Personal Loan : पर्सनल लोन EMI मिस की? क्रेडिट स्कोर से लेकर कानूनी पचड़े तक, जानें क्या होगा अगर समय पर लोन नहीं चुकाया तो

Published On: June 8, 2025
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Personal Loan : पर्सनल लोन EMI मिस की? क्रेडिट स्कोर से लेकर कानूनी पचड़े तक, जानें क्या होगा अगर समय पर लोन नहीं चुकाया तो
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Personal Loan : आधुनिक जीवनशैली में, अचानक आए खर्चों (Unexpected Expenses) या जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन (Personal Loan) एक आसान और त्वरित (Quick) विकल्प बन गया है। हालांकि, पर्सनल लोन (Personal Loan) लेते समय यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि समय पर इसका भुगतान करना (Repaying on Time) कितना जरूरी है। यदि आप अपने पर्सनल लोन (Personal Loan) की मासिक किस्त (EMI – Equated Monthly Installment) का भुगतान निर्धारित समय पर नहीं करते हैं, तो आपको कई तरह की गंभीर समस्याओं (Serious Problems) का सामना करना पड़ सकता है।

समय पर पर्सनल लोन (Personal Loan) नहीं चुकाने के संभावित परिणामों (Consequences) में सबसे पहला और बड़ा नुकसान यह है कि आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) बुरी तरह से खराब (Poor) हो सकता है। खराब क्रेडिट स्कोर (Poor Credit Score) होने से भविष्य में आपके लिए किसी भी प्रकार का लोन (Loan), जैसे कि होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan), या यहाँ तक कि क्रेडिट कार्ड (Credit Card) मिलना भी बेहद मुश्किल हो सकता है। बैंक और वित्तीय संस्थान (Financial Institutions) कम क्रेडिट स्कोर वाले लोगों को उच्च जोखिम (High Risk) मानते हैं।

इसके अलावा, EMI (EMI) का भुगतान समय पर न करने पर आपको जुर्माना (Fine) और अतिरिक्त ब्याज (Additional Interest) देना पड़ सकता है। ये अतिरिक्त शुल्क (Extra Charges) आपके मूल कर्ज के बोझ (Loan Burden) को और बढ़ा देंगे, जिससे लोन चुकाना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। सबसे बुरी स्थिति में, बैंक या वित्तीय संस्थान आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई (Legal Action) भी कर सकते हैं, जिससे आपकी परेशानी काफी बढ़ सकती है। इसीलिए, पर्सनल लोन (Personal Loan) लेते समय और उसे चुकाते समय अत्यधिक सावधानी बरतना और किस्तों का भुगतान समय पर करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

खराब क्रेडिट रेटिंग (Poor Credit Rating)

जब आप अपने पर्सनल लोन की EMI (Personal Loan EMI) का भुगतान समय पर नहीं कर पाते हैं या उसमें देरी करते हैं, तो बैंक या ऋणदाता (Lender) इसकी जानकारी क्रेडिट एजेंसियों (Credit Agencies) जैसे कि सिबिल (CIBIL), इक्विफैक्स (Equifax), या एक्सपेरियन (Experian) को दे देते हैं। ये एजेंसियां ​​आपके लोन और क्रेडिट कार्ड के भुगतान इतिहास (Payment History) का रिकॉर्ड रखती हैं। समय पर भुगतान न करने से आपके क्रेडिट स्कोर (Credit Score) में तेजी से गिरावट (Decline) आती है। कम क्रेडिट स्कोर (Low Credit Score) होने से भविष्य में आपकी लोन पात्रता (Loan Eligibility) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आपको भविष्य में लोन (Loan) प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है, क्रेडिट कार्ड (Credit Card) जारी करवाने में समस्या आ सकती है, और कुछ मामलों में तो अपार्टमेंट किराए पर लेना (Renting an Apartment) भी मुश्किल हो सकता है, क्योंकि कई मकान मालिक भी किरायेदार का क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं। खराब क्रेडिट स्कोर (Poor Credit Score) वाले लोगों को बैंक लोन देने से मना (Refuse Loan) कर सकते हैं, या यदि वे लोन देने के लिए सहमत होते हैं, तो वे अधिक ब्याज दर (Higher Interest Rate) वसूल सकते हैं, जिससे आपके लिए लोन और महंगा हो जाएगा।

खर्च बढ़ना (Increased Expenses)

पर्सनल लोन (Personal Loan) पर बार-बार डिफ़ॉल्ट (Default) करने या EMI छोड़ने से आपके वित्तीय खर्च तेजी से बढ़ सकते हैं। बकाया राशि पर लेट फीस (Late Fees) और डिफ़ॉल्ट पेनल्टी (Default Penalty) जुड़ जाती है। इसके अलावा, यदि बैंक वसूली के लिए किसी थर्ड पार्टी एजेंसी (Third Party Agency) की मदद लेता है, तो उसकी कलेक्शन कॉस्ट (Collection Cost) भी आपके बकाया में जोड़ दी जाती है। कुछ लोन समझौतों (Loan Agreements) में यह प्रावधान भी हो सकता है कि डिफ़ॉल्ट की स्थिति में आपके लोन पर लागू ब्याज दर (Interest Rate) बढ़ा दी जाए, जिससे आपके ऊपर कर्ज का बोझ (Debt Burden) काफी बढ़ जाएगा।

लोन की वसूली (Loan Recovery)

ऐसी गंभीर परिस्थितियों में, जब ग्राहक लगातार ईएमआई (EMI) चुकाने में विफल रहता है, तो बैंक या वित्तीय संस्थान अपने बकाया लोन की वसूली (Loan Recovery) के लिए कदम उठाते हैं। कई बार बैंक अपने बकाया लोन अकाउंट्स (Loan Accounts) को थर्ड पार्टी कलेक्शन एजेंसी (Third Party Collection Agency) को ट्रांसफर (Transfer) कर देते हैं। ये एजेंसियां लोन की वसूली करने के लिए अक्सर बहुत आक्रामक तरीके (Aggressive Methods) अपना सकती हैं, जिसमें बार-बार कॉल करना, मैसेज भेजना, घर पर विजिट करना आदि शामिल हो सकता है। यह स्थिति आपके लिए बहुत अधिक तनाव (Stress) और मानसिक परेशानी (Mental Harassment) का कारण बन सकती है।

कानूनी कार्यवाही (Legal Proceedings)

सबसे गंभीर स्थिति तब उत्पन्न होती है जब अन्य सभी प्रयास विफल हो जाते हैं। गंभीर परिस्थितियों में, बैंक या वित्तीय संस्थान बकाया लोन की रकम वापस पाने (Recovering Loan Amount) के लिए कानूनी कार्रवाई (Legal Action) का सहारा ले सकते हैं। इसमें अदालत में मुकदमा (Lawsuit) दायर करना शामिल हो सकता है। कानूनी प्रक्रियाएं लंबी, महंगी और तनावपूर्ण हो सकती हैं।

इन सभी परिणामों को देखते हुए, यह सलाह दी जाती है कि पर्सनल लोन (Personal Loan) केवल तभी लें जब आपको वास्तव में बहुत अधिक जरूरत (Genuine Need) हो और उतना ही लोन (Borrow Only What You Need) लें जिसे आप अपनी आय के अनुसार समय पर आसानी से चुका सकें (Can Easily Repay on Time)

कैसे इस समस्या से निजात पाएं? (How to get rid of this problem?)

यदि आप पर्सनल लोन EMI (Personal Loan EMI) नहीं चुका पा रहे हैं या भविष्य में ऐसी स्थिति से बचना चाहते हैं, तो कुछ उपाय हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं:

  1. सोच समझकर लोन लें (Borrow Wisely): केवल अपनी वास्तविक आवश्यकतानुसार ही ऋण (Loan) लें और यह सुनिश्चित करें कि आप इसे अपनी वर्तमान आय (Current Income) और भविष्य की वित्तीय योजनाओं (Future Financial Plans) के अनुसार आसानी से चुका सकते हैं। प्री-अप्रूवल (Pre-approval) के आधार पर या केवल आसानी से उपलब्ध होने के कारण ज़्यादा उधार लेने से बचें, क्योंकि अक्सर लोग अपनी चुकाने की क्षमता (Repayment Capacity) को कम आंकते हैं। सावधानीपूर्वक वित्तीय योजना (Financial Planning) बनाकर आप भविष्य के वित्तीय संकटों (Financial Crises) से बच सकते हैं।
  2. तुरंत संचार करें (Communicate Immediately): अगर आपको लगता है कि आप लोन के रि-पेमेंट (Loan Repayment) में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं या आपकी कोई किस्त छूटने वाली है, तो जितनी जल्दी हो सके, लोन देने वाली वित्तीय संस्था (Financial Institution) से संपर्क करें। अपनी स्थिति के बारे में उन्हें ईमानदारी से बताएं। कई वित्तीय संस्थान इस स्थिति में लोन करेक्शन या एडजस्टमेंट (Loan Correction or Adjustment) जैसे विकल्प प्रदान कर सकते हैं, जैसे कि कुछ समय के लिए ईएमआई को स्थगित करना (EMI Postponement), भुगतान अनुसूची (Payment Schedule) को बदलना, या लोन को पुनर्गठित करना (Loan Restructuring)। समय पर संचार समस्या को बिगड़ने से रोक सकता है।
  3. बजट और योजना बनाएं (Budget and Plan): अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी और खर्चों के लिए एक व्यावहारिक बजट (Realistic Budget) बनाएं और उसका सख्ती से पालन करें। अपने खर्चों को ट्रैक करें। शीघ्र लोन चुकाने (Early Loan Repayment) के लिए अपनी कमाई बढ़ाने (Increase Earnings) या गैर-ज़रूरी खर्चों (Non-essential Expenses) में कटौती (Cut Down Expenses) करने के अवसर तलाशें। हर महीने कुछ राशि बचत (Savings) करने की आदत डालें।
  4. इमरजेंसी फंड (Emergency Fund): भविष्य में लोन की किस्तों (Loan Installments) में कोई रुकावट न आए, इसके लिए एक इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) या आपातकालीन कोष तैयार करें। यह फंड कम से कम 3-6 महीने के आवश्यक खर्चों को कवर करने के लिए पर्याप्त होना चाहिए। यह आपको अप्रत्याशित परिस्थितियों, जैसे नौकरी छूटने या मेडिकल इमरजेंसी, में भी अपनी ईएमआई चुकाने में मदद करेगा और आपको वित्तीय स्थिरता देगा।

रिकवरी एजेंट धमकी दे तो क्या करें? (What to do if Recovery Agent threatens?)

जैसा कि होम लोन के मामले में बताया गया है, पर्सनल लोन (Personal Loan) चुकाने में असमर्थता भी एक सिविल विवाद (Civil Dispute) है। यदि आप पर्सनल लोन (Personal Loan) चुकाने में असमर्थ हैं और बैंक द्वारा नियुक्त रिकवरी एजेंट (Recovery Agent) आपको परेशान कर रहे हैं या धमकी दे रहे हैं, तो याद रखें कि रिकवरी एजेंट को आपको डराने-धमकाने (Threatening), अपमानित करने (Humiliating) या परेशान करने का कोई कानूनी अधिकार (Legal Right) नहीं है। रिकवरी एजेंटों के लिए आरबीआई (RBI) के सख्त नियम हैं जिनका पालन करना अनिवार्य है।

यदि आपको भी पर्सनल लोन (Personal Loan) चुकाने को लेकर कोई रिकवरी एजेंट (Recovery Agent) नियमों का उल्लंघन करते हुए परेशान करे, तो आप सीधे पुलिस (Police) में शिकायत (Complaint) दर्ज करा सकते हैं। आप बैंक या वित्तीय संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों (Senior Officials) से भी संपर्क कर रिकवरी एजेंट (Recovery Agent) के व्यवहार के बारे में शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा, आप भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास भी शिकायत दर्ज (File a Complaint) करा सकते हैं, क्योंकि आरबीआई लोन वसूली प्रक्रिया (Loan Recovery Process) की निगरानी करता है। अपनी स्थिति और अधिकारों के बारे में जागरूक रहें।

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