Criminal Justice 4 Actress casting couch: बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री की दुनिया बाहर से जितनी चमक-दमक वाली दिखती है, उसके अंदर कई ऐसे काले सच छिपे हैं, जिनसे अक्सर अभिनेत्रियों को जूझना पड़ता है। ‘हेट स्टोरी 2’ और ‘पार्च्ड’ जैसी फिल्मों और ’24’ व ‘हक से’ जैसे सीरियल्स में अपनी दमदार एक्टिंग का लोहा मनवा चुकीं जानी-मानी अभिनेत्री सुरवीन चावला ने हाल ही में एक बेहद हैरान करने वाला और दर्दनाक खुलासा किया है। इन दिनों अपनी आने वाली वेब सीरीज़ ‘क्रिमिनल जस्टिस 4’ (Criminal Justice 4) को लेकर चर्चा में रहीं सुरवीन ने बताया कि उन्हें शादी के बाद भी कास्टिंग काउच (Casting Couch) का सामना करना पड़ा। यह सुनकर बहुत से लोग दंग हैं, क्योंकि आम धारणा यह है कि शादी के बाद शायद अभिनेत्रियों को ऐसी परिस्थितियों से नहीं गुजरना पड़ता। सुरवीन के इस अनुभव ने एक बार फिर फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में महिलाओं की सुरक्षा और वर्कप्लेस पर होने वाले यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) के मुद्दे को गर्मा दिया है।
शादी के बाद भी ‘कॉम्प्रोमाइज’ की डिमांड: सुरवीन चावला का दर्दनाक अनुभव
सुरवीन चावला ने एक इंटरव्यू के दौरान इंडस्ट्री के अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि शादी के बाद भी उन्हें कई बार ऐसे ऑफर्स मिले, जिनमें उनसे ‘कॉम्प्रोमाइज’ करने या शारीरिक संबंध बनाने की बात कही गई। यह उनके लिए बेहद निराशाजनक और चौंकाने वाला था, क्योंकि उन्हें लगता था कि शादी के बाद शायद इस तरह की डिमांड बंद हो जाएंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सुरवीन का यह खुलासा दिखाता है कि कास्टिंग काउच सिर्फ नई या संघर्ष कर रही अभिनेत्रियों के साथ नहीं होता, बल्कि स्थापित और शादीशुदा एक्ट्रेसेस को भी इसका सामना करना पड़ सकता है।
‘मुझे किस करना चाहता था…’ : सुरवीन ने बताई घटना की दर्दभरी आपबीती
सुरवीन चावला ने अपने इंटरव्यू में एक खास घटना का जिक्र किया जिसने उन्हें अंदर तक हिला दिया। उन्होंने बताया कि कैसे एक बार उनसे एक डायरेक्टर या प्रोड्यूसर ने कहा था कि वह उन्हें किस करना चाहता है। यह सुनकर सुरवीन सन्न रह गईं। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे कुछ लोग सीधे तौर पर नहीं, बल्कि इशारों में ‘समझने’ की बात करते थे, जिसका सीधा मतलब शारीरिक नज़दीकी या शारीरिक संबंध बनाने का होता था। सुरवीन ने कहा कि यह सब सुनकर उन्हें बहुत अजीब और असुरक्षित महसूस होता था। उन्होंने हर बार मजबूती से ऐसे ऑफर्स को ठुकराया और किसी भी कीमत पर अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उनका यह अनुभव इंडस्ट्री के भीतर व्याप्त इस ‘काले कल्चर’ की ओर इशारा करता है जहां टैलेंट से ज्यादा ‘समझौते’ को अहमियत दी जाती है।
शादीशुदा अभिनेत्रियों को लेकर इंडस्ट्री की सोच
सुरवीन चावला के अनुसार, इंडस्ट्री में एक आम सोच यह है कि शादी के बाद अभिनेत्री आसानी से ‘उपलब्ध’ नहीं होगी या ‘कॉम्प्रोमाइज’ नहीं करेगी। इसी वजह से कई बार शादी के बाद अभिनेत्रियों को काम मिलना कम हो जाता है। लेकिन सुरवीन के अनुभव से पता चलता है कि यह सोच पूरी तरह सही नहीं है और कुछ लोग शादीशुदा होने के बावजूद अभिनेत्रियों से गलत डिमांड करने से बाज नहीं आते। यह दिखाता है कि समस्या इंडस्ट्री की मानसिकता में गहराई तक जमी हुई है। सुरवीन ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी कलाकार का मूल्यांकन सिर्फ उसके टैलेंट और काम के प्रति उसकी लगन के आधार पर होना चाहिए, न कि उसकी निजी जिंदगी या ‘समझौता’ करने की इच्छा पर।
बदलाव की उम्मीद लेकिन चुनौतियां बरकरार
सुरवीन चावला ने यह भी स्वीकार किया कि पिछले कुछ सालों में इंडस्ट्री में MeToo मूवमेंट और अन्य जागरूकता अभियानों के बाद थोड़ी जागरूकता आई है और कुछ बदलाव हुए हैं। अब खुलकर बात करने का माहौल पहले से थोड़ा बेहतर हुआ है। हालांकि, उनके खुद के अनुभव से स्पष्ट है कि यह समस्या पूरी तरह खत्म नहीं हुई है और आज भी कई महिला कलाकारों को ऐसे बुरे अनुभवों से गुजरना पड़ता है। सुरवीन का मानना है कि जब तक इंडस्ट्री से यह ‘समझौता कल्चर’ पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता, तब तक अभिनेत्रियों के लिए यहां काम करना पूरी तरह सुरक्षित नहीं होगा।
‘क्रिमिनल जस्टिस 4’ में सुरवीन चावला
पेशेवर मोर्चे पर बात करें तो सुरवीन चावला जल्द ही लोकप्रिय वेब सीरीज ‘क्रिमिनल जस्टिस’ के चौथे सीजन (Criminal Justice Season 4) में दिखाई देंगी। इस सीरीज में पंकज त्रिपाठी मुख्य भूमिका में हैं और यह कानूनी मामलों पर आधारित है। सुरवीन का इस सीरीज से जुड़ना उनके फैंस के लिए खुशी की बात है। उम्मीद है कि यह सीरीज भी उनके करियर में एक नया मुकाम हासिल करेगी।
सुरवीन चावला का यह साहसिक खुलासा इंडस्ट्री के अंदर के कड़वे सच को बयां करता है। यह बताता है कि ‘कास्टिंग काउच’ सिर्फ एक मिथक नहीं, बल्कि एक कड़वी सच्चाई है जिससे कई अभिनेत्रियां जूझती हैं, भले ही वे शादीशुदा हों या इंडस्ट्री में स्थापित हों। सुरवीन का यह बयान दूसरी अभिनेत्रियों को भी अपनी आपबीती बताने की हिम्मत दे सकता है और इंडस्ट्री को इस गंभीर मुद्दे पर गंभीरता से सोचने के लिए मजबूर कर सकता है। यह उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले समय में फिल्म और टीवी इंडस्ट्री महिला कलाकारों के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक कार्यस्थल बन पाएगी, जहां उनके टैलेंट को प्राथमिकता मिले, न कि ‘समझौते’ की इच्छा को।