RBI – 100 और 200 रुपये के नोटों को लेकर RBI का बड़ा फैसला, अब नए हस्ताक्षर वाले नोट होंगे जारी

Published On: June 6, 2025
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RBI - 100 और 200 रुपये के नोटों को लेकर RBI का बड़ा फैसला, अब नए हस्ताक्षर वाले नोट होंगे जारी
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RBI – अगर आपके पास 100 रुपये और 200 रुपये के करेंसी नोट हैं, तो यह खबर आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकती है। दरअसल, आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India – RBI) बहुत जल्द ही 100 रुपये और 200 रुपये मूल्यवर्ग के नए बैंकनोट (new banknotes) जारी करने जा रहा है। आरबीआई (RBI announcement) की ओर से जारी इस महत्वपूर्ण अपडेट से जुड़ी पूरी और विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए इस खबर को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बहुत जल्द ही 100 रुपये और 200 रुपये के नए करेंसी नोट (new 100 and 200 rupee currency notes) बाजार में लाने वाला है। हालांकि, यह जानना महत्वपूर्ण है कि इन नए नोटों के मौजूदा डिजाइन (design of notes) या स्वरूप में कोई विशेष बदलाव नहीं किया जाएगा। मुख्य परिवर्तन यह होगा कि इन पर आरबीआई के नए गवर्नर (new RBI Governor) श्री संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर (Sanjay Malhotra’s signature) अंकित होंगे। यह एक सामान्य और नियमित प्रक्रिया (standard operating procedure) है, जिसके तहत जब भी रिजर्व बैंक में नए गवर्नर की नियुक्ति होती है, तो उनके हस्ताक्षर वाले नए नोटों की छपाई (printing of new notes) की जाती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बाजार में पहले से मौजूद 100 रुपये और 200 रुपये के पुराने नोट (old 100 and 200 rupee notes) पूरी तरह से वैध (legally valid) बने रहेंगे और चलन में रहेंगे।

क्या पुराने 100 और 200 रुपये के नोट चलन से बाहर हो जाएंगे? (Will old notes be demonetized?)

इसका सीधा और स्पष्ट उत्तर है – बिल्कुल नहीं! भारतीय रिजर्व बैंक (RBI circular) ने यह पूरी तरह से साफ कर दिया है कि वर्तमान में प्रचलन में मौजूद 100 रुपये और 200 रुपये के पुराने नोट (existing currency notes) पहले की तरह ही वैध मुद्रा (legal tender) बने रहेंगे और उन्हें बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है। आरबीआई (RBI statement) ने यह भी कहा है कि ये नए हस्ताक्षर वाले नोट (new signature notes) जल्द ही विभिन्न बैंकों की शाखाओं (bank branches) और एटीएम मशीनों (ATM machines) के माध्यम से आम जनता के लिए उपलब्ध होंगे। चलिए, अब यह भी जान लेते हैं कि देश के किन हिस्सों में लोग सबसे ज्यादा नकदी का इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ ही, हम यह भी समझने की कोशिश करेंगे कि 2000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर किए जाने के बाद भारत में नकदी के प्रवाह (cash flow in India) की क्या स्थिति रही है।

भारत में नकदी का कितना हो रहा है इस्तेमाल? (Cash Usage in India)

भारतीय रिजर्व बैंक की एक हालिया रिपोर्ट (RBI report on currency) के अनुसार, दो हजार रुपये के नोटों को चलन से बाहर (demonetization of 2000 rupee note) किए जाने के बावजूद, देश में नकदी का प्रचलन (cash in circulation) आश्चर्यजनक रूप से काफी बढ़ गया है। आंकड़ों पर गौर करें तो, मार्च 2017 में जहां यह आंकड़ा 13.35 लाख करोड़ रुपये था, वहीं मार्च 2024 तक यह बढ़कर ₹35.15 लाख करोड़ रुपये के उल्लेखनीय स्तर पर पहुँच गया है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि डिजिटल भुगतान (digital payments in India) को तेजी से बढ़ावा मिलने और यूपीआई (UPI transactions) के व्यापक उपयोग के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy dynamics) में आज भी भौतिक नकदी (physical cash) का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और अनिवार्य स्थान बना हुआ है।

इसके समानांतर, यह भी सच है कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (Unified Payments Interface – UPI) के माध्यम से होने वाले डिजITAL लेन-देन (digital transactions via UPI) भी भारत में रॉकेट की गति से बढ़ रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, मार्च 2020 में जहाँ यूपीआई ट्रांजैक्शन (value of UPI transactions) का कुल मूल्य 2.06 लाख करोड़ रुपये था, वहीं फरवरी 2024 तक यह आंकड़ा कई गुना बढ़कर 18.07 लाख करोड़ रुपये हो गया। अगर पूरे वर्ष 2024 (अनुमानित) की बात करें, तो इस साल कुल डिजिटल ट्रांजैक्शन (total digital transactions volume) की संख्या लगभग 172 बिलियन के आसपास रहने का अनुमान है, जो डिजिटल इंडिया (Digital India initiative) की सफलता को दर्शाता है।

किन राज्यों में ATM से सबसे ज्यादा नकदी निकाली जाती है? (States with Highest ATM Cash Withdrawals)

वित्तीय वर्ष 2023-24 (FY’24) के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक जैसे राज्यों में एटीएम से सर्वाधिक नकदी निकासी (highest ATM cash withdrawals) दर्ज की गई। विभिन्न त्योहारों और चुनावी गतिविधियों (festivals and elections effect on cash) के दौरान नकदी की मांग में स्वाभाविक वृद्धि इसका एक प्रमुख कारण मानी जा रही है। इसके साथ ही, देश के कई ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान (limited digital payment access in rural India) के साधनों की सीमित पहुंच और जागरूकता की कमी ने भी नकद लेनदेन (cash transactions prevalence) को बढ़ावा दिया है, जिसके परिणामस्वरूप इन राज्यों में एटीएम से अधिक मात्रा में पैसा निकाला गया। यह भारतीय मौद्रिक नीति (Indian monetary policy) और उपभोक्ता व्यवहार का एक दिलचस्प पहलू है।


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