Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश का एक इलाका… जहाँ कभी कुख्यात डाकुओं का ऐसा आतंक था कि लोग दिन में भी गुजरने से कांपते थे। जहाँ की जमीन की कीमत कौड़ियों के बराबर भी नहीं थी। लेकिन वक्त बदला, तस्वीर बदली और अब उसी इलाके की मिट्टी सोना उगल रही है! इतना ही नहीं, अब वहाँ बने शानदार गंगा एक्सप्रेसवे पर राफेल और जगुआर जैसे दुनिया के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान गरजने वाले हैं। आइए जानते हैं इस हैरतअंगेज बदलाव की पूरी कहानी।
वो दौर, जब गोलियों की गूंज थी आम:
चंबल और यमुना किनारे बसे इटावा, औरैया, जालौन जैसे जिलों से सटा शाहजहांपुर जिले का जलालाबाद तहसील क्षेत्र… एक वक्त था जब यहाँ कल्लू जैसे कुख्यात डाकुओं का राज चलता था। खौफ का आलम ऐसा कि सूरज ढलने का इंतजार कौन करे, लोग दिन के उजाले में भी इस इलाके से निकलने में सौ बार सोचते थे। जमीनें या तो बंजर पड़ी थीं या डर के मारे कोई उन पर खेती नहीं करता था, नतीजा – कीमतें ना के बराबर।
2017 के बाद बदला मंजर, एक्सप्रेसवे ने फूंकी जान:
साल 2017 के बाद प्रदेश में माहौल बदला और इस इलाके से भी डर का साया हटने लगा। लेकिन असली कायापलट तब हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में यहाँ गंगा एक्सप्रेसवे की सौगात दी। मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाला यह विशाल एक्सप्रेसवे शाहजहांपुर की जलालाबाद तहसील के पेरू गांव से होकर गुजरता है।
इस एक्सप्रेसवे ने मानो जादू कर दिया:
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डर खत्म, खेती शुरू: लोग बेखौफ होकर अपने खेतों पर लौटने लगे। गेहूं, धान, गन्ने की फसलें लहलहाने लगीं।
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मिट्टी बनी सोना: जिन जमीनों को कोई पूछता नहीं था, उनकी कीमतें आज आसमान छू रही हैं। किसानों की जिंदगी में खुशहाली आई है।
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विकास की रफ्तार: एक्सप्रेसवे ने इलाके को सीधे बड़े शहरों से जोड़ दिया, जिससे व्यापार और विकास के नए रास्ते खुले।
अब आसमान में दिखेंगे हैरतअंगेज करतब:
गंगा एक्सप्रेसवे की सबसे खासियतों में से एक है इस पर बनाई गई लगभग 500 मीटर लंबी आपातकालीन हवाई पट्टी (Airstrip)। यह हवाई पट्टी सिर्फ सड़क नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक संपत्ति है।
और अब, 2 और 3 मई को, इसी हवाई पट्टी पर भारतीय वायुसेना एक बड़ा अभ्यास करने जा रही है। इस दौरान राफेल, जगुआर और सुखोई जैसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान इस एक्सप्रेसवे पर लैंडिंग और टेक-ऑफ का अभ्यास करेंगे। सोचिए, जिस जमीन पर कभी गोलियां गरजती थीं, वहाँ अब फाइटर जेट्स की गड़गड़ाहट सुनाई देगी!
क्यों खास है यह हवाई पट्टी?
शाहजहांपुर में बनी यह हवाई पट्टी सिर्फ दिखावे के लिए नहीं है, बल्कि देश की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है:
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सीमाओं के करीब: यहाँ से चीन बॉर्डर करीब 250 किमी और नेपाल बॉर्डर लगभग 150 किमी दूर है।
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रक्षा उत्पादन केंद्रों के पास: देश की महत्वपूर्ण ऑर्डनेंस (गोला-बारूद) फैक्ट्रियां भी 100-150 किमी के दायरे में हैं।
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आपात स्थिति में वरदान: किसी भी आपातकालीन स्थिति में, यह हवाई पट्टी वायुसेना को तुरंत एक्शन लेने और रसद पहुंचाने में मददगार साबित होगी।
यह कहानी है उत्तर प्रदेश के बदलते हुए चेहरे की। जहाँ कभी डर और पिछड़ापन था, वहाँ आज विकास की उड़ान और राष्ट्रीय सुरक्षा की मजबूत दीवार खड़ी हो रही है। गंगा एक्सप्रेसवे और उस पर लड़ाकू विमानों का उतरना, सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि एक नए, सशक्त और विकसित उत्तर प्रदेश का प्रतीक है।