Senior Citizen : देश के लाखों सीनियर सिटीजन को ट्रेन किराए में मिलने वाली छूट का बेसब्री से इंतज़ार है। कोरोना काल में बंद हुई यह सुविधा क्या फिर से शुरू होगी? संसदीय समिति ने की है सिफारिश, लेकिन रेल मंत्रालय का क्या है रुख? पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
ट्रेन का सफर आज भी करोड़ों भारतीयों के लिए, खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए, परिवहन का एक सस्ता और सुगम जरिया माना जाता है। एक समय था जब सीनियर सिटीजन्स को इस सफर पर किराए में अच्छी-खासी छूट मिलती थी, जिससे उनकी यात्रा और भी किफायती हो जाती थी। लेकिन अब सवाल यह है कि क्या वो ‘सुनहरे दिन’ फिर लौटेंगे?
क्या थी वो पुरानी छूट? (जो 2020 में बंद हुई)
आपको याद दिला दें कि मार्च 2020 में कोरोना महामारी (Covid-19) की दस्तक से पहले, भारतीय रेलवे (Indian Railways) वरिष्ठ नागरिकों को किराए में छूट देता था:
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पुरुष: 60 साल या उससे अधिक उम्र के पुरुषों को सभी क्लास के किराए में 40% की छूट मिलती थी।
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महिला: 58 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाओं को सभी क्लास के किराए में 50% की छूट मिलती थी।
यह छूट राजधानी, शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों समेत लगभग सभी ट्रेनों पर लागू थी।
कोरोना काल में क्यों बंद हुई सुविधा?
साल 2020 में जब कोरोना ने पूरे देश को अपनी चपेट में लिया, तो संक्रमण को फैलने से रोकने और अन्य कारणों के चलते रेलवे ने कई सेवाओं में कटौती की, जिसमें सीनियर सिटीजन को मिलने वाली यह किराया रियायत (Train Fare Concession) भी शामिल थी। तब से लेकर आज तक यह छूट बहाल नहीं की गई है।
अब क्यों उठी है मांग? क्या मिलेगी राहत?
पिछले कुछ समय से इस छूट को फिर से शुरू करने की मांग लगातार उठ रही है। हाल ही में, एक संसदीय समिति (Parliamentary Committee) ने भी रेल मंत्रालय से सिफारिश की है कि वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान और उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए किराए में छूट को फिर से बहाल करने पर विचार किया जाए।
समिति का मानना है कि इससे लाखों सीनियर सिटीजन्स को सस्ती यात्रा का लाभ मिल सकेगा, खासकर स्लीपर क्लास और थर्ड एसी (3AC) में सफर करने वालों को बड़ी राहत मिलेगी। अगर सरकार समिति की यह सिफारिश मान लेती है, तो यकीनन देश भर के वरिष्ठ नागरिकों के चेहरे खिल उठेंगे।
लेकिन… क्या है रेल मंत्रालय का रुख?
यहाँ उम्मीदों के साथ-साथ हकीकत को जानना भी ज़रूरी है। छूट बहाली की मांग और सिफारिशों के बावजूद, इस मुद्दे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साल 2022 में संसद में स्पष्ट किया था कि फिलहाल सीनियर सिटीजन को मिलने वाली किराया रियायत को बहाल करने की कोई योजना नहीं है।
उन्होंने इसके पीछे रेलवे पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ का हवाला दिया था। उनका कहना था कि रेलवे पहले से ही सभी यात्रियों को औसतन 50% से ज़्यादा सब्सिडी किराए पर दे रहा है (यानी टिकट की लागत से कम किराया वसूल रहा है)।
क्या अभी किसी को मिलती है छूट?
हाँ, रेलवे अभी भी कुछ विशेष श्रेणियों के यात्रियों को किराए में छूट देता है, जिनमें शामिल हैं:
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दिव्यांगजन (अलग-अलग कैटेगरी के अनुसार)
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छात्र (Students)
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कुछ खास बीमारियों से पीड़ित मरीज
फिलहाल स्थिति यह है कि सीनियर सिटीजन रेल किराया छूट को फिर से शुरू करने की मांग और संसदीय सिफारिश तो है, लेकिन सरकार की तरफ से (पिछली प्रतिक्रिया के अनुसार) इसे दोबारा लागू करने की तत्काल कोई योजना सामने नहीं आई है। लाखों वरिष्ठ नागरिक उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार उनकी ज़रूरत और सम्मान को देखते हुए इस पर दोबारा विचार करेगी और उन्हें सस्ती रेल यात्रा का तोहफा फिर से मिलेगा। आगे क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी।