Iran Israel Conflict: मध्य-पूर्व में इजरायल और ईरान (Israel and Iran) के बीच जारी तनाव अब सीधे संघर्ष का रूप लेता जा रहा है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक भू-राजनीति (Global Geopolitics) पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है। मंगलवार को इजरायल की सेना (Israel Defense Forces – IDF) ने एक सनसनीखेज़ दावा किया है कि उसने ईरान के एक बड़े और अत्यंत प्रभावशाली सैन्य कमांडर अली शादमानी (Ali Shadmani) को मार गिराया है। आईडीएफ (IDF) ने शादमानी को ईरान का युद्धकालीन सेना प्रमुख (Wartime Chief of Iranian Army) बताया है, जिससे इस कार्रवाई की गंभीरता और भी बढ़ जाती है।
यह बड़ा हमला इज़रायल के ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ (Operation Rising Lion) के ठीक बाद हुआ है, जिसके तहत इजरायल ने इससे पहले ईरान के एक और दिग्गज सैन्य अधिकारी, मेजर जनरल गुलाम अली राशिद (Major General Gholam Ali Rashid) को भी मारने का दावा किया था। राशिद की मौत ईरानी सेना के लिए एक बड़ा झटका थी, और अब शादमानी की मौत से यह संकट और गहरा हो गया है।
कौन थे अली शादमानी? ईरान के लिए क्यों इतना बड़ा नुकसान?
ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी तस्नीम के अनुसार, मेजर जनरल गुलाम अली राशिद की मौत के बाद ही अली शादमानी (Who was Ali Shadmani) को ईरानी सैन्य कमान में सबसे ऊपर यानी नया सैन्य कमांडर नियुक्त किया गया था। उन्हें ‘खातम अल-अंबिया सेंट्रल हेडक्वार्टर’ (Khatam al-Anbiya Central Headquarter) जैसे महत्वपूर्ण रणनीतिक मुख्यालय की कमान सौंपी गई थी, जो ईरानी सेना की उच्च-स्तरीय रणनीति और परिचालन को नियंत्रित करता है।
शादमानी (Ali Shadmani Profile) ईरान के आपातकालीन सैन्य कमांडर के तौर पर भी जाने जाते थे और हाल ही में उन्हें पूरी ईरानी सेना (Iranian Army) का प्रमुख बनाया गया था। उन्होंने ईरान की नियमित सेना और रिवोल्यूशनरी गार्ड (Islamic Revolutionary Guard Corps – IRGC) दोनों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली थीं, जो उन्हें ईरान के सबसे अहम और ताकतवर सैन्य अधिकारियों में से एक बनाती थीं। उनकी मौत को ईरानी सेना के लिए एक बड़ा और अपूरणीय क्षति (Big Loss for Iranian Army) बताया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने कई वर्षों तक ईरान की रक्षा रणनीति और सैन्य अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव (Israel Iran Escalation) के बीच इस तरह के हाई-प्रोफाइल सैन्य अधिकारी की मौत से हालात और भी गंभीर होने की आशंका है।
तेल अवीव और यरूशलम में जोरदार धमाके, मिसाइल हमले का दावा
मंगलवार का दिन इस पूरे संघर्ष में एक नया मोड़ लेकर आया, जब इजरायल के दो प्रमुख शहरों तेल अवीव (Tel Aviv) और यरूशलम (Jerusalem) में जोरदार धमाकों (Explosions in Tel Aviv and Jerusalem) की आवाज़ें सुनी गईं, जिससे वहां दहशत फैल गई। समाचार एजेंसी एएफपी (AFP) के मुताबिक, इजरायल के कई हिस्सों में अचानक साइरन (Sirens in Israel) बजने लगे, जिसके बाद इजरायली सेना ने पुष्टि की कि ईरान से इजरायली क्षेत्र की ओर मिसाइलें (Iranian Missiles on Israel) दागी गई हैं। यह सीधा हमला दोनों देशों के बीच युद्ध के जोखिम को बढ़ा रहा है।
इजरायली सेना का आधिकारिक बयान: ‘हवा में ही रोकी मिसाइलें’
इजरायली सेना (Israeli Military Statement) ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए बताया, “कुछ देर पहले, ईरान से इजरायल की ओर मिसाइलें आने की जानकारी मिलने के बाद कई इलाकों में सायरन बजाए गए। हमारी वायुसेना (Israeli Air Force) मिसाइलों को रोकने (Missile Interception) और ज़रूरत पड़ने पर जवाबी हमला (Retaliatory Attack) करने में सक्रिय रूप से लगी हुई है।” लगभग 20 मिनट बाद, इजरायली सेना ने एक और बयान जारी कर लोगों को सुरक्षित स्थानों से बाहर आने की अनुमति दी, जिससे शुरुआती खतरा टलने का संकेत मिला। सेना ने यह भी पुष्टि की कि जिन जगहों पर मिसाइल गिरने की रिपोर्ट मिली थी, वहां सर्च और रेस्क्यू टीमों (Search and Rescue Teams Israel) को तुरंत भेजा गया था, ताकि किसी भी क्षति या हताहत की जांच की जा सके। यह इजरायल की हवा से मार करने वाली क्षमता (Israel Air Defense) और जवाबी कार्रवाई की तत्परता को दर्शाता है।
भारतीय दूतावास की अपील: तेहरान छोड़ें भारतीय नागरिक
इस बिगड़ते सुरक्षा माहौल के बीच, ईरान की राजधानी तेहरान में स्थित भारतीय दूतावास (Indian Embassy in Tehran) ने वहां रह रहे भारतीय नागरिकों (Indian Citizens in Iran) और भारतीय मूल के लोगों (PIOs) से तत्काल अपील (Indian Embassy Appeal) की है। दूतावास ने सलाह दी है कि जो लोग अपनी निजी गाड़ी या अन्य साधनों से शहर छोड़कर किसी सुरक्षित स्थान पर जा सकते हैं, वे जल्द से जल्द ऐसा करें।
दूतावास ने अपने संदेश में विशेष रूप से कहा, “जो भारतीय और पीआईओ खुद के साधनों से बाहर निकल सकते हैं, वे तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं।” यह पहली बार है जब भारतीय दूतावास (Embassy of India Iran) ने लोगों से तेहरान छोड़ने (Leave Tehran Advisory) की ऐसी सीधी और स्पष्ट सलाह दी है। रिपोर्टों के अनुसार, तेहरान में डर का माहौल है और लोग बड़ी संख्या में शहर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की ओर रुख कर रहे हैं। यह स्थिति इस मिडिल ईस्ट संघर्ष (Middle East Conflict) की गंभीरता और भारत पर इसके भू-रणनीतिक प्रभावों को दर्शाती है, विशेष रूप से अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के मामले में।