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Join NowJalaluddin Chhangoor Baba: धर्मांतरण के एक बड़े मामले में फंसे ‘छांगुर बाबा’ उर्फ जलालुद्दीन (Jalaluddin alias Chhangoor Baba) के काले कारनामों का पर्दाफाश हो रहा है! पूछताछ के दौरान, जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि छांगुर बाबा का नेटवर्क सिर्फ कुछ कट्टरपंथी संगठनों (fundamentalist organizations) तक ही सीमित नहीं था, बल्कि यह नेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के सात संवेदनशील जिलों (seven sensitive districts of Uttar Pradesh bordering Nepal) में सक्रिय ईसाई मिशनरियों (Christian missionaries) के संपर्क में भी था. यह खुलासा एक गहरी साजिश की ओर इशारा कर रहा है, जहाँ धर्मांतरण के खेल में पैसे, इलाज और अच्छी जिंदगी के लालच का इस्तेमाल किया जा रहा था.
सबूतों के जाल में फंसे छांगुर बाबा का नेटवर्क: ईसाई मिशनरियों से कनेक्शन का खुलासा!
जांच एजेंसियों को मिली जानकारी के अनुसार, देवीपाटन मंडल (Devipatan Mandal) में ईसाई मिशनरियों ने हर वर्ग के लोगों को टारगेट करने के लिए अलग-अलग प्रचारक (evangelists) नियुक्त कर रखे हैं. चाहे परिवार में कोई महिला ज्यादा प्रभावशाली हो या कोई बुजुर्ग, उनके लिए खास प्रचारक तैनात हैं. इन मिशनरियों का मकसद सीधा और स्पष्ट है – किसी भी तरह से लोगों को धर्म परिवर्तन (religious conversion) के लिए तैयार करना.
कैसे बिछाया जा रहा था जाल? लालच, मदद और बदलती जिंदगियां!
सूत्रों के मुताबिक, छांगुर बाबा इन मिशनरियों के वालंटियर्स (volunteers) को पैसे देकर काम करवाता था. वे दलित (Dalits), वंचित (deprived), बीमार (sick), और आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों (economically backward families) की जानकारी जुटाते (gather information) थे. इसके बाद, इन परिवारों को आर्थिक मदद (financial assistance), इलाज (medical treatment), और अन्य प्रलोभनों (allurements) का लालच देकर उनका धर्मांतरण कराया जाता था. यह पूरा खेल सुनियोजित तरीके से खेला जा रहा था.
‘नसरीन’ के हाथ में था पूरे खेल का हिसाब-किताब!
धर्मांतरण के इस पूरे गोरखधंधे में, खर्चे का पूरा हिसाब-किताब (complete record of expenses) छांगुर की करीबी सहयोगी नसरीन (Nasreen) रखती थी. यह शक है कि नसरीन धर्मांतरित परिवारों की सूची और उनसे जुड़े खर्चों का ब्यौरा रखती थी, जो शायद एक बड़े रैकेट का हिस्सा था.
वहीं, नीतू का पति नवीन उर्फ जलालुद्दीन (Neetu’s husband Naveen alias Jalaluddin), जो स्थानीय पुलिस और प्रशासन से मिलीभगत (collusion with local police and administration) करके पूरे नेटवर्क को मैनेज करता था. यह खुलासा दिखाता है कि कैसे कुछ लोग सत्ता और प्रभाव का इस्तेमाल गलत कामों को अंजाम देने के लिए कर रहे थे.
‘सफलता की कहानियां’ गढ़कर धर्मांतरण का खेल! कोठी, गाड़ी, दौलत का लालच!
धर्मांतरण कराने के लिए छांगुर बाबा अक्सर नीतू उर्फ नसरीन (Neetu alias Nasreen) और नवीन उर्फ जलालुद्दीन (Naveen alias Jalaluddin) की ‘सक्सेस स्टोरी’ (success story) बनाकर लोगों को प्रभावित करता था. वह लोगों से कहता था, “देखो ये दोनों पहले सिंधी थे (previously Sindhi), फिर इन्होंने इस्लाम कबूल किया (converted to Islam) और अब इनकी जिंदगी बदल गई है. अब इनके पास पैसा है, बड़ी कोठी है, गाड़ी है.” वह लोगों से कहता था कि अगर वे भी इस्लाम स्वीकार कर लें (accept Islam), तो उनकी भी किस्मत बदल जाएगी. इस तरह, लालच और झूठे वादों के सहारे धर्मांतरण का यह रैकेट चल रहा था.
फिलहाल, एटीएस (ATS – Anti-Terrorist Squad) और खुफिया एजेंसियां (intelligence agencies) इस पूरे नेटवर्क की गहनता से जांच (thorough investigation of the entire network) कर रही हैं. ऐसा माना जा रहा है कि छांगुर बाबा के साथ-साथ कई और चेहरे भी जल्द ही बेनकाब हो सकते हैं (several other faces may also be exposed soon), जो इस अवैध धर्मांतरण रैकेट में शामिल हैं.