Dhokla recipe: शाम के हल्के-फुल्के नाश्ते (Evening snacks) के तौर पर जब कुछ स्वादिष्ट, लेकिन सेहत के लिए भी ठीक (light yet tasty snack) खाने का मन होता है, तो अक्सर हम सभी के दिमाग में सबसे पहले बाजार से ढोकला (Dhokla) लाने का ख्याल आता है। ढोकला मूल रूप से एक प्रसिद्ध गुजराती स्नैक (Gujarati snack) है, लेकिन इसकी लोकप्रियता इतनी अधिक है कि इसे अब पूरे भारत (Popular Indian snack) में लोग बड़े चाव से खाना पसंद करते हैं। चाहे घर में अचानक कोई मेहमान (Guests at home) आ जाएं, या शाम को चाय के साथ कुछ स्पेशल (Tea time snack) चाहिए हो, ढोकला अक्सर हमारी पहली पसंद होता है। आपको भी शायद ढोकला काफी पसंद होगा, लेकिन क्या आपने कभी इसे घर पर बनाकर ट्राई किया है? घर पर ढोकला बनाना (Making Dhokla at home) वैसे तो इतना भी मुश्किल नहीं है, लेकिन फिर भी अक्सर यह बाजार जैसा एकदम नर्म, स्पॉन्जी और जालीदार (soft, spongy, and porous like market dhokla) नहीं बन पाता है।
कई लोगों की यह आम शिकायत (common cooking problem) होती है कि जब भी वे घर पर बेसन का ढोकला (Besan Dhokla) बनाते हैं, तो उसमें पानी और तड़का डालने के बाद भी वह सूखा-सूखा (dry Dhokla) ही बनता है। जिसकी वजह से खाते समय वह गले में लगता है और उसका स्वाद भी उतना अच्छा नहीं आता। ऐसा आमतौर पर तब होता है, जब आप ढोकला बनाने की प्रक्रिया में अनजाने में कुछ छोटी-छोटी, लेकिन महत्वपूर्ण गलतियाँ कर बैठते हैं। इन गलतियों का सीधा असर ढोकले के टेक्सचर (texture) और स्वाद (taste) पर पड़ता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको घर पर परफेक्ट ढोकला (Perfect Dhokla recipe tips) बनाते समय की जाने वाली कुछ ऐसी ही आम गलतियों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं, जिनसे आपको वास्तव में बचना चाहिए, ताकि आपका ढोकला भी बने एकदम बाजार जैसा लाजवाब!
1. बैटर का बहुत ज़्यादा गाढ़ा (थिक) होना (Batter is Too Thick):
किसी भी ढोकला रेसिपी (Dhokla recipe) की शुरुआत अमूमन उसके लिए बैटर तैयार करने (preparing dhokla batter) के साथ होती है। अगर आपका बैटर ही सही कंसिस्टेंसी (right consistency) का नहीं होगा, तो ऐसे में आपका ढोकला भी कभी अच्छा नहीं बनेगा। कई बार ऐसा होता है कि हम जल्दबाजी में या अनुभव की कमी के कारण ढोकले के बैटर को थोड़ा ज्यादा गाढ़ा (thick batter) बना देते हैं। जिसकी वजह से जब हम बैटर को स्टीम (steaming dhokla) करते हैं, तो उसके अंदर हवा का संचार सही ढंग से नहीं हो पाता और नमी (moisture) नहीं बन पाती। ऐसे में तैयार ढोकला सूखा और सख्त (dry and hard Dhokla) हो जाता है। इसलिए, हमेशा इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपका ढोकला बैटर न तो बहुत ज्यादा पतला (too thin) हो जाए और न ही बहुत ज्यादा गाढ़ा (too thick)। बैटर की कंसिस्टेंसी ऐसी होनी चाहिए कि जब आप उसे चम्मच (spoon) से उठाएं और गिराएं, तो उसमें हल्का बहाव (flowing consistency) होना चाहिए, जैसे इडली या डोसा के बैटर की होती है।
2. इनो या बेकिंग सोडा डालने का गलत समय (Wrong Time to Add Eno or Baking Soda):
ढोकला को फुलाने और उसमें जाली (making dhokla spongy) लाने के लिए हम अक्सर ईनो (Eno) या बेकिंग सोडा (Baking Soda) का इस्तेमाल करते हैं। ढोकला बनाते समय ईनो या बेकिंग सोडा को आप बैटर में किस समय मिक्स करते हैं, यह भी ढोकले के परफेक्ट बनने में बहुत मायने रखता है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्टेप (important step in Dhokla) है। अगर आपने ईनो या सोडा को बैटर में बहुत पहले डाल दिया और फिर बैटर को बहुत देर तक ऐसे ही रखा या बार-बार मिलाते (over-mixing batter) रहे, तो ऐसे में ईनो या सोडा से बैटर में बनने वाली आवश्यक गैस (gas bubbles) निकल जाती है। इस कारण, जब आप उसे स्टीम करते हैं, तो वह फूलता नहीं है और ढोकला सख्त (Dhokla becomes dense) हो जाता है। एकदम परफेक्ट, नर्म और स्पॉन्जी ढोकला बनाने के लिए, ईनो या सोडा को हमेशा बैटर को स्टीम करने के लिए बर्तन में डालने से ठीक पहले (just before steaming) ही डालें। इसे डालने के बाद बैटर को हल्के हाथों से (gently mix) केवल एक ही दिशा में तब तक मिलाएं जब तक उसमें झाग या बुलबुले बनने शुरू न हो जाएं। इसके बाद, बिना देर किए, इसे तुरंत चिकनाई लगे स्टीमर ट्रे (steamer tray) में डालें और स्टीमर में रख दें।
3. तड़के में तेल को लेकर कंजूसी करना (Being Stingy with Oil in Tempering):
ढोकला स्टीम होने के बाद उस पर लगाया जाने वाला तड़का (Dhokla tempering) उसके स्वाद और नमी के लिए बहुत ज़रूरी होता है। अक्सर लोग सेहत को लेकर ज्यादा जागरूक होने की वजह से या कैलोरी गिनने के चक्कर में तड़के में बहुत कम तेल (less oil in tempering) डालते हैं या कई बार तो सिर्फ पानी (only water) ही डाल देते हैं। जबकि ऐसा करने से ढोकले पर आवश्यक नमी (moisture absorption) और नरमी (softness) ठीक से नहीं बन पाती। ढोकला तड़के को सही ढंग से सोख नहीं पाता और ऐसे में वह खाने में सूखा-सूखा (dry Dhokla after tempering) लगता है। इसलिए, हमेशा तड़का बनाते समय थोड़ी मात्रा में तेल (sufficient oil), राई (mustard seeds), करी पत्ता (curry leaves), हरी मिर्च (green chilies) और थोड़ा पानी (water in tempering) डालकर अच्छी तरह गर्म करें। आप इसमें थोड़ी चीनी और नींबू का रस (sugar and lemon juice) भी डाल सकते हैं। इस गर्म तड़के को तुरंत और समान रूप से (pour evenly) तैयार ढोकले के ऊपर डालें। ढोकला इस तड़के को सोख लेगा, जिससे वह एकदम स्पॉन्जी (spongy) और स्वादिष्ट (tasty) बनेगा और आपको वही बाजार वाला टेस्ट (market-style taste) मिलेगा।
इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप भी अपने घर पर एकदम लाजवाब और परफेक्ट ढोकला बना सकते हैं।
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