Indian Railway : बुजुर्गों के लिए खुशखबरी! रेलवे में मिलेगी मनपसंद सीट, बस अपनाना होगा ये आसान तरीका

Published On: April 24, 2025
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Indian Railway :  भारतीय रेलवे से सफ़र करना किसे पसंद नहीं? यह आरामदायक भी है और जेब पर भारी भी नहीं पड़ता। लेकिन अगर आप एक सीनियर सिटीजन हैं, तो सफ़र में एक आरामदायक सीट, खासकर नीचे वाली बर्थ (Lower Berth) मिलना किसी नेमत से कम नहीं होता। कई बार टिकट बुक करते समय मन में यही चिंता रहती है कि पता नहीं सीट कौन सी मिलेगी, ऊपर चढ़ना-उतरना मुश्किल तो नहीं होगा?

तो आपकी इसी चिंता को दूर करने के लिए रेलवे ने कुछ खास इंतज़ाम किए हैं। हालांकि कोई जादुई ‘नया तरीका’ नहीं है, लेकिन रेलवे के नियमों और बुकिंग प्रक्रिया को समझकर आप अपनी पसंदीदा सीट पाने की संभावना काफी बढ़ा सकते हैं। चलिए, जानते हैं कैसे!

रेलवे रखता है आपका खास ख्याल!

रेलवे अधिकारी बताते हैं कि सीनियर सिटीजन (वरिष्ठ नागरिकों) और 45 साल से ज़्यादा उम्र की महिलाओं (या गर्भवती महिलाओं) की सुविधा का हमेशा ध्यान रखा जाता है। इसीलिए, लगभग हर ट्रेन के हर उस कोच में जिसमें रिज़र्वेशन होता है, उनके लिए कुछ सीटें आरक्षित (Reserve) रखी जाती हैं, खासकर लोअर बर्थ।

  • कितनी सीटें होती हैं रिजर्व?

    • स्लीपर क्लास (Sleeper Class): हर डिब्बे में करीब 6 से 7 नीचे की बर्थ।

    • थर्ड एसी (3AC): हर डिब्बे में करीब 5 से 6 नीचे की बर्थ।

    • सेकेंड एसी (2AC): हर डिब्बे में करीब 3 से 4 नीचे की बर्थ।

    • (यह संख्या ट्रेन में उस क्लास के कुल डिब्बों पर भी निर्भर करती है)।

कंप्यूटर का कमाल: जब आप टिकट बुक करते समय अपनी सही उम्र बताते हैं और अगर आप सीनियर सिटीजन या 45+ महिला की श्रेणी में आते हैं, तो रेलवे का कंप्यूटर सिस्टम अपने आप कोशिश करता है कि आपको इन आरक्षित सीटों में से ही कोई नीचे की बर्थ एलॉट कर दे – बशर्ते वो उस समय खाली हों!

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तो फिर लोअर बर्थ क्यों नहीं मिलती कभी-कभी?

अब सवाल उठता है कि अगर सीटें रिजर्व हैं, तो फिर भी कई बार सीनियर सिटीजन को ऊपर की बर्थ क्यों मिल जाती है? इसका सीधा सा जवाब है – सीटों का पहले ही भर जाना!

अगर आप टिकट तब बुक कर रहे हैं जब सीनियर सिटीजन/महिलाओं के लिए आरक्षित नीचे की सभी बर्थ पहले ही दूसरे योग्य यात्रियों द्वारा बुक की जा चुकी हैं, तो कंप्यूटर आपको उस समय जो भी सीट उपलब्ध होगी (ऊपर या बीच वाली), वही देगा। इसमें कंप्यूटर की कोई गलती नहीं, वह सिर्फ उपलब्धता के आधार पर सीट देता है।

तो क्या है पसंदीदा सीट पाने का ‘सीक्रेट’ तरीका?

रेलवे में सीटें “पहले आओ, पहले पाओ” के सिद्धांत पर मिलती हैं। इसलिए, आरामदायक और मनपसंद सीट पाने का सबसे कारगर तरीका है:

  1. जल्दी प्लानिंग (Early Planning): अपनी यात्रा की योजना काफी पहले बनाएं। यह तय करें कि आपको कब और कहाँ जाना है।

  2. फटाफट बुकिंग (Quick Booking): जैसे ही आपकी यात्रा तय हो, टिकट बुक करने में देरी न करें। आपको पता होना चाहिए कि ट्रेनों में रिजर्वेशन यात्रा की तारीख से 120 दिन पहले ही खुल जाता है।

  3. सही जानकारी दें: बुकिंग करते समय यात्री की सही उम्र और ‘लोअर बर्थ प्रिफरेंस’ (Lower Berth Preference) का विकल्प (अगर पूछा जाए) ज़रूर चुनें।

जितनी जल्दी आप टिकट बुक करेंगे, उतनी ही ज़्यादा संभावना होगी कि सीनियर सिटीजन कोटे की नीचे वाली बर्थ खाली हों और कंप्यूटर आपको वही सीट एलॉट कर दे!

तो अगली बार जब आप या आपके परिवार के किसी बुजुर्ग सदस्य के लिए ट्रेन टिकट बुक करें, तो इन बातों का ध्यान रखें और यात्रा की प्लानिंग थोड़ी पहले कर लें। इससे सफ़र ज़्यादा आरामदायक और सुखद बन सकता है!

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