डेस्क। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने श्रद्धालुओं के लिए अमरनाथ यात्रा और आसान बनाने के लिए नई घोषणा करी है। उन्होंने एक नए रोड प्रोजेक्ट का एलान भी किया है, जिससे यात्री तीन दिन की अमरनाथ यात्रा को सिर्फ 8 घंटे में ही पूरा कर सकेंगे। साथ ही उन्होंने कहा है कि इसी साल प्रोजेक्ट का काम भी पूरा कर लिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को 5300 करोड़ रूपये की लागत से पूरा किया जाएगा, साथ ही जिसमें 110 किमी 4 लेन (2 लेन पेव्ड शॉल्डर) निर्माण भी शामिल हैं। इसके अलावा, अमरनाथ पवित्र गुफा तक एक टनल भी बनाई जाएगी जिससे यात्रियों को भूस्खलन, हिमस्खलन और बर्फबारी से राहत भी मिलेगी। फिलहाल ऐसी स्थितियों में यात्रियों को अपनी यात्रा तक रोकनी पड़ जाती है।
नितिन गडकरी ने प्रोजेक्ट की घोषणा करते हुए बोला है, “आज मैं 5 हजार 300 करोड़ रुपये की लागत से 2 पेव्ड शॉल्डर लेन के साथ 110 किमी 4 लेन निर्माण करने की घोषणा करता हूं और यह बहुत ही महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। खानाबल से चंदनवाड़ी तक 73 किमी के लिए 1800 करोड़ रुपये की लागत से 4 लेन का निर्माण भी किया जाएगा, जिसका काम इसी साल 2023 तक पूरा किया जाना है। चंदनवाड़ी से बालटाल होकर पंचतरणी तक 3500 करोड़ रुपये की लागत से 37 किमी लंबा रोड (2 लेन पेव्ड शॉल्डर) इसी साल तैयार भी किया जाएगा।”
उन्होंने आगे यह कहा है, “इस मार्ग में शेषनाग और पंचतरणी के बीच 10.8 किमी का टनल भी बनाया जाएगा, जिससे यात्रियों को भूल्खलन, हिमस्खलन और बर्फबारी से राहत मिलेगी। पंचतरणी से पवित्र गुफा तक पांच किमी तक साढ़े पांच मीटर चौड़ा पैदल पथ बनाया जाएगा जिसमें मार्ग के दोनों तरफ सुरक्षा के लिए बैरिकेड भी बनाए जाएंगे। अमरनाथ पवित्र गुफा की यात्रा के समय में बहुत कमी आएगी।
अभी अमरनाथ की पवित्र गुफा की यात्रा में तीन दिन का समय लगता है। इस मार्ग के निर्माण से श्रद्धालू वहां से श्रीनगर से अमरनाथ की यात्रा 8 से 9 घंटे में आराम से पूरी तक पाएंगे।”
उन्होंने यह भी बताया कि अभी यात्रियों को श्रीनगर से पहलगाम तक 90 किमी की यात्रा 2 घंटे की यात्रा करनी होती है, फिर पहलगाम से चंदनवाड़ी तक 16 किमी की यात्रा आधा घंटा लगता है। इसके बाद चंदनवाड़ी से पंचतरणी तक 26 किमी की दुर्गम पहाड़ी यात्रा को पूरा करने में 13 घंटे का समय लग जाता है और पंचतरणी से अमरनाथ पवित्र गुफा तक 5 किमी की पैदल यात्रा को पूरा करने में 5 घंटे का समय लगता है। उन्होंने आगे कहा कि इस यात्रा को पूरा करने के लिए श्रद्धालुओं को दो रात गुजारने के लिए पड़ाव लेना पड़ता था तो अब इसमें काफी सुधार भी हो जाएगा।