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Join NowRIL : रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Ltd – RIL), भारत के सबसे बड़े और विविध व्यावसायिक समूहों में से एक, ने जून 2025 (June 2025) को समाप्त हुई तिमाही के लिए अपने वित्तीय नतीजे (Financial Results) जारी कर दिए हैं, और नतीजे उम्मीद से कहीं बेहतर रहे हैं! सोमवार को शेयर बाजार में जैसे ही ये आंकड़े सामने आए, ब्रोकरेज हाउस (Brokerage Houses) की ओर से तेजी की टिप्पणी (Bullish Commentary) आने लगी।
77% की छलांग: 30,783 करोड़ का शुद्ध लाभ!
जून तिमाही में, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 77% की जबरदस्त वृद्धि दर्ज करते हुए 30,783 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ (Net Profit) कमाया है। यह पिछले साल की इसी तिमाही में दर्ज किए गए 15,138 करोड़ रुपये के लाभ से कहीं अधिक है। इस शानदार मुनाफे में एशियन पेंट्स (Asian Paints) में अपनी हिस्सेदारी बेचकर प्राप्त हुए 8,924 करोड़ रुपये के एकमुश्त लाभ (One-time Gain) का भी बड़ा योगदान है। हालांकि, इस एकमुश्त लाभ को अलग भी कर दें, तो भी कंपनी का शुद्ध लाभ 25% साल-दर-साल (Year-on-Year) बढ़ा है, जो इसके मजबूत वित्तीय स्वास्थ्य (Strong Financial Health) को दर्शाता है।
राजस्व और EBITDA में भी शानदार वृद्धि:
इसके अलावा, कंपनी का समेकित राजस्व (Consolidated Revenue) 6% बढ़कर 2.73 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जबकि EBITDA (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortization) में 36% की वृद्धि दर्ज की गई, जो 58,024 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह दिखाता है कि कंपनी अपने सभी प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों में लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है।
प्रमुख व्यावसायिक खंडों का प्रदर्शन:
- जियो प्लेटफॉर्म्स (Jio Platforms): जियो प्लेटफॉर्म्स ने 25% की वृद्धि के साथ 7,110 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया है, जबकि इसका EBITDA (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortization) लगभग 24% बढ़कर 18,135 करोड़ रुपये हो गया है। तिमाही के दौरान नेट सब्सक्राइबर एडिशन (Net Subscriber Additions) भी 9.9 मिलियन पर मजबूत बना रहा, जिससे कुल सब्सक्राइबर बेस 498.1 मिलियन तक पहुंच गया।
- रिलायंस रिटेल (Reliance Retail): रिलायंस रिटेल के राजस्व में पिछले साल की तुलना में 11.3% की वृद्धि हुई, जो 84,171 करोड़ रुपये रहा। इसका EBITDA 12.7% बढ़कर 6,381 करोड़ रुपये हो गया। फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) व्यवसाय के तहत कंज्यूमर ब्रांड्स (Consumer Brands) ने अपने दूसरे वर्ष में ही 11,450 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की है, जो इसके तेजी से बढ़ते उपभोक्ता व्यवसाय (Rapidly Growing Consumer Business) का संकेत है।
- ऑयल-टू-केमिकल्स (O2C) बिजनेस: हालांकि, कम कच्चे तेल की कीमतों (Lower Crude Prices) और नियोजित रखरखाव शटडाउन (Planned Maintenance Shutdowns) के कारण ऑयल-टू-केमिकल्स (O2C) सेगमेंट का राजस्व 1.5% घटकर 1.55 लाख करोड़ रुपये रह गया। इसके बावजूद, घरेलू ईंधन खुदरा (Domestic Fuel Retail) पर अनुकूल मार्जिन (Favourable Margins) और परिवहन ईंधन क्रैक्स (Transportation Fuel Cracks) में सुधार के कारण EBITDA में 11% की वृद्धि हुई, जो 14,511 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
- नया ऊर्जा व्यवसाय (New Energy Business): रिलायंस इंडस्ट्रीज के नए ऊर्जा व्यवसाय, जो एक व्यापक और एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र (Comprehensive and Integrated Renewable Energy Ecosystem) के निर्माण पर केंद्रित है, के बारे में वरिष्ठ उपाध्यक्ष, नई ऊर्जा, करण सूरी (Karan Suri, Senior Vice President, New Energy) ने कहा कि यह व्यवसाय कुछ वर्षों में अपनी लाभप्रदता (Profitability) और मुद्रीकरण (Monetisation) के माध्यम से एक आत्म-वित्तपोषित मंच (Self-funded Platform) बन जाएगा।
क्या आपको खरीदना, बेचना या होल्ड करना चाहिए? जानिए ब्रोकरेज की राय:
- मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal): मोतीलाल ओसवाल ने 1,700 रुपये के लक्ष्य मूल्य (Target Price) के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज पर ‘बाय’ (Buy) रेटिंग बनाए रखी है। वे प्रमुख खंडों में मजबूत वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। जियो (Jio) को मुख्य चालक माना जा रहा है, जहां ब्रोकरेज 19% EBITDA CAGR (Compound Annual Growth Rate) की उम्मीद कर रहा है, जो टैरिफ बढ़ोतरी (Tariff Hike), बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि (Market Share Gains) और निरंतर विस्तार द्वारा समर्थित है। रिलायंस रिटेल की वृद्धि में भी सुधार की उम्मीद है, जिसमें राजस्व और EBITDA में 14-15% CAGR का अनुमान है। ऑयल-टू-केमिकल्स सेगमेंट में रिफाइनिंग मार्जिन में सुधार (Improvement in Refining Margins) से समग्र आय को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
- मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley): मॉर्गन स्टेनली ने 1,617 रुपये के लक्ष्य मूल्य के साथ अपना ‘ओवरवेट’ (Overweight) रेटिंग बनाए रखा है। ब्रोकिंग हाउस ने कंपनी के आशावादी मार्गदर्शन (Optimistic Guidance) पर प्रकाश डाला, जिसमें 2029 तक कमाई दोगुनी करने की योजना शामिल है, हालांकि रिटेल राजस्व वृद्धि और ईंधन शोधन प्रदर्शन में कुछ निकट अवधि की चूक (Near-term Misses) हुई हैं। मॉर्गन स्टेनली का मानना है कि नया ऊर्जा और दूरसंचार खंड, एक मजबूत बैलेंस शीट (Strong Balance Sheet) के साथ, RIL के लिए प्रमुख सकारात्मक पहलू हैं।
- जेफरीज (Jefferies): जेफरीज ने रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 1,726 रुपये के लक्ष्य मूल्य के साथ अपना ‘बाय’ (Buy) रेटिंग दोहराया है। जबकि रिफाइनरी शटडाउन (Refinery Shutdown) से ऑयल-टू-केमिकल्स (O2C) सेगमेंट प्रभावित हुआ था, ब्रोकरेज को भविष्य में रिफाइनिंग के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण (Constructive Outlook for Refining) दिखता है। जेफरीज के अनुसार, निवेशक फोकस आगामी AGM (Upcoming AGM) पर होगा, जिसमें Jio के संभावित लिस्टिंग (Jio Listing) की उम्मीदें हैं। ब्रोकरेज ने वित्तीय वर्ष 2026 के लिए 11% EBITDA वृद्धि का अनुमान लगाया है।
- नोमुरा (Nomura): जापान स्थित नोमुरा ने भी रिलायंस इंडस्ट्रीज पर ‘बाय’ (Buy) कॉल और 1,600 रुपये प्रति शेयर के लक्ष्य मूल्य के साथ अपना तेजतर्रार दृष्टिकोण (Bullish View) बरकरार रखा है।
क्या आज खरीदें, बेचें या होल्ड करें?
कुल मिलाकर, रिलायंस इंडस्ट्रीज के वित्तीय नतीजे मजबूत रहे हैं और ब्रोकरेज हाउसों का दृष्टिकोण भी सकारात्मक है। यदि आप लॉन्ग-टर्म निवेशक (Long-term Investor) हैं, तो यह स्टॉक आकर्षक लग सकता है। हालांकि, निवेश का निर्णय लेने से पहले अपनी जोखिम क्षमता (Risk Appetite) और वित्तीय लक्ष्यों (Financial Goals) पर विचार करना महत्वपूर्ण है।