RBI New Guidelines : आजकल डिजिटल लेनदेन (Digital Transactions) हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। एटीएम (ATM) से पैसे निकालना हो, ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) करनी हो, या UPI (UPI) से किसी को तुरंत पेमेंट (Payment) भेजना हो, हम बैंक ट्रांजैक्शन (Bank Transactions) पर बहुत ज़्यादा निर्भर रहते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि आप ट्रांजैक्शन करते हैं, आपके बैंक अकाउंट (Bank Account) से पैसे भी कट जाते हैं, लेकिन जिसे भेजे वो पैसे मिलते ही नहीं, या ATM से कैश (Cash) निकलता ही नहीं। ऐसी स्थिति में अक्सर हम घबरा जाते हैं और समझ नहीं आता कि क्या करें।
लेकिन, अब आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है! भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India – RBI) ने ऐसे मामलों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण और ग्राहक-हितैषी नियम (Customer-Friendly Rule) बनाया है। सितंबर 2019 में, आरबीआई (RBI) ने ‘फेल हुए बैंक ट्रांजैक्शन के लिए टर्न अराउंड टाइम (Turn Around Time – TAT) और ग्राहक मुआवजे’ (Customer Compensation) पर एक सर्कुलर (Circular) जारी किया। इस सर्कुलर (RBI Circular) के तहत, यदि बैंक (Bank) किसी फेल हुए ट्रांजैक्शन (Failed Transaction) में ग्राहक के अकाउंट (Account) से डेबिट (Debit) हुए पैसे को एक तय समय-सीमा (Prescribed Timeline) के भीतर वापस (Refund) नहीं करता है, तो उसे ग्राहकों को जुर्माना (Penalty) देना होगा। और यह जुर्माना (Fine) देरी के हर एक दिन के हिसाब से बढ़ता जाएगा!
RBI का TAT Harmonisation रूल: ग्राहकों के लिए सुरक्षा कवच!
आरबीआई (Reserve Bank Of India) का यह सर्कुलर (Circular), जो 20 सितंबर 2019 को जारी हुआ था, असल में विभिन्न प्रकार के असफल बैंक लेनदेन (Failed Bank Transactions) के लिए एक स्पष्ट टर्न अराउंड टाइम (Turn Around Time – TAT) यानी पैसा वापस मिलने की समय-सीमा निर्धारित करता है। इसका सीधा सा मतलब है कि अगर आपने कोई बैंक ट्रांजैक्शन (Bank Transaction) किया और वो फेल (Failed) हो गया, लेकिन आपके खाते (Account) से पैसा कट गया (Money Debited), तो बैंक (Bank) की ज़िम्मेदारी है कि वो उस पैसे को निर्धारित समय के अंदर आपके अकाउंट (Account) में वापस (Refund) कर दे।
यदि बैंक (Bank) इस समय-सीमा (Timeline) का पालन नहीं करता है, तो उसे ग्राहक (Customer) को मुआवज़ा (Compensation) देना होगा। यह मुआवज़ा (Compensation) जुर्माने (Penalty) के रूप में दिया जाता है और देरी के हर दिन के लिए इसकी राशि तय होती है। इस नियम का उद्देश्य बैंकों (Banks) को प्रोत्साहित करना है कि वे फेल हुए ट्रांजैक्शन (Failed Transactions) के पैसे ग्राहकों (Customers) को तेज़ी से और बिना किसी परेशानी के वापस करें। यह ग्राहकों के अधिकारों (Customer Rights) की रक्षा करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है।
आपको पेनल्टी की रकम कब मिलती है?
आपको यह पेनल्टी (Penalty) तब मिलती है जब आपका ट्रांजैक्शन (Transaction) फेल (Failed) होता है और बैंक (Bank) निर्धारित TAT (Turn Around Time) के भीतर आपके पैसे वापस (Refund) नहीं करता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि पेनल्टी (Penalty) तभी लागू होगी जब ट्रांजैक्शन फेल (Transaction Failed) होने या पैसा वापस न मिलने के पीछे कोई ऐसा कारण हो जिस पर आपका कोई कंट्रोल (Control) नहीं था, जैसे बैंक का सिस्टम फेलियर (System Failure), नेटवर्क की समस्या (Network Issue) आदि।
अगर आपको यह पता है कि आपके विशेष प्रकार के फेल हुए ट्रांजैक्शन (Failed Transaction Type) के लिए पैसा वापस मिलने (Refund) का निर्धारित समय (TAT) क्या है, और वह समय सीमा (Deadline) बीत गई है, तो आप तुरंत अपने बैंक (Bank) से संपर्क (Contact Bank) कर सकते हैं और आरबीआई के नियमों (RBI Rules) का हवाला देते हुए पेनल्टी (Penalty) की मांग कर सकते हैं।
किन स्थितियों में आपको मिलती है प्रतिदिन ₹100 की पेनल्टी?
आरबीआई (RBI) ने अलग-अलग प्रकार के ट्रांजैक्शन (Transaction Types) के लिए अलग-अलग TAT (Turn Around Time) और पेनल्टी (Penalty) के नियम बनाए हैं। यहां कुछ मुख्य स्थितियां बताई गई हैं:
- एटीएम से पैसा नहीं निकला, अकाउंट से कट गया (ATM Transaction Failed): यह सबसे आम शिकायतों में से एक है। यदि आपने किसी भी बैंक के एटीएम (ATM) से पैसा निकालने (Cash Withdrawal) की कोशिश की, आपके बैंक खाते (Bank Account) से पैसा डेबिट (Debited) हो गया, लेकिन मशीन से कैश (Cash) बाहर नहीं आया, तो बैंक (Bank) को ट्रांजैक्शन वाले दिन (Transaction Day) से लेकर अगले 5 दिनों (T+5 Days) के भीतर आपके डेबिट हुए पैसे (Debited Amount) को वापस (Reverse/Refund) करना होगा। यदि बैंक (Bank) ऐसा नहीं करता है, तो छठी तारीख से बैंक (Bank) आपको हर दिन ₹100 (₹100) का जुर्माना (Penalty) देगा, जब तक कि आपके पैसे वापस नहीं मिल जाते।
- कार्ड-टू-कार्ड ट्रांसफर फेल (Card-to-Card Transfer Failed): अगर आपने एक डेबिट कार्ड (Debit Card) या क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से दूसरे कार्ड पर पैसा ट्रांसफर (Card-to-Card Transfer) किया और ट्रांजैक्शन (Transaction) आपके अकाउंट (Account) से कट गया (Debited), लेकिन बेनेफिशियरी (Beneficiary) यानी जिसे पैसे भेजे थे उसके अकाउंट (Account) में जमा (Credited) नहीं हुआ, तो बैंक (Bank) को ट्रांजैक्शन वाले दिन (Transaction Day) और अगला दिन मिलाकर कुल दो दिनों (T+1 Day) के भीतर डेबिट हुई राशि (Debited Amount) को वापस (Reverse) करना होगा। अगर बैंक (Bank) T+1 दिन तक पैसे वापस नहीं करता है, तो उसे T+2 दिन से हर दिन ₹100 (₹100) की पेनल्टी (Penalty) ग्राहक को देनी होगी।
- PoS, IMPS, UPI ट्रांजैक्शन फेल (PoS, IMPS, UPI Transaction Failed): यदि आप किसी दुकान पर PoS मशीन (Point of Sale Machine) पर कार्ड स्वाइप (Card Swipe) करते हैं, या IMPS (Immediate Payment Service) या UPI (Unified Payments Interface) जैसी तत्काल भुगतान प्रणालियों (Instant Payment Systems) का उपयोग करके पेमेंट (Payment) करते हैं, और आपके खाते (Account) से पैसा कट जाता है (Money Debited), लेकिन जिसे भेजा गया है उसके खाते (Beneficiary Account) में जमा (Credited) नहीं होता है, तो आरबीआई (RBI) ने ऐसे लेनदेन (Transactions) को ठीक करने के लिए बैंकों (Banks) और पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स (Payment System Operators) को T+1 दिन (T+1 Day) का समय दिया है। इसका मतलब है कि ट्रांजैक्शन वाले दिन (Transaction Day) और अगले दिन तक पैसा बेनेफिशियरी के अकाउंट में क्रेडिट (Credit) हो जाना चाहिए, या आपके अकाउंट में वापस (Refund) आ जाना चाहिए। यदि इस T+1 अवधि में भी पैसा क्रेडिट (Credit) या रिफंड (Refund) नहीं होता है, तो बैंक (Bank) पर T+2 दिन से प्रतिदिन ₹100 (₹100) का जुर्माना (Penalty) लगेगा, जब तक कि समस्या हल नहीं हो जाती।
क्या करें जब आपका ट्रांजैक्शन फेल हो जाए और पैसा वापस न मिले?
अगर आपका कोई भी ऑनलाइन (Online) या एटीएम (ATM) ट्रांजैक्शन (Transaction) फेल (Failed) हो जाता है और निर्धारित समय-सीमा (TAT) के भीतर पैसा वापस (Refund) नहीं मिलता है, तो सबसे पहले अपने बैंक (Your Bank) से संपर्क करें। उन्हें समस्या (Problem) बताएं और फेल हुए ट्रांजैक्शन (Failed Transaction) का विवरण (Details) दें (जैसे ट्रांजैक्शन आईडी (Transaction ID), तारीख (Date), समय (Time), राशि (Amount))।
अगर बैंक (Bank) निर्धारित TAT (TAT) के भीतर पैसा वापस नहीं करता है, तो आप आरबीआई के नियमों (RBI Rules) का हवाला देते हुए पेनल्टी (Penalty) के लिए क्लेम (Claim Penalty) कर सकते हैं। यदि बैंक (Bank) फिर भी सहयोग नहीं करता है, तो आप बैंकिंग लोकपाल (Banking Ombudsman) या आरबीआई (RBI) की एकीकृत लोकपाल योजना (Integrated Ombudsman Scheme) के तहत शिकायत (Complaint) दर्ज करा सकते हैं।