Tesla Stops Orders in China For Model S and Model X: अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर का बड़ा झटका! टेस्ला ने चीन में बंद कर दी अपनी इन 2 लग्जरी कारों की बिक्री, जानें पूरी कहानी

Published On: April 12, 2025
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Tesla Stops Orders in China For Model S and Model X

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Tesla Stops Orders in China For Model S and Model X:  दुनिया की जानी-मानी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला (Tesla) ने एक चौंकाने वाला फैसला लिया है! कंपनी ने चीन में अपनी दो शानदार और महंगी कारों – Model S और Model X – की बिक्री अचानक रोक दी है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब दुनिया की दो सबसे बड़ी आर्थिक ताकतों, अमेरिका और चीन, के बीच व्यापार को लेकर तनाव (ट्रेड वॉर) फिर से गरमाता जा रहा है।

ऑर्डर लेना बंद, वेबसाइट से हटे ऑप्शन

टेस्ला ने चीन में अपनी आधिकारिक वेबसाइट और बेहद लोकप्रिय WeChat ऐप से Model S और Model X के ऑर्डर लेने का विकल्प हटा दिया है। इसका मतलब है कि अब चीनी ग्राहक इन लग्जरी इलेक्ट्रिक कारों के लिए नए ऑर्डर नहीं दे पाएंगे। आपको बता दें कि इसी साल मार्च तक इन कारों की बुकिंग आराम से हो रही थी, लेकिन अब अचानक इस पर रोक लगा दी गई है।

आखिर टेस्ला ने क्यों उठाया ये कदम? वजह जानकर चौंक जाएंगे!

सबसे बड़ा सवाल यही है कि टेस्ला ने अचानक इन मॉडलों को चीन में बेचना बंद क्यों किया? एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह सीधे तौर पर अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर का असर है। दोनों देश एक-दूसरे के यहां से आने वाले सामानों पर भारी टैक्स (टैरिफ) लगा रहे हैं। Model S और Model X अमेरिका में बनती हैं और फिर चीन में आयात होती हैं। बढ़े हुए टैरिफ के कारण इन कारों को चीन में लाना और बेचना टेस्ला के लिए बहुत महंगा और घाटे का सौदा बन गया था।

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आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं। 2024 में जहां इन दोनों इंपोर्टेड मॉडल्स (Model S और X) की कुल मिलाकर सिर्फ 2,000 यूनिट्स ही बिकीं, वहीं टेस्ला की चीन में ही बनने वाली सस्ती कारों – Model 3 और Model Y – की रिकॉर्ड 6.6 लाख यूनिट्स बिकीं! यह भारी अंतर साफ दिखाता है कि महंगी इंपोर्टेड कारों की मांग कम थी और स्थानीय स्तर पर बनी कारें कहीं ज्यादा लोकप्रिय थीं।

हालांकि टेस्ला ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन माना यही जा रहा है कि बढ़ती लागत (टैरिफ के कारण) और बेहद कम बिक्री ने कंपनी को यह फैसला लेने पर मजबूर किया है।

टैरिफ का भारी बोझ!

गौरतलब है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध के चलते दोनों देशों ने एक-दूसरे के कई प्रोडक्ट्स पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगा दिए हैं। उदाहरण के लिए, चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर लगने वाले टैरिफ को काफी बढ़ा दिया है (मूल लेख में 125% तक का जिक्र है, हालांकि यह आंकड़े समय के साथ बदल सकते हैं)। इस टैरिफ वॉर ने अमेरिकी कंपनियों के लिए चीन में अपना सामान बेचना बहुत मुश्किल बना दिया है, खासकर कारों जैसी महंगी चीजों के लिए। टेस्ला का यह कदम दिखाता है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक तनाव दुनिया की बड़ी से बड़ी कंपनियों की रणनीतियों को भी प्रभावित कर सकता है।

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