West Bengal

West Bengal: बंगाल में हिंसा पर भड़कीं ममता बनर्जी, दंगाइयों को सख्त चेतावनी – ‘कानून हाथ में मत लो

West Bengal: पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध में फैली हिंसा की आग ठंडी होने का नाम नहीं ले रही है। लगातार हो रही घटनाओं से माहौल तनावपूर्ण है और ऐसा लगता है कि अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का धैर्य भी जवाब दे रहा है। उन्होंने बेहद सख्त लहजे में दंगाइयों को चेतावनी दी है, चाहे वे किसी भी समूह या पहचान के हों।

‘A, B, C, D… कोई भी हो, कानून से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं’

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ शब्दों में कहा, “आप कोई भी हों – A, B, C, D, E, F… कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन कानून को अपने हाथ में लेने की हिमाकत न करें।” उन्होंने जोर देकर कहा कि शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार सभी को है, लेकिन हिंसा और अराजकता फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। ममता ने कहा, “कानून की रक्षा के लिए रक्षक हैं, हमें कानून के भक्षक नहीं चाहिए।”

धर्म का मतलब नफरत नहीं, प्यार और एकता है

कालीघाट में एक कार्यक्रम के दौरान ममता बनर्जी ने धर्म के असली मतलब पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “धर्म के साथ खिलवाड़ मत करो। धर्म का मतलब है भक्ति, स्नेह, मानवता, शांति, सौहार्द, संस्कृति, सद्भाव और एकता।” उन्होंने मानवता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “इंसानों से प्यार करना किसी भी धर्म की सबसे बड़ी अभिव्यक्ति है। हम अकेले पैदा होते हैं और अकेले मरते हैं, तो फिर ये लड़ाई-झगड़ा, दंगे और अशांति क्यों?”

पीड़ितों के साथ खड़ी है सरकार

ममता बनर्जी ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार हमेशा उत्पीड़ितों, वंचितों और हाशिए पर पड़े लोगों के साथ खड़ी है, चाहे उनका धर्म या पृष्ठभूमि कुछ भी हो। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और बंगाल की शांतिपूर्ण छवि को बनाए रखने की अपील की, जिसे उन्होंने ‘सोने की तरह शुद्ध मिट्टी’ कहा।

हालिया झड़पें

मुख्यमंत्री की यह कड़ी चेतावनी ऐसे समय में आई है जब हाल ही में दक्षिण 24 परगना जिले में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस घटना में कई लोग घायल हुए और पुलिस वाहनों में आग लगा दी गई थी। पुलिस के अनुसार, यह झड़प तब हुई जब ISF समर्थकों को बिना अनुमति के कोलकाता में रैली करने से रोका गया।

ममता बनर्जी का यह कड़ा रुख स्पष्ट संदेश देता है कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसे भंग करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।