Join WhatsApp
Join NowUttarakhand: उत्तराखंड में मौसम विभाग (Meteorological Department) की चेतावनी सच साबित हो गई है! बीती रात से जारी मूसलाधार बारिश (Heavy Rainfall) ने राज्य के कई हिस्सों में आफत मचा दी है, खासकर देहरादून (Dehradun) सहित कई जिलों में भारी वर्षा (Heavy Rain) देखने को मिल रही है। मौसम विज्ञान केंद्र (Meteorological Centre) के पूर्वानुमान के अनुसार, देहरादून, टिहरी (Tehri), नैनीताल (Nainital) और बागेश्वर (Bageshwar) जिलों के कुछ हिस्सों के लिए ‘येलो अलर्ट’ (Yellow Alert) जारी किया गया था, और अब प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश दर्ज की जा रही है। उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) अलर्ट मोड पर है और बचाव की तैयारियों में जुटा हुआ है।
पर्वतीय इलाकों में बारिश बनी ‘परेशानी’, मैदानी इलाकों को मिलेगी थोड़ी राहत!
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों (Hilly Areas) में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों (Tourists) के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि प्रदेश के मैदानी इलाकों (Plains) में बारिश की तीव्रता में थोड़ी कमी आ सकती है, जिससे उन्हें कुछ राहत मिलेगी। हालांकि, पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश की गति अभी भी बनी रह सकती है। वैज्ञानिकों ने कुछ अन्य जिलों में गर्जन के साथ तेज बिजली गिरने (Lightning with Thunder) की भी चेतावनी जारी की है, जो इन क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त खतरा पैदा कर सकता है।
154 सड़कें बंद: भूस्खलन से जनजीवन ठप्प, 124 सड़कें खोलने का काम जारी!
राज्य में लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन (Landslides) के कारण अब तक कुल 154 सड़कें (Roads) बंद हो चुकी हैं। राहत की बात यह है कि इनमें से 30 सड़कों को खोल दिया गया है, लेकिन अभी भी 124 सड़कें (124 Roads) बंद हैं और उन्हें खोलने का काम युद्धस्तर (War Footing) पर जारी है। लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) ने विभागीय अधिकारियों को मानसून के दौरान सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जोर दिया है कि सभी अधिकारियों को अपने फोन चालू रखने चाहिए ताकि मार्ग बंद होने की सही और समय पर सूचना लोगों तक पहुँच सके। मंत्री ने यात्रियों की असुविधा (Passenger Inconvenience) को देखते हुए सड़कों को खोलने में किसी भी प्रकार की कोताही न बरतने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि कोई सड़क बंद होती है, तो यात्रियों को उनके पूर्ववर्ती स्टेशन (Preceding Station) पर ही पहले से सूचना (Prior Information) मिल जानी चाहिए और उन्हें वैकल्पिक मार्गों (Alternative Routes) की जानकारी भी प्रदान की जानी चाहिए। यह कदम यात्रियों को अनावश्यक परेशानी से बचाने के लिए उठाया जा रहा है।
मौसम विभाग का येलो अलर्ट और सरकार की सतर्कता:
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश की आशंका को देखते हुए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहने का संकेत देता है। इस अलर्ट को गंभीरता से लेते हुए, उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क हो गया है। विभाग यह सुनिश्चित करने में लगा है कि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा की स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी जा सके। हालांकि, राज्य के कई हिस्सों में तेज बारिश और भूस्खलन की खबरें आ रही हैं, जो चेतावनी की सार्थकता को साबित करती हैं। इन हालात के बीच, भारत के साथ-साथ USA और UK में भी भूस्खलन और भारी बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रबंधन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
यह स्थिति उन यात्रियों के लिए भी चिंताजनक है जो इन दिनों उत्तराखंड की यात्रा की योजना बना रहे हैं। सरकार और मौसम विभाग द्वारा दी जा रही चेतावनियों का पालन करना और यात्रा को लेकर सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है।