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Join NowUP: उत्तर प्रदेश के लाखों राज्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसका वे बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. केंद्र सरकार द्वारा 1 जनवरी 2026 से आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) लागू करने की घोषणा के बाद, अब उत्तर प्रदेश में भी इसे अपनाने की कवायद तेज हो गई है. इस ऐतिहासिक कदम से उत्तर प्रदेश के लगभग 8 लाख सरकारी कर्मचारियों और 4 लाख पेंशनभोगियों (Pensioners) को सीधा वित्तीय लाभ मिलेगा. अनुमान है कि इस नई वेतन संरचना से कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में 25 से 30 प्रतिशत तक की जबरदस्त बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे लाखों परिवारों की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार आएगा.
योगी सरकार ने शुरू की तैयारी, 2027 चुनाव पर नजर?
उत्तर प्रदेश में फिलहाल कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission News) की सिफारिशों के अनुसार वेतन मिल रहा है, जिसमें 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA) शामिल है. जनवरी 2024 में एक बार फिर से तीन से चार प्रतिशत महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी की घोषणा की जा सकती है.
केंद्र सरकार की घोषणा के बाद, यह लगभग तय माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में भी 1 जनवरी, 2026 से ही आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कर दी जाएंगी. पिछले 7 वर्षों का रिकॉर्ड देखें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath Government) की सरकार ने कर्मचारियों से जुड़े केंद्र सरकार के हर फैसले को राज्य में लागू करने में कोई देरी नहीं की है.
सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश सरकार 2027 के विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) को ध्यान में रखते हुए इस बड़े फैसले को लागू करने की तैयारी कर रही है. राज्य के कार्मिक और वित्त विभाग ने इस पर आंतरिक स्तर पर काम शुरू कर दिया है. सरकार किसी भी हाल में प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती और यह सुनिश्चित करना चाहती है कि केंद्र के साथ ही राज्य के कर्मचारियों को भी नई वेतन वृद्धि का लाभ मिले.
कर्मचारी संगठनों ने जताया आभार, सरकार से की अपील
प्रदेश के कर्मचारी संगठन लंबे समय से आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग कर रहे थे. केंद्र सरकार द्वारा इस मांग को स्वीकार किए जाने पर उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद (Uttar Pradesh State Employees Joint Council) ने खुशी जाहिर की है. परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी, कार्यवाहक अध्यक्ष एन. डी. द्विवेदी और महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने प्रदेश के लाखों कर्मचारियों और शिक्षकों की ओर से केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है.
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया है कि जैसे ही केंद्र में यह आयोग लागू हो, उत्तर प्रदेश सरकार भी पूर्व की तरह इसे राज्य में तत्काल प्रभाव से लागू करे ताकि प्रदेश के कर्मचारियों को इसका पूरा लाभ मिल सके. कर्मचारी संयुक्त परिषद (Employees Joint Council) के पदाधिकारियों ने बताया कि पिछला सातवां वेतन आयोग (7th pay commission) 2014 में गठित हुआ था और इसकी समय सीमा 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रही है, जिसके बाद 1 जनवरी 2026 से नई सिफारिशें लागू होना तय है.
जाने-माने कर्मचारी नेता और ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा, जो राष्ट्रीय अध्यक्ष और महासचिव (एनजेसीए) भी हैं, ने इस मांग को राष्ट्रीय स्तर पर जोरदारी से उठाया था. उन्होंने इसे लेकर एक बड़े आंदोलन की भी तैयारी कर ली थी, जिसके बाद सरकार ने आयोग के गठन की प्रक्रिया को तेज किया.
यह निर्णय न केवल उत्तर प्रदेश में रहने वाले कर्मचारियों के लिए, बल्कि उन प्रवासी भारतीयों (NRIs) के लिए भी महत्वपूर्ण है जो USA और UK जैसे देशों में रहते हैं और उनके परिवार के सदस्य उत्तर प्रदेश में सरकारी सेवाओं से जुड़े हैं या पेंशन प्राप्त कर रहे हैं. यह उनके परिवारों की वित्तीय सुरक्षा को और मजबूत करेगा.