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Join NowYogi Adityanath government: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के निवासियों के लिए एक बड़ी और ऐतिहासिक खुशखबरी है। शहर को ट्रैफिक जाम की विकराल समस्या से निजात दिलाने और यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम शुरू कर दिया है। इस मेगा प्रोजेक्ट के तहत शहर में 13 किलोमीटर लंबा, चार लेन का एक विशाल एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जाएगा, जिससे लाखों लोगों का सफर आसान और तेज हो जाएगा।
यह परियोजना न केवल शहर की सड़कों पर वाहनों का दबाव कम करेगी, बल्कि लखनऊ की कनेक्टिविटी को भी एक नए स्तर पर ले जाएगी।
कहां से कहां तक बनेगा यह कॉरिडोर?
मिली जानकारी के अनुसार, यह विशाल चार लेन का एलिवेटेड कॉरिडोर वीवीआईपी क्षेत्र कालिदास मार्ग से शुरू होकर पारा रोड के रास्ते आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के प्रवेश बिंदु तक बनाया जाएगा। यह लगभग 13 किलोमीटर लंबा होगा। इस कॉरिडोर का निर्माण उत्तर प्रदेश सेतु निगम द्वारा किया जाएगा और इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (Detail Project Report – DPR) तैयार करने का काम जोरों पर है।
घंटों का सफर अब मिनटों में होगा तय
इस कॉरिडोर के बन जाने से यात्रा के समय में एक क्रांतिकारी बदलाव आएगा।
- अनुमानित खर्च: इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर अनुमानित ₹2270 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
- समय की बचत: एक बार एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण पूरा हो जाने के बाद, आगरा एक्सप्रेसवे से हजरतगंज जैसे शहर के मुख्य केंद्र तक की दूरी तय करने में मात्र 20 मिनट का समय लगेगा। इससे हर दिन लाखों लोगों का कीमती समय बचेगा और ईंधन की भी बचत होगी।
- रूट प्लान: यह कॉरिडोर हैदर कैनाल के ऊपर बनाया जाएगा, जिससे राजाजीपुरम, आलमबाग और पारा जैसे शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों से गुजरने की जरूरत नहीं पड़ेगी और लोगों को एक आसान और तेज आवागमन का विकल्प मिलेगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ड्रीम प्रोजेक्ट
राजधानी लखनऊ के सांसद और केंद्रीय रक्षा मंत्री, श्री राजनाथ सिंह, इस योजना से सीधे तौर पर जुड़े हैं और यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट माना जा रहा है। उनके प्रतिनिधि और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी, दिवाकर त्रिपाठी ने पुष्टि की है कि इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) अब बन चुकी है, और निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
जनवरी 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य
डीपीआर के अनुसार, इस चार लेन के कॉरिडोर का निर्माण आधुनिक तकनीक और एक मजबूत ढांचे का उपयोग करके किया जाएगा। इस योजना से शहर के ट्रैफिक प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक बदलाव आने की प्रबल संभावना है। यह कॉरिडोर उन इलाकों के लिए एक वरदान साबित होगा, जहां ट्रैफिक जाम एक आम समस्या बन चुकी है।
इस विशाल निर्माण कार्य को जनवरी 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि स्थानीय निवासियों के अलावा राजधानी लखनऊ आने-जाने वाले पर्यटकों और व्यापारियों को भी बेहतर और विश्व स्तरीय सड़क सुविधा मिल सके। सरकार इस योजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।