देश:- दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीअत-उलमा-ए-हिंद के 34वें आम अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान दिया। उनका यह बयान सुर्खियों में आ गया और इसपर विवाद गर्मा गया। असल मे उन्होंने सींधे तौर पर मनु-आदम और ओम-अल्लाह की तुलना की है।
लेकिन इसी सभा मे मौजूद एक जैन मुनि ने उनका विरोध कर दिया। उन्होंने कहा, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर हुए, उससे पहले 23वें भगवान पार्श्वनाथ थे. नेमिनाथ योगीराज कृष्ण के चचेरे भाई थे, किंतु याद रखिए इससे पहले भगवान ऋषभदेव पहले तीर्थंकर थे, जिनके पुत्र भरत के नाम पर इस भारत देश का नाम पड़ा है।
आप इस तरह से सब मिटा नहीं सकते। मैं आपकी बात से बिल्कुल असहमत हूँ। मैं ही नहीं आपकी बात से सर्वधर्म के संत असहमत हैं। आपस मे मिल जुलकर रहें प्यार से रहें। यह सही है। लेकिन इसके अलावा आपने जो कहा सब गलत है।
बता दें जमीअत-उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी ने कहा था कि इस्लाम भारत में सबसे पुराना धर्म है। यह मुसलमान की जन्मभूमि है। सरासर गलत है कि इस्लाम ऐसे धर्म है जो भारत में बाहर से आया है।