) की ‘विरासत और विकास’ (Virasat aur Vikas) की नीति को आगे बढ़ाते हुए यह प्रतिमा स्थापित की गई है। उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार ने महाराजा सुहेलदेव के सम्मान में कई कदम उठाए हैं, जिनमें बहराइच के मेडिकल कॉलेज (Medical College Bahraich) और आजमगढ़ के विश्वविद्यालय (Azamgarh University) का नामकरण उनके नाम पर करना शामिल है। यह दिखाता है कि भाजपा सरकार किस तरह राष्ट्रनायकों (National heroes) को उनका उचित स्थान दे रही है।

सीएम योगी ने कहा कि यह कार्यक्रम सिर्फ एक प्रतिमा का अनावरण नहीं है, बल्कि यह महापुरुषों (Great personalities) के प्रति सम्मान की सच्ची अभिव्यक्ति (Expression of respect) है। उन्होंने अपने पिछले बयानों को दोहराते हुए कहा कि अब विदेशी आक्रांताओं (Foreign invaders) का महिमामंडन (Glorification) बंद होना चाहिए और देश के असली राष्ट्रनायकों का सम्मान (Honor national heroes) होना चाहिए।

सीएम ने आज से 1,000 साल पहले के इतिहास (History) की ओर ले जाते हुए महाराजा सुहेलदेव के शौर्य और पराक्रम (Bravery and valor) की गाथा सुनाई। उन्होंने बताया कि 10 जून 1034 को गजनी से भारत को लूटने (Loot India) के इरादे से 3 लाख की विशाल सेना (Army of 3 lakh) लेकर आए विदेशी आक्रांता सालार मसूद (Salar Masood) को महाराजा सुहेलदेव ने कैसे धूल चटाई थी।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाराजा सुहेलदेव ने अपनी अद्भुत कूटनीति (Diplomacy) का इस्तेमाल करते हुए मथुरा (Mathura) से लेकर बहराइच तक सालार मसूद के रास्ते में बाधाएं खड़ी कीं। इसका नतीजा यह हुआ कि बहराइच पहुँचते-पहुँचते उसकी आधी सेना खत्म हो चुकी थी। जब वह महाराजा सुहेलदेव के सामने आया, तो सीएम योगी के शब्दों में, “महाराजा सुहेलदेव ने कुल 20 से 25 हज़ार सैनिकों के साथ उन विदेशी आक्रांताओं को गाजर-मूली की तरह काट दिया (Cut like carrots and radishes)।” सालार मसूद को जिंदा पकड़ लिया गया और उसे ऐसी सजा दी गई जो इस्लाम के अनुसार जहन्नुम में जाने की गारंटी देती है। यह कहानी भारतीय इतिहास (Indian history) के उस गौरवशाली अध्याय (Glorious chapter) को याद दिलाती है जिसे अक्सर भुला दिया गया।

‘नाइंसाफी नहीं होने देंगे…’ (Will not allow injustice)

सीएम ने इस बात पर जोर दिया कि भले ही इतिहास लिखने वालों ने महाराजा सुहेलदेव (Maharaja Suheldev in History) और इस युद्ध में भाग लेने वाले वीर योद्धाओं (Brave warriors) के साथ नाइंसाफी (Injustice) की हो, उन्हें भुला दिया गया हो, लेकिन डबल इंजन की सरकार ऐसा नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने धर्म (Dharma) और धरा (Land) को बचाने के लिए इस युद्ध में अपना योगदान दिया था, उन्हें पिछली सरकारों ने बुनियादी सुविधाओं (Basic facilities) से भी वंचित रखा।

उन्होंने सीधे तौर पर कांग्रेस (Congress) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party – SP) से सवाल किया, “महाराज सुहेलदेव के नाम पर यह स्मारक पहले क्यों नहीं बन पाया? क्योंकि उन्हें वोट बैंक (Vote bank) की चिंता थी।” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और सपा जैसी पार्टियों को डर था कि अगर वे महापुरुषों का सम्मान करेंगे तो उनकी तुष्टीकरण की नीति (Appeasement policy) फेल हो सकती है और मुस्लिम वोट बैंक (Muslim vote bank) नाराज हो सकता है। यही कारण है कि वे विदेशी आक्रांताओं के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोलते थे।

योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि जो लोग आज भी जिन्ना का महिमामंडन (Glorify Jinnah) करते हैं (यहां उन्होंने स्पष्ट रूप से समाजवादी पार्टी की ओर इशारा किया), वे तब चुप रहते हैं जब भाजपा सरदार पटेल की जयंती (Sardar Patel Jayanti) पूरे देश में मनाती है। उन्होंने याद दिलाया कि जब भाजपा महाराजा सुहेलदेव के विजयोत्सव (Vijayotsav) को मनाने की बात करती थी, तो कांग्रेस और सपा ‘गाजी मियां का विवाह’ (Ghazi Miyan ka Vivah) जैसे कार्यक्रमों का समर्थन करते थे। सीएम ने उन लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने अब गाजी के नाम पर होने वाले ऐसे आयोजनों को बंद कराया है।

उन्होंने आगे कहा कि वे कौन लोग थे जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) का विरोध किया? वे कौन लोग थे जिन्होंने महान पासी योद्धा बिजली पासी (Bijli Pasi) के शौर्य को भुलाने का काम किया? सीएम ने घोषणा की कि जिस तरह अयोध्या में भव्य राम मंदिर (Grand Ram Mandir in Ayodhya) बन गया है और राजा राम का दरबार (Raja Ram ka Darbar) सज चुका है, उसी तरह लखनऊ (Lucknow) में बिजली पासी का भी भव्य स्मारक (Bijli Pasi memorial in Lucknow) बनाया जाएगा। उन्होंने 1857 की क्रांति (1857 Revolution) की वीरांगनाओं (Viranganas) को भी याद किया जिन्होंने अंग्रेजों के दांत खट्टे (Defeated British) कर दिए थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह भाषण साफ संदेश था कि उनकी सरकार राष्ट्र नायकों के सम्मान, इतिहास के गौरव और विकास के एजेंडे पर आगे बढ़ेगी, जबकि विपक्ष केवल वोट बैंक की राजनीति और तुष्टीकरण में लगा हुआ है। यह बहराइच का कार्यक्रम सिर्फ एक प्रतिमा अनावरण नहीं, बल्कि एक राजनीतिक मंच बन गया जहां से भाजपा ने अपनी विचारधारा और विपक्ष की नीतियों के बीच का अंतर स्पष्ट रूप से रेखांकित किया।


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