डेस्क। Bilkis Bano: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से 2002 के गोधरा दंगों के दौरान बिलकिस बानो (Biskis Bano) के साथ गैंगरेप और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या करने वाले 11 दोषियों को कार्यवाही के दौरान बड़ा झटका लगा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट सभी दोषियों की समय से पहले रिहाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए राजी भी हो गया है।
इसके लिए एक बेंच गठित करने पर सहमत भी हो गया है। इससे आने वाले समय में दोषियों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। आपको बता दें कि इस मामले से सभी दोषियों को पिछले साल 15 अगस्त से मौके पर जेल से समय से पहले रिहा भी कर दिया गया था।
बिलकिस बानो ने दायर करी थी याचिका
आपको बता दें कि सभी दोषियों की रिहाई के खिलाफ पीड़िता बिलकिस बानो की ओर से सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दाखिल भी की गई थी। याचिका में सभी दोषियों को दोबारा जेल भेजने की मांग भी की गई थी और इसके अलावा एक अन्य याचिका में सुप्रीम कोर्ट से उसके पुराने फैसले पर पुनर्विचार करने की भी मांग की गई है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की रिहाई पर गुजरात सरकार को फैसला लेने के लिए कहा था।
बिलकिस बानो की ओर से इस पर आपत्ति भी जताई गई कि जब पूरे मामले का ट्रायल महाराष्ट्र में चल रहा था जो गुजरात सरकार इस पर फैसला कैसे ले सकती है।
गुजरात में गोधरा कांड के बाद 3 मार्च 2002 को दंगे भी भड़के थे। इस दौरान दाहोद जिले के लिमखेड़ा के रंधिकपुर में भीड़ बिलकिस बानो के घर में घुस गई थी। दंगाईयों से बचने के लिए बिलकिस खेत में छुपी हुई थी। दंगाईयों ने बिलकिस बानो और उसकी मां समेत तीन और महिलाओं के साथ रेप किया गया था। उस समय बिलकिस बानो 21 साल की थी जिस समय उसके साथ यह घटना हुई वह 5 महीने की गर्भवती भी थी और इतना ही नहीं दंगाईयों ने बिलकिस बानो के परिवार से 7 लोगों की हत्या भी कर दी। इस हमले में 6 लोग अभी भी लापता है जिसका कभी कोई सुराग नहीं मिला है।