UP agriculture scheme: यूपी सरकार की नई ‘खेत-तालाब’ योजना, 52,500 रुपये का अनुदान, ऐसे करें आवेदन

Published On: June 17, 2025
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UP agriculture scheme: यूपी सरकार की नई 'खेत-तालाब' योजना, 52,500 रुपये का अनुदान, ऐसे करें आवेदन

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UP agriculture scheme: यूपी सरकार की नई ‘खेत-तालाब’ योजना, 52,500 रुपये का अनुदान, ऐसे करें आवेदन: उत्तर प्रदेश, कृषि प्रधान राज्य के रूप में, हमेशा से किसानों की खुशहाली के लिए प्रतिबद्ध रहा है। इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की सिंचाई समस्याओं को स्थायी रूप से हल करने और जल संचयन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बहुचर्चित खेत-तालाब योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह योजना किसानों को उनके खेतों में तालाब निर्माण के लिए 50% तक का भारी अनुदान प्रदान कर रही है, जिससे उन्हें पूरे वर्ष सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सकेगा। यह निश्चित रूप से यूपी में कृषि विकास और किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा।

खेत-तालाब योजना का लाभ और आवेदन प्रक्रिया

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत संचालित यह खेत-तालाब योजना, प्रदेश के किसानों के लिए वर्ष भर सिंचाई के पानी का साधन उपलब्ध कराती है। प्रत्येक वर्ष हज़ारों किसान इस योजना का लाभ उठा रहे हैं और अपनी कृषि को अधिक लाभकारी बना रहे हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष (2025-26) के लिए आवेदन प्रक्रिया 3 जून से शुरू हो चुकी है, जिससे किसानों को इस महत्वपूर्ण सुविधा का जल्द से जल्द लाभ उठाने का अवसर मिल सके।

यदि आप एक उत्तर प्रदेश के किसान हैं और इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट – https://agridarshan.up.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन प्रक्रिया बेहद सरल और पारदर्शी बनाई गई है, ताकि दूर-दराज के किसान भी आसानी से इसका हिस्सा बन सकें। आवेदन करते समय, “पहले आओ, पहले पाओ” के सिद्धांत का पालन किया जाएगा, इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे बिना देरी किए आवेदन करें ताकि इस यूपी सरकारी योजना का लाभ उठा सकें।

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अनुदान और खर्च का विस्तृत विवरण

खेत-तालाब योजना की शुरुआत वर्ष 2017-18 में की गई थी, और तब से लेकर वित्तीय वर्ष 2024-25 तक, राज्य में कुल 37,403 खेत-तालाब बनाए जा चुके हैं, जो योजना की सफलता का प्रमाण है। इस योजना के तहत, 22x20x3 मीटर माप वाले एक छोटे तालाब के निर्माण पर अनुमानित कुल 1,05,000 रुपये का खर्च आता है। इसमें से 52,500 रुपये (यानी 50%) का सीधा अनुदान (सब्सिडी) सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि आवेदन करते समय किसान को ऑनलाइन माध्यम से 1,000 रुपये की टोकन मनी जमा करनी होगी। आवेदन के साथ-साथ, संबंधित खेत के खसरा-खतौनी और एक स्व-घोषणा पत्र को ऑनलाइन अपलोड करना अनिवार्य होगा।

सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की अनिवार्यता और योग्यता

इस योजना के तहत अनुदान का लाभ लेने के लिए लाभार्थियों को अपने खेत पर सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली (Micro Irrigation System), जैसे कि ड्रिप या स्प्रिंकलर, स्थापित करना आवश्यक होगा। यह नियम जल संरक्षण के सिद्धांत को बढ़ावा देने और पानी के कुशल उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है, जो ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ के राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप है।

इसके अलावा, आवेदन के पात्र वे किसान होंगे जिन्होंने आवेदन की तिथि से पिछले सात वर्षों के भीतर उद्यान या कृषि विभाग के माध्यम से अपने खेत पर सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली सफलतापूर्वक स्थापित की है और उसे चालू रखा है। सत्यापन प्रक्रिया के दौरान, किसानों को उद्यान विभाग द्वारा प्रदान किया गया त्रिपक्षीय अनुबंध (Tripartite Agreement) भी उपलब्ध कराना होगा। अनुदान राशि लाभार्थी किसान के बैंक खाते में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे दो किस्तों में भुगतान की जाएगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो सके।

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पंपसेट पर भी अनुदान की सौगात

खेत-तालाब योजना के लाभार्थियों को सरकार एक अतिरिक्त प्रोत्साहन भी दे रही है। तालाब के साथ-साथ, उन्हें पंप सेट की खरीद पर भी 50 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा, जिसकी अधिकतम सीमा 15,000 रुपये प्रति इकाई निर्धारित की गई है। इस पंपसेट अनुदान के लिए आवेदन करने हेतु एक अलग ऑनलाइन पोर्टल खोला जाएगा। यह अनुदान उन किसानों के लिए होगा जिन्होंने लॉग इन तिथि तक उद्यान विभाग से सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित कर ली है और खेत-तालाब योजना में तालाब का निर्माण करवा चुके हैं।

यह योजना न केवल किसानों को पानी की समस्या से मुक्ति दिलाएगी बल्कि उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित करेगी, जिससे उत्तर प्रदेश की कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी और किसानों का जीवन स्तर बेहतर होगा। यह जल प्रबंधन यूपी और कृषक समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।

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