Bank Cheque Rule : आज के दौर में जहाँ डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) का चलन तेजी से बढ़ रहा है और लोग घर बैठे ही लाखों रुपये ट्रांसफर (Transfer Lakhs of Rupees) कर रहे हैं, वहीं चेक से भुगतान (Payment by Cheque) का महत्व आज भी बरकरार है। कई बड़े वित्तीय लेन-देन (Financial Transactions) और बैंक लेन-देन (Bank Transactions) आज भी चेक (Cheque) के माध्यम से ही किए जाते हैं। इसलिए, यदि आप भी चेक का इस्तेमाल (Use of Cheque) करते हैं, तो इससे जुड़े सभी नियमों और कानूनों (Rules and Regulations) की जानकारी होना आपके लिए बेहद ज़रूरी (Extremely Important) है।
अक्सर देखने में आता है कि चेक बाउंस (Cheque Bounce) होने की वजह कोई बड़ी गलती नहीं, बल्कि एक छोटी सी लापरवाही या नियमों की जानकारी का अभाव होता है। कई बार आपकी एक मामूली सी गलती (Mistake) भी आपको आर्थिक परेशानी (Financial Trouble) में डाल सकती है। इसीलिए, चेक से लेन-देन (Cheque Transactions) करने वाले हर व्यक्ति को बैंक चेकिंग नियमों (Bank Cheque Rules) की पूरी जानकारी होनी चाहिए। यहाँ हम आपको चेक (Cheque) से जुड़े कुछ ऐसे ही जरूरी नियमों (Important Rules) के बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे में शायद 90 प्रतिशत लोग नहीं जानते होंगे। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है चेक के पीछे हस्ताक्षर (Signing Behind the Cheque) करने का नियम।
कौनसे चेक के पीछे हस्ताक्षर किया जाता है और क्यों? (Which Cheque Requires Signature on the Back and Why?)
यह एक ऐसा सवाल है जिसकी जानकारी ज्यादातर लोगों (Most People) को नहीं होती है। बहुत से लोग यह नहीं जानते कि चेक के पीछे साइन (Sign on Back of Cheque) कब और क्यों करना पड़ता है। सच्चाई यह है कि सभी चेकों (All Cheques) के पीछे हस्ताक्षर (Signature) नहीं किए जाते हैं। चेक के पीछे हस्ताक्षर (Signing Behind the Cheque) करने की आवश्यकता मुख्य रूप से केवल बेयरर चेक (Bearer Cheque) के लिए होती है।
इसका कारण यह है कि बेयरर चेक (Bearer Cheque) पर किसी व्यक्ति विशेष या संस्था का नाम ‘पेयी’ (Payee) के तौर पर नहीं लिखा होता, बल्कि वहाँ ‘Or Bearer’ या ‘या धारक को’ लिखा होता है। इसका मतलब है कि जो भी व्यक्ति इस चेक (Cheque) को लेकर बैंक (Bank) में प्रस्तुत करेगा, उसे भुगतान (Payment) किया जा सकता है। ऐसे में, जब कोई व्यक्ति बेयरर चेक (Bearer Cheque) को कैश (Cash) कराने या अपने अकाउंट (Account) में जमा करने के लिए बैंक (Bank) में देता है, तो बैंक (Bank) द्वारा उसकी पहचान सुनिश्चित करने और यह वेरीफाई करने के लिए कि चेक (Cheque) उसे ही प्राप्त हुआ है, चेक के पीछे हस्ताक्षर (Signature on the Back of Cheque) करने के लिए कहा जाता है।
बेयरर चेक के पीछे हस्ताक्षर करवाने का कारण: सुरक्षा और सत्यापन (Reason for Signing Behind Bearer Cheque: Security and Verification)
मान लीजिए, आपने किसी को बेयरर चेक (Bearer Cheque) दिया और वह चेक (Cheque) रास्ते में कहीं गिर गया या चोरी हो गया। क्योंकि उस चेक (Cheque) पर किसी का नाम नहीं लिखा है, कोई भी व्यक्ति उस चेक (Cheque) को पाकर बैंक (Bank) में प्रस्तुत कर सकता है और पैसे (Money) निकाल सकता है। इससे आपको बड़ा नुकसान (Big Loss) हो सकता है।
इस तरह की धोखाधड़ी और अनधिकृत लेन-देन (Transaction) से बचने के लिए बैंक (Bank) द्वारा बेयरर चेक (Bearer Cheque) को स्वीकार करने से पहले उसके पीछे हस्ताक्षर (Signature) करवाया जाता है। पीछे साइन किए बिना (Without Signing on the Back), बैंक (Bank) आमतौर पर बेयरर चेक (Bearer Cheque) से लेन-देन (Transaction) को पूरा नहीं करता है। यह हस्ताक्षर (Signature) इस बात की पुष्टि (Confirmation) करता है कि चेक (Cheque) प्रस्तुत करने वाला व्यक्ति ही उसका असली धारक है और यह सुनिश्चित (Ensures) करता है कि यह ट्रांजेक्शन (Transaction) आपकी सहमति (Consent) से हुआ है। ऐसा करने से भविष्य में किसी भी तरह की गलती (Mistake) या विवाद (Dispute) होने पर बैंक (Bank) अपनी जिम्मेदारी से बच सकता है।
चेक के पीछे हस्ताक्षर से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण नियम (Other Important Rules Related to Signing Behind Cheque)
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तीसरे व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत किए जाने पर (When Presented by a Third Party): कई बार बैंक (Bank) आपके द्वारा किए गए हस्ताक्षर (Signature) को अपने रिकॉर्ड से वेरीफाई (Verify) करने के लिए भी चेक के पीछे साइन (Sign on Back of Cheque) करवाते हैं। खासकर यह तब जरूरी (Necessary) हो जाता है जब बेयरर चेक (Bearer Cheque) को जारी करने वाले के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति (Third Person) बैंक (Bank) में प्रस्तुत करता है। बैंक यह सत्यापित (Verifies) करना चाहता है कि चेक (Cheque) सही व्यक्ति के पास है।
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स्वयं द्वारा पैसे निकालने पर (When Withdrawing Money Yourself): यदि आप अपने खुद के अकाउंट (Own Account) से पैसे निकालने (Withdrawing Money) के लिए सेल्फ चेक (Self Cheque) या अपने नाम का बेयरर चेक (Bearer Cheque) इस्तेमाल करते हैं, तो आपको चेक के पीछे साइन करने (Signing Behind the Cheque) की आमतौर पर जरूरत नहीं (Not Required) होती है। आप फ्रंट पर ही अपने हस्ताक्षर (Signature) करके पैसे (Money) निकाल सकते हैं।
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ऑर्डर चेक और पेयी चेक (Order Cheque and Payee Cheque): जैसा कि पहले बताया गया, बेयरर चेक (Bearer Cheque) के विपरीत, ऑर्डर चेक (Order Cheque) (जिस पर ‘Or Bearer’ या ‘या धारक को’ काट दिया जाता है) और पेयी चेक (Payee Cheque) (जिस पर किसी व्यक्ति या संस्था का नाम लिखा होता है) के पीछे सामान्य तौर पर हस्ताक्षर (Signature) नहीं किए जाते हैं। इन चेकों का भुगतान (Payment) केवल उसी व्यक्ति या संस्था को होता है जिसका नाम चेक (Cheque) पर लिखा होता है, या उसके आदेश पर (Endorsement के बाद)।
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बड़ी रकम के चेक (Large Amount Cheques): एक और महत्वपूर्ण बैंक नियम (Bank Rule) यह है कि यदि चेक का अमाउंट (Cheque Amount) एक निश्चित सीमा (आमतौर पर पचास हजार रुपये (Fifty Thousand Rupees) या उससे ज्यादा, यह बैंक पर निर्भर करता है) से अधिक होता है, तो बैंक (Bank) अतिरिक्त सुरक्षा (Security) के लिए चेक (Cheque) प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति से पहचान प्रमाण (Identity Proof) और कभी-कभी एड्रेस प्रूफ (Address Proof) भी मांग सकता है। यह चेक के पीछे साइन (Signing Behind Cheque) करने के नियम से अलग है, लेकिन बड़े वित्तीय लेन-देन (Large Financial Transactions) में बैंक (Bank) द्वारा बरती जाने वाली एक और सावधानी (Caution) है।
इन बैंक चेकिंग नियमों (Bank Cheque Rules) की जानकारी रखना आपको चेक बाउंस (Cheque Bounce) जैसी समस्याओं और आर्थिक नुकसान (Financial Loss) से बचा सकता है। इसलिए, अगली बार जब भी आप चेक (Cheque) से कोई लेन-देन (Transaction) करें, तो इन बातों का ध्यान रखें।