Rajasthan News : राजस्थान और मध्य प्रदेश के रेल यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है! दोनों राज्यों के बीच कनेक्टिविटी को एक नई उड़ान मिलने वाली है। जल्द ही कोटा (राजस्थान) और श्योपुर (मध्य प्रदेश) के बीच 103 किलोमीटर लंबी, बिल्कुल नई ब्रॉडगेज रेल लाइन बिछाने का काम शुरू होने की उम्मीद है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से न सिर्फ सफर आसान होगा, बल्कि कोटा जिले के कई गांवों की तस्वीर भी बदल जाएगी, क्योंकि इस रूट पर 6 नए स्टेशन भी बनाए जाएंगे! आइए जानते हैं इस पूरी योजना के बारे में विस्तार से।
क्या है पूरी परियोजना? (ग्वालियर तक जुड़ेगा कोटा)
यह नई 103 किमी की लाइन असल में एक बड़ी कोटा-श्योपुर-ग्वालियर (284 किमी) रेल परियोजना का हिस्सा है। इस परियोजना के दो मुख्य भाग हैं:
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ग्वालियर-श्योपुर खंड (190 किमी): यहाँ पहले छोटी लाइन (नैरोगेज) थी। इसे हटाकर बड़ी लाइन (ब्रॉडगेज) बिछाने का काम पहले से चल रहा है। यह काम 2018 में शुरू हुआ था और ग्वालियर से कैलारस तक मेमू ट्रेन चलने भी लगी है। अब इसे श्योपुर तक बढ़ाने का काम जारी है।
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श्योपुर-कोटा खंड (103 किमी): यह बिल्कुल नई ब्रॉडगेज लाइन होगी, जो श्योपुर को सीधे कोटा से जोड़ेगी। इसी 103 किमी हिस्से के लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है।
नई लाइन (श्योपुर-कोटा) की खास बातें:
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लंबाई: 103 किलोमीटर
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नए स्टेशन (कोटा जिले में): इस नई लाइन पर कोटा जिले में 6 नए स्टेशन बनाए जाएंगे – पीपल्दा, गणेशगंज, दोस्तपुरा, बड़ौद, उम्मेदपुरा, और सुल्तानपुर।
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मौजूदा स्टेशन: इनके अलावा, दीगोद और मोतीपुरा चौकी स्टेशन, जो पहले से मौजूद हैं, वो भी इस नए रूट का हिस्सा होंगे। कुल मिलाकर कोटा जिले में इस नई लाइन पर 8 स्टेशन (6 नए + 2 मौजूदा) होंगे।
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सर्वे पूरा, मंजूरी का इंतजार: इस नई लाइन के लिए पहले सर्वे हुआ था, जिस पर रेलवे बोर्ड ने कुछ आपत्तियां लगाकर रूट बदलने को कहा था। अब दोबारा सर्वे करके, दूरियां कम करते हुए, रिपोर्ट फिर से रेलवे बोर्ड को मंजूरी के लिए भेजी गई है।
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भूमि अधिग्रहण: इस लाइन के लिए कोटा जिले में लगभग 583.84 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
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बजट: परियोजना के लिए सरकार ने (संभवतः भूमि अधिग्रहण या शुरुआती चरण के लिए) ₹374.70 करोड़ का बजट भी मंजूर कर दिया है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
कोटा रेल मंडल के सीनियर डीसीएम सौरभ जैन के अनुसार, ग्वालियर-श्योपुर-कोटा परियोजना का सर्वे रेलवे बोर्ड को भेजा जा चुका है। अलाइनमेंट और डीपीआर (Detailed Project Report) को मुख्यालय से अनुमोदन मिल चुका है। काम का एस्टीमेट (लागत अनुमान) रेलवे बोर्ड को स्वीकृति के लिए भेजा गया है।
क्या होंगे फायदे?
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सीधी कनेक्टिविटी: कोटा और ग्वालियर के बीच एक सीधा और तेज रेल मार्ग उपलब्ध होगा।
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समय की बचत: यात्रियों का काफी समय बचेगा।
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गांवों का विकास: कोटा जिले के पीपल्दा, गणेशगंज, दोस्तपुरा, बड़ौद जैसे कई गांव सीधे रेल नेटवर्क से जुड़ जाएंगे, जिससे उनका विकास होगा।
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व्यापार को बढ़ावा: दोनों राज्यों के बीच माल ढुलाई आसान होगी, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
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पर्यटन को लाभ: यात्रा सुगम होने से पर्यटन को भी फायदा मिलने की उम्मीद है।
कोटा-श्योपुर-ग्वालियर रेल परियोजना, खासकर कोटा-श्योपुर नई लाइन, राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच संबंधों को और मजबूत करेगी। रेलवे बोर्ड से अंतिम मंजूरी मिलते ही इस पर काम शुरू होने की उम्मीद है, जिससे लाखों यात्रियों का सपना साकार होगा और क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी।