डेस्क।। दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत हिमालय में कई ऐसी चोटियां भी हैं, जो अपने अंदर कई में रहस्य बनाए हुए हैं। इन्हीं में से एक है कैलाश पर्वत जो कि आज भी पश्चिमी देशों के लिए एक रहस्य बना हुआ है।
कैलाश पर्वत 6600 मीटर ऊंचा है जो कैलाश पर्वत प्राचीन काल से ही बहुत प्रसिद्ध है। वहीं कैलाश पर्वत में कई ऐसे रहस्य हैं जिनके बारे में लोग आज भी बहुत कम ही जानते हैं।
वहीं इन रहस्यों को जानने के लिए भक्त आज भी उत्सुक हैं। और कैलाश पर्वत को भगवान शिव का वास भी माना जाता है। इसी कड़ी में जो सिंधु, ब्रह्मपुत्र, गंगा की सहायक नदियों के पास है। वहीं ऐसा भी माना जाता है कि कैलाश पर्वत हिमालय का केंद्र बना हुआ है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह पृथ्वी का केंद्र बताया गया है। आपको यह भी बता दें कि कैलाश पर्वत दुनिया के 4 धर्मों – हिंदू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म का भी प्रमुख स्थान बन गया है।
वहीं कैलाश पर्वत एक विशाल पिरामिड भी है, जो 100 छोटे पिरामिडों का केंद्र भी है। वहीं कैलाश पर्वत एक कम्पास के 4 बिंदुओं के आकार का है और एकांत स्थान पर स्थित भी है, जहाँ कोई बड़ा पर्वत नहीं है। ऐसा भी कहा जाता है कि कैलाश पर्वत पर चढ़ना मना है लेकिन तिब्बती बौद्ध मिला है।
वहीं रेपा ने 11वीं शताब्दी में इस पर चढ़ाई भी की थी। वहीं रूसी वैज्ञानिकों की एक रिपोर्ट ‘अनस्पेशल’ पत्रिका के जनवरी 2004 के अंक में प्रकाशित भी हुई थी। हालांकि मिलारेपा ने इस बारे में कभी कुछ नहीं कहा, और यह भी एक रहस्य है।
आपको यह भी बता दें कि कैलाश पर्वत की चारों दिशाओं से चार नदियां बहती हैं। ब्रह्मपुत्र, सतलुज, सिंधु और करनाली। गंगा, सरस्वती सहित चीन की अन्य नदियाँ भी इन्हीं नदियों से ही निकलती हैं। वहीं कैलास की चारों दिशाओं में विभिन्न जानवरों के मुख हैं जिनसे नदियाँ भी बहती हैं। साथ ही पूर्व में हाथी का मुख, पश्चिम में सिंह का मुख और दक्षिण में मोर का मुख है।
हिमालय के मूल निवासियों का यह भी कहना है कि हिमालय में यति मनुष्यों का निवास है। वहीं कोई उसे भूरा भालू भी कहता है तो कोई उसे जंगली आदमी बोलता है। कुछ लोग उन्हें स्नो मैन भी बुलाते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि यह लोगों को मारकर खा जाता है। और कुछ वैज्ञानिक उन्हें निएंडरथल मानव बताते हैं। दुनिया भर के 30 से अधिक वैज्ञानिकों ने यह दावा भी किया है कि हिमालय के बर्फीले क्षेत्रों में हिम मानव मौजूद हैं।