Fake News: चुनाव आयोग (Election Commission) का कहना है कि फेक न्यूज और दुष्प्रचार अभियान (Disinformation Campaign) वैश्विक स्तर पर चुनाव प्रबंधन निकायों (Election Management Bodies) द्वारा सामना की जाने वाली सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बन चुकी है। साथ ही ECI ने यह कहा है कि चुनावी प्रक्रिया की अखंडता (Integrity) पर सवाल उठाने के लिए ठोस प्रयास भी किए जा रहे हैं। साथ ही यह बातें बुधवार को पंजाब यूनिवर्सिटी में भारत के चुनाव आयुक्त डॉ. अनूप चंद्र पांडे ने अपने भाषण में कहीं भी हैं।
Fake News तुरंत ही हो जाती हैं वायरल
ECI ने पंजाब यूनिवर्सिटी में भारत में चुनावी प्रक्रिया का सात दशक लंबा सफर विषय पर व्याख्यान भी दिया है। साथ ही इस दौरान उन्होंने यह कहा, “फर्जी खबरें वायरल हो जाती हैं। और उस समय पर खबरों की सत्यता को जांचने के लिए खास तौर पर सोशल मीडिया पर अपर्याप्त जांच भी होती है। वहीं ऐसे सभी मामलों में फेक खबरों की पहचान करना, उसका खंडन करना, सही न्यूज़ जारी करना भी जरूरी है।”
साथ ही ईसीआई ने कहा है कि इसके साथ ही कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा किसी भी आपराधिक एंगल की जांच करना और सबसे जरूरी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ सहयोग करना भी जरूरी है।
डॉ अनूप चंद्र पांडेय ने इसके आगे कहा, “भारत में जिला कलेक्टरों की अध्यक्षता में मीडिया प्रमाणन और समन्वय समितियां (MCMC) हैं जो लगातार फेक न्यूज की निगरानी भी करती हैं, विज्ञापन को प्रमाणित करती हैं और जिला स्तर पर सभी हितधारकों के साथ समन्वय भी करती हैं।”
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के हितधारकों के साथ चुनाव आयोग द्वारा एक स्वैच्छिक आचार संहिता भी तैयार की जा चुकी है।