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Join NowUP : उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण (illegal conversion) के तार अब आतंकी नेटवर्क से जुड़ते नज़र आ रहे हैं। प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के कथित सरगना, जलालुद्दीन उर्फ छांगुर (Jallaluddin alias Chhangur) को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर ला दिया है। छांगुर पर दर्ज की गई एफआईआर (FIR) में उसका आतंकी कनेक्शन (terror connection) भी सामने आया है, जो बेहद चिंताजनक है। एबीपी न्यूज के पास मौजूद एफआईआर की कॉपी में यह दावा किया गया है कि छांगुर न केवल धर्मांतरण का रैकेट चला रहा था, बल्कि वह आतंकी ट्रेनिंग कैंप (terror training camp) भी संचालित करता था। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UPSTF) द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में यह भी कहा गया है कि उसे विदेशी फंडिंग (foreign funding) भी प्राप्त हो रही थी।
नेपाल सीमा पर धर्मांतरण के अड्डे: युवाओं को कट्टरपंथ का पाठ!
छांगुर का आतंकी कनेक्शन सामने आने के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियां (security agencies) बेहद सतर्क हो गई हैं। एफआईआर की कॉपी में यह चौंकाने वाला दावा किया गया है कि छांगुर ने इस्लामिक मूवमेंट (Islamic Movement) के लिए एक खास टीम बनाई थी। इस टीम के ज़रिए वह नेपाल सीमा से सटे गांवों (villages bordering Nepal) में धर्मांतरण के नए अड्डे खोलना चाहता था। इस साजिश को अंजाम देने के लिए, वह तकरीर (भाषण) के बहाने जलसों में पर्चे बंटवाता था, ताकि उसे यह पता चल सके कि सीमावर्ती इलाकों में युवाओं की सोच कैसी है और जिहाद (Jihad) को लेकर उनके क्या विचार हैं। एफआईआर के अनुसारगोल्डमैन सैक्स के अनुसार सोने का भाव 2025, छांगुर चिह्नित युवाओं को पैसे का लालच देकर अपने गिरोह में शामिल करता था और उन्हें कट्टरपंथ की ओर धकेलता था।
‘दारुल उलूम गुफा’ में विदेशी साजिश का जाल: 50 लाख की फंडिंग और भारत-विरोधी एजेंडा!
छांगुर, युवाओं को धर्मांतरण कराने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन (lure and temptation) देता था और इसके लिए उसे विदेशी फंडिंग मिलती थी। जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि उसने ग्राम मझगंवा में “दारुल उलूम गुफा” (Darul Uloom Gufa) नाम से एक मदरसे का निर्माण भी कराया था। इस मदरसे में, गरीब हिंदू और मुस्लिम बच्चों को इस्लामिक शिक्षा (Islamic education) देने के बहाने देश में कट्टरता फैलाने (spreading extremism) की कोशिश की जाती थी। एफआईआर में यह भी दावा किया गया है कि छांगुर और उसके साथी भारत सरकार विरोधी कार्यों (anti-India activities) में सक्रिय रूप से लिप्त थे और देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने (disrupting communal harmony) का काम कर रहे थे। उसका अंतिम लक्ष्य भारत को एक इस्लामिक राष्ट्र (Islamic nation) बनाकर यहां शरिया कानून (Sharia law) लागू करना था।
संदिग्ध पाकिस्तानी नागरिक, वीजा नियमों का उल्लंघन और टेरर नेटवर्क का शक!
रिपोर्ट्स के अनुसार, छांगुर के मदरसे में विदेशी नागरिकों (foreign nationals) की आवाजाही भी होने का दावा किया गया है, जो संभवतः वीजा नियमों का उल्लंघन (visa rule violation) कर रहे थे। एफआईआर में इस बात के भी प्रमाण होने का जिक्र है कि कुछ संदिग्ध पाकिस्तानी नागरिकों (suspected Pakistani nationals) द्वारा इस पूरी साजिश में आर्थिक मदद की जा रही थी। इन सबके पीछे एक बड़े आतंकी नेटवर्क (terror network) के होने का शक जताया गया है, जो भारत की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
FIR में गंभीर धाराओं का जिक्र: देशद्रोह से लेकर FCRA का उल्लंघन!
प्राथमिक जांच में छांगुर के खिलाफ कई गंभीर धाराओं के तहत मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें देशद्रोह (treason), धर्मांतरण कानून का उल्लंघन, विदेशी अनुदान विनियमन अधिनियम (FCRA – Foreign Contribution Regulation Act) का उल्लंघन, महिला उत्पीड़न (woman harassment) और आपराधिक षड्यंत्र रचने (criminal conspiracy) जैसे संगीन आरोप शामिल हैं। इस खुलासे के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) और अन्य सुरक्षा एजेंसियां अब इस पूरे मामले की तह तक जाने के लिए जुट गई हैं और हर एंगल से इसकी जांच कर रही हैं। इस गिरोह के अन्य सदस्यों और उनके नेटवर्क का पता लगाने के लिए गहन तलाशी अभियान जारी है।