Reserve Bank of India : RBI ने हमेशा के लिए बंद की इन नोटों की छपाई, आपकी जेब पर क्या होगा असर?

Published On: May 31, 2025
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RBI - नोट छापना कितना महंगा? RBI ने खुद बताई 500 के नोट की छपाई का खर्च
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Reserve Bank of India : आपके लिए एक ज़रूरी अपडेट है, खासकर अगर आप अलग-अलग तरह के करेंसी नोट (Currency Notes) इस्तेमाल करते हैं। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी सालाना रिपोर्ट जारी की है और इसमें एक बड़ा खुलासा हुआ है: RBI ने 2 रुपये (₹2 note) और 5 रुपये (₹5 note) के नोटों की छपाई हमेशा के लिए बंद कर दी है! इसका सीधा सा मतलब है कि अब भविष्य में इन मूल्यवर्ग के कोई भी नए नोट बाजार (Market) में नहीं आएंगे।

2000 के नोटों के बाद अब इनकी बारी!

यह फैसला भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) द्वारा देश की नकदी प्रणाली को और ज़्यादा आसान और व्यवस्थित बनाने की कोशिशों का हिस्सा है। आपको याद होगा कि पिछले साल ही RBI ने 2000 रुपये के नोटों (₹2000 notes) को चलन से वापस लेना शुरू कर दिया था। RBI की ताजा रिपोर्ट बताती है कि मार्च 2025 तक कुल ₹3.56 लाख करोड़ मूल्य के 2000 रुपये के नोटों में से 98.2% वापस आ चुके हैं और बैंकिंग सिस्टम में जमा हो गए हैं। यानी, अब ये नोट बाजार में बहुत ही कम बचे हैं और इनकी छपाई स्थायी रूप से बंद (Printing permanently stopped) कर दी गई है।

अब इसी कड़ी में 2 रुपये और 5 रुपये के नोटों की छपाई भी बंद कर दी गई है। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि इनकी कोई नई प्रिंटिंग नहीं होगी। इसका मतलब है कि छोटे लेन-देन के लिए अब हमें सिक्कों (Coins) पर ही ज़्यादा भरोसा करना होगा, क्योंकि इन मूल्य वर्गों में सिक्कों का चलन लगातार बढ़ रहा है।

सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किन नोटों का?

RBI की रिपोर्ट (RBI Report) के अनुसार, भारतीय नकदी व्यवस्था में आज भी 500 रुपये का नोट (₹500 note) सबसे ज़्यादा अहमियत रखता है। यह कुल नोटों की संख्या का 40.9% और कुल मूल्य का 86% है। यानी, आर्थिक लेन-देन में सबसे बड़ा हिस्सा 500 रुपये के नोटों का ही है।

वहीं, 1, 2 और 5 रुपये के सिक्कों का प्रचलन भी लगातार बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2025 में इनकी संख्या में 3.6% और मूल्य में 9.6% की वृद्धि दर्ज की गई है। कुल सिक्का वॉल्यूम में इनकी हिस्सेदारी 81.6% हो गई है।

डिजिटल करेंसी भी पकड़ रही रफ्तार:

आजकल डिजिटल करेंसी (Digital Currency) की भी खूब चर्चा है। RBI की अपनी डिजिटल रुपया (e₹ या CBDC) की वैल्यू भी वित्त वर्ष 2025 में ₹1,016.5 करोड़ तक पहुंच गई है। यह पिछले साल के मुकाबले 334% की जबरदस्त बढ़त है! दिलचस्प बात यह है कि इस डिजिटल करेंसी में भी सबसे ज़्यादा हिस्सेदारी ₹500 वाले डिजिटल रुपये (84.4%) की है। इसका मतलब है कि चाहे फिजिकल कैश हो या डिजिटल, 500 रुपये की डिमांड हर जगह ज़्यादा है।

जाली नोटों की स्थिति और छपाई खर्च:

रिपोर्ट में जाली नोटों (Fake Currency Notes) की समस्या पर भी बात की गई है। अच्छी खबर यह है कि 10, 20 और 2000 रुपये के नकली नोटों की संख्या में कमी आई है। हालांकि, चिंताजनक बात यह है कि 200 रुपये (₹200 notes) और 500 रुपये (₹500 notes) के नकली नोटों की संख्या में वृद्धि हुई है। यह दिखाता है कि इन नोटों की सुरक्षा पर ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है।

नोटों की छपाई का खर्च (Cost of Printing Notes) भी बढ़ा है। वित्त वर्ष 2025 में यह बढ़कर ₹6,372.8 करोड़ हो गया, जो पिछले साल से ज़्यादा है।

पुराने नोटों का क्या हो रहा है?

पुराने और गंदे नोटों (Old and Dirty Notes) को नष्ट करने की प्रक्रिया भी तेज़ हुई है। वित्त वर्ष 2025 में 2.38 लाख नोट नष्ट किए गए, जो पिछले साल से 12.3% ज़्यादा है। खास बात यह है कि अब इन पुराने नोटों को पर्यावरण के अनुकूल तरीके (Environment Friendly Way) से निपटाया जा रहा है। इनसे पार्टिकल बोर्ड, फर्नीचर और इंटीरियर मटीरियल बनाए जा रहे हैं। यह वाकई एक सराहनीय कदम है।

आधुनिकता की ओर RBI: ‘Sa-Mudra’ परियोजना:

भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) अपनी करेंसी प्रबंधन प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए ‘Sa-Mudra’ नाम की एक परियोजना पर काम कर रहा है। इसका लक्ष्य नोटों की गिनती, छंटाई और उन्हें ट्रैक करने की प्रक्रिया को डिजिटल और स्वचालित (Digital and Automated) बनाना है। इसके अलावा, दृष्टिबाधित लोगों (Visually Impaired) के लिए नोटों की पहचान में मदद करने वाला ‘MANI App’ भी बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि सभी नागरिकों को नकदी तक समान पहुंच मिल सके।

कुल मिलाकर, RBI की यह रिपोर्ट साफ इशारा करती है कि भारत की नकदी व्यवस्था बड़े बदलावों से गुज़र रही है। छोटे मूल्यवर्ग के नोटों की जगह सिक्के ले रहे हैं, 2000 रुपये जैसे बड़े नोट धीरे-धीरे चलन से बाहर हो रहे हैं, और डिजिटल करेंसी भविष्य की ओर एक बड़ा कदम है।

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