RBI: आपका बैंक लॉकर हो सकता है सील, जानें कैसे सुरक्षित रखें अपनी कीमती चीजें

Published On: June 25, 2025
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RBI: आपका बैंक लॉकर हो सकता है सील, जानें कैसे सुरक्षित रखें अपनी कीमती चीजें

RBI : देशभर के लगभग 20 प्रतिशत बैंक लॉकर ग्राहकों (20 Percent Locker Customers) पर एक बड़ा संकट मंडरा रहा है! इन ग्राहकों को अपने बैंक लॉकर एक्सेस (Bank Locker Access) खोने का खतरा है, और इसका कारण बेहद सीधा है: उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI – Reserve Bank of India) के निर्देशों द्वारा अनिवार्य किए गए संशोधित रेंटल एग्रीमेंट (Revised Rental Agreement) पर हस्ताक्षर करने होंगे, और अब तक वे ऐसा कर पाने में विफल रहे हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI Rules for Lockers) के इन कड़े नियमों के तहत, यदि ये ग्राहक तय समय-सीमा तक एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं, तो उनका बैंक लॉकर (Bank Locker Seal) सील किया जा सकता है या फ्रीज (Locker Freeze) कर दिया जाएगा, जिससे वे अपनी कीमती सामग्री तक पहुँच नहीं पाएंगे।

नए लॉकर एग्रीमेंट में क्या प्रावधान हैं? (Provisions in the New Locker Agreement):

RBI (RBI New Locker Rules) द्वारा अनिवार्य किए गए नए लॉकर एग्रीमेंट (New Locker Agreement) में ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान (Customer Protection Provisions) शामिल किए गए हैं:

  1. बैंक की बढ़ी हुई जिम्मेदारी (Increased Bank Responsibility): इस नए एग्रीमेंट (New Agreement Terms) के तहत, यदि बैंक लॉकर की सामग्री को (Locker Content Security) सुरक्षित रखने में विफल रहता है, तो ग्राहक कानूनी कार्रवाई (Legal Action Against Bank) कर सकते हैं।
  2. क्षतिग्रस्त होने पर बैंक जिम्मेदार (Bank Responsible for Damage/Destruction): यदि लॉकर में रखी सामग्री आग (Fire in Locker), चोरी (Theft in Locker), या बैंक कर्मचारियों द्वारा की गई धोखाधड़ी (Fraud by Bank Employees) या लापरवाही (Bank Negligence) सहित अन्य कारणों से खराब (Damaged Locker Contents) या नष्ट (Destroyed Locker Contents) होती है, तो बैंक इसके लिए जिम्मेदार (Bank Will Be Held Accountable) होगा। इसमें मुआवजा (Compensation for Locker Contents) का प्रावधान है जो लॉकर के वार्षिक किराए के 100 गुना (100 Times of Annual Rent) तक हो सकता है, लेकिन अधिकतम ₹20 लाख (Maximum ₹20 Lakh Compensation) तक सीमित है।
  3. कोई अतिरिक्त दस्तावेज़ नहीं (No Additional Documents Required): इस नए एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर (Sign New Agreement) करने के लिए ग्राहकों से कोई नया दस्तावेज़ (No New Documents) नहीं लिया जाएगा।
  4. स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान बैंक द्वारा (Stamp Duty Paid by Bank): इस एग्रीमेंट पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty Payment) का भुगतान भी बैंक (Bank Pays Stamp Duty) ही करेगा, जिससे ग्राहकों पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ न पड़े।

RBI का नया नियम कब से लागू है? समय सीमा का इतिहास (When is RBI’s New Rule Effective? – Timeline of Deadlines):

आरबीआई (RBI Circular on Locker Agreements) ने अगस्त 2021 (August 2021 RBI Directive) में सभी बैंकों को 1 जनवरी 2023 तक (January 1, 2023 Deadline) अपने लॉकर ग्राहकों के साथ नए समझौते (New Agreement with Locker Customers) पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया था। इसका उद्देश्य मुख्य रूप से तकनीकी उन्नयन (Technical Upgradation) को लागू करना और ग्राहक प्रतिक्रिया (Customer Feedback) को संबोधित करना था।

हालांकि, कई ग्राहक समय पर प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए थे, जिसके चलते यह समय सीमा (Deadline Extension) दो बार बढ़ाई गई:

  • पहली बार दिसंबर 2023 (December 2023 Extended Deadline) तक।
  • दूसरी बार मार्च 2024 (March 2024 Extended Deadline) तक।
    इसके बावजूद, अभी भी बड़ी संख्या में ग्राहक (Many Customers Yet to Comply) प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए हैं, और लगभग 20% लॉकर किरायेदार (20% Locker Tenants) ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक एग्रीमेंट पर साइन (Agreement Not Signed) नहीं किया है। अब बैंक, ग्राहकों की समस्याओं और लंबितता को देखते हुए, आरबीआई (Bank Requests Extension to RBI) और सरकारी अधिकारियों से इस समय सीमा को दिसंबर 2025 (New Proposed Deadline: December 2025) तक बढ़ाने का अनुरोध कर रहे हैं।

एग्रीमेंट पर साइन न करने पर क्या होगा? (What Happens if Agreement is Not Signed?):

यदि ग्राहक निर्धारित समय-सीमा के भीतर संशोधित एग्रीमेंट (Revised Agreement) साइन नहीं करते हैं, तो निम्नलिखित कठोर कदम (Strict Actions for Non-Compliance) उठाए जा सकते हैं:

  1. लॉकर फ्रीज होगा (Locker Will Be Freezed): यदि ग्राहक ने संशोधित एग्रीमेंट साइन नहीं किया है, तो लॉकर (Locker Access Restricted) को फ्रीज कर दिया जाएगा। इसका मतलब है कि ग्राहक को लॉकर का इस्तेमाल करने (Usage Not Allowed) की इजाजत नहीं होगी, हालांकि उनकी सामग्री अंदर सुरक्षित रहेगी।
  2. लॉकर बंद किया जा सकता है (Locker May Be Closed): बैंकों को यह अधिकार दिया जा सकता है कि वे ऐसे ग्राहकों को फाइनल नोटिस (Final Notice to Locker Holders) भेजें और ऐसे लॉकर बंद (Locker Closure) करें, जिनके लिए नया एग्रीमेंट (New Agreement Required) साइन नहीं हुआ है। यह उनकी सेवाओं को समाप्त कर देगा।
  3. RBI के नए दिशानिर्देश (New RBI Guidelines Expected): आरबीआई (RBI Latest Directive) ने बैंकों से इस बात की जानकारी (Compliance Data Sought by RBI) भी मांगी है कि सेफ लॉक एग्रीमेंट (Safe Lock Agreement – SLA/RA) पर कितनी कंप्लायंस (Compliance Level) हुई है। इस डेटा के आधार पर आरबीआई (RBI Future Directives) अगले दिशानिर्देश (Future Guidelines) जारी कर सकता है, जिसमें उन ग्राहकों के लिए और सख्त उपाय (Stricter Measures for Non-Compliant) शामिल हो सकते हैं जिन्होंने नियमों का पालन नहीं किया है।

अब बैंक क्या कर सकते हैं? (What Can Banks Do Now?):

बैंक ऐसे ग्राहकों के खिलाफ कदम उठाने (Bank Action Against Non-Compliant Customers) पर विचार कर रहे हैं, जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने RBI (Request to RBI and Government Officials) और सरकारी अधिकारियों से अनुरोध किया है कि उन्हें ऐसे लॉकर होल्डर्स (Locker Holders) को अंतिम नोटिस (Final Notice) भेजने और अंततः उनके लॉकर सील (Seal Lockers) करने की इजाजत दी जाए। इससे बैंक न केवल रेगुलेटरी जोखिम (Regulatory Risk for Banks) से खुद को बचा सकेंगे, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेंगे कि नए नियम पूरी तरह से लागू हों।

बैंक लॉकर में क्या रख सकते हैं और क्या नहीं? (What Can and Cannot Be Kept in Bank Locker?):

बैंक लॉकर (Bank Locker Contents) का उपयोग आपकी कीमती और संवेदनशील वस्तुओं को सुरक्षित रखने (Safeguarding Valuables) के लिए होता है:

  • क्या रख सकते हैं (What Can Be Kept): आप अपने गहने (Jewellery), ज़रूरी दस्तावेज़ (जैसे प्रॉपर्टी पेपर – Property Papers, वसीयत – Will), कैश (Cash – although generally not advisable for large sums due to no direct insurance for cash loss in general), डिजिटल मीडिया (Digital Media like Hard Drives), और अन्य कीमती सामान (Other Valuables) सुरक्षित रख सकते हैं।
  • क्या नहीं रख सकते (What Cannot Be Kept): हालांकि, गैरकानूनी वस्तुएं (Illegal Items)विस्फोटक (Explosives)ज्वलनशील पदार्थ (Inflammable Materials), या प्रतिबंधित चीजें (Prohibited Items) जैसे हथियार, नशीले पदार्थ आदि रखना सख्त मना (Strictly Prohibited) है। भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India Guidelines for Lockers) के नियमों के अनुसार, लॉकर का उपयोग केवल वैध (Legal Items) और निजी उपयोग (Personal Use Items) की वस्तुओं के लिए ही होना चाहिए।

सभी लॉकर ग्राहकों (All Locker Customers) से अनुरोध है कि वे इस अपडेट को गंभीरता से लें और अपने बैंक (Contact Your Bank) से तुरंत संपर्क करें ताकि उनके लॉकर तक पहुँच बाधित न हो और वे अपने अधिकारों का पूरा लाभ उठा सकें।


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