इस्लामाबाद में मशहूर टिकटॉकर सना यूसुफ की गोली मारकर हत्या, पति पर लगा आरोप, जांच जारी
इस्लामाबाद, पाकिस्तान: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जिसने सोशल मीडिया जगत, खासकर टिकटॉक कम्युनिटी पाकिस्तान (TikTok community Pakistan) को झकझोर कर रख दिया है। लोकप्रिय पाकिस्तानी टिकटॉकर सना यूसुफ (Pakistani TikToker Sana Yousuf), जिन्हें उनके फैंस “मिस रोज़” (Miss Rose) के नाम से भी जानते थे, की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या (murder) कर दी गई है। यह दर्दनाक घटना इस्लामाबाद के जी-11 सेक्टर में हुई बताई जा रही है।
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क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स और समा टीवी के अनुसार, सना यूसुफ की हत्या (Sana Yousuf’s murder) का आरोप उनके अपने पति अब्दुल गफ्फार पर लगा है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, दोनों के बीच घरेलू विवाद (domestic dispute) चल रहा था। बताया जा रहा है कि सना यूसुफ अपने पति से तलाक (divorce) लेना चाहती थीं और इसी वजह से वह कुछ समय से अपने पति से अलग, एक दोस्त के साथ रह रही थीं।
आरोप है कि उनका पति अब्दुल गफ्फार उनसे मिलने और सुलह करने के लिए उनके पास आया था। इसी दौरान दोनों के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद तैश में आकर अब्दुल गफ्फार ने कथित तौर पर सना पर 30 बोर की पिस्तौल से गोली (shot with a 30-bore pistol) चला दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
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पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही इस्लामाबाद पुलिस (Islamabad Police) मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी पति अब्दुल गफ्फार को गिरफ्तार (arrested) कर लिया है और उसके खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली है। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार भी बरामद करने का दावा किया है। फिलहाल, मामले की गहन जांच (investigation) की जा रही है ताकि हत्या के पीछे के सभी पहलुओं और सटीक कारणों का पता लगाया जा सके।
सोशल मीडिया पर शोक की लहर
टिकटॉकर सना यूसुफ की मौत (TikToker Sana Yousuf death) की खबर फैलते ही उनके फॉलोअर्स और सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों में शोक की लहर दौड़ गई। कई यूजर्स उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं और इस जघन्य अपराध (crime) के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। यह घटना पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा (violence against women) और घरेलू हिंसा के मामलों (cases of domestic violence) पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े करती है।