Gold Rate: अगर आप भी सोने में निवेश (Gold Investment) करने की सोच रहे हैं या शादी-ब्याह के लिए सोना खरीदने (Gold Buying Tips) का प्लान बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। सोने के दामों को लेकर एक ऐसी रिपोर्ट (Gold Price Report) सामने आई है जिसने सबको चौंका दिया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, सोने ने पिछले तीस महीनों में 125 प्रतिशत, यानी अपने मूल्य को डबल से भी ज्यादा (Gold Double Return) कर दिया है। यह एक ऐसा ऐतिहासिक रिटर्न है जो बहुत कम निवेश विकल्प दे पाते हैं। और सोने की यह तेजी सिर्फ पिछले कुछ सालों तक सीमित नहीं है। इस साल भी सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है और अब तक करीब 35 प्रतिशत तक का रिटर्न (Gold Return Percentage) निवेशकों को मिल चुका है। सोने की इस लगातार बढ़ती तेजी ने जहां निवेशकों को मालामाल किया है, वहीं आम आदमी, जिसके लिए सोना सिर्फ एक निवेश नहीं बल्कि जरूरत और परंपरा है, काफी परेशान है। आखिर क्यों बढ़ रही हैं सोने की कीमतें और भविष्य में यह कहां तक जा सकता है? आइए जानते हैं विस्तार से।
कहां से कहां पहुंच गया सोना: अंतरराष्ट्रीय बाजार में पौ-बारह!
जब हम सोने के दामों की इंटरनेशनल लेवल (Gold Price in International Market) पर बात करते हैं, तो यहां सोने की पौ-बारह (Huge Gain in Gold) हो चुकी है। मात्र 30 महीने के छोटे से अंतराल में सोना 125% बढ़ा है, जो किसी भी कमोडिटी मार्केट के लिए एक असाधारण प्रदर्शन है। सोने के दाम अक्तूबर 2022 में 1,500 डॉलर प्रति औंस (Gold Price per Ounce USD) के आसपास थे। यहां से बढ़ते हुए, सोना 3,400 डॉलर प्रति औंस (3400 USD Gold Price) के पार जा चुका है। यह दिखाता है कि वैश्विक स्तर पर सोने की मांग और कीमतों में कितनी जबरदस्त तेजी आई है। इस तेजी का असर साफ तौर पर भारतीय वायदा बाजार (Gold Futures Market) और सर्राफा बाजार (Bullion Market) में भी देखा जा रहा है, जहां सोना खूब तेजी दिखा रहा है।
भारतीय बाजार में भी रिकॉर्ड तोड़ तेजी: सप्ताह भर में ₹1790 की बढ़ौतरी!
अंतरराष्ट्रीय बाजार की तेजी का सीधा असर भारतीय बाजार (Gold Market India) पर भी पड़ रहा है। भारतीय बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वेबसाइट से मिले आंकड़ों के अनुसार, सोने के दाम लगातार नई ऊंचाई छू रहे हैं। 31 मई को सोने का दाम 95,355 रुपये प्रति दस ग्राम (Gold Rate per 10 Gram) पर था। वहीं, सिर्फ एक सप्ताह के भीतर, 7 जून को ये दाम बढ़कर 97,145 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर चुके थे। इसका मतलब है कि सप्ताह भर में सोने की कीमत में 1,790 रुपये की बढ़ौतरी हुई है। यह दर्शाता है कि भले ही बीच-बीच में हल्की गिरावट आए, लेकिन सोने का ओवरऑल ट्रेंड (Overall Trend of Gold Price) अभी भी तेजी का ही है।
आगे क्या रहेगा सोने का दाम? एक्सपर्ट्स के चौंकाने वाले अनुमान!
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आगे क्या रहेगा सोने का दाम (Future Gold Price Prediction)? सोने के एक्सपर्ट्स और बाजार विश्लेषक एकमत हैं कि सोने की चमक अभी फीकी पड़ने वाली नहीं है, बल्कि यह और बढ़ने वाली है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज जैसी जानी-मानी फर्मों ने सोने के लिए दीर्घकालिक लक्ष्य (Long Term Gold Target) काफी ऊंचे रखे हैं। उनकी रिपोर्ट के अनुसार, निवेशकों को गिरावट पर सोने को खरीदने (Buy Gold on Dips) की सलाह दी जा रही है और 1,06,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का दीर्घकालिक लक्ष्य रखकर चलने को कहा गया है। यह बताता है कि वे निकट भविष्य में भी सोने में अच्छी खासी तेजी देख रहे हैं।
क्यों बढ़ रहे हैं सोने के दाम? जानिए असली कारण!
सोने के दाम बढ़ने का मुख्य कारण (Reason for Gold Price Rise) वैश्विक अनिश्चित्ता और भू-राजनीतिक तनाव (Geopolitical Tension) को माना जा रहा है। जब दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में युद्ध, आर्थिक अस्थिरता या राजनीतिक संकट का माहौल होता है, तो निवेशक शेयर बाजार या अन्य जोखिम भरे निवेशों से पैसा निकालकर सोना जैसे सुरक्षित निवेश (Safe Haven Asset) की ओर रुख करते हैं। इस सुरक्षित ठिकाने की तलाश में सोने की मांग में जोरदार उछाल आया है। इसी बढ़ती मांग ने दामों को रिकॉर्ड ऊंचाई स्तर पर पहुंचा दिया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब तक वैश्विक स्थिति स्थिर नहीं हो जाती, सोने के दामों में आगे भी तेजी रह सकती है।
सिर्फ निवेशक ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों (Central Banks) ने भी साल 2022 से ही तेजी से सोने के भंडार बढ़ाने (Central Bank Gold Buying) शुरू कर दिए थे। वे अपनी मुद्राओं को सुरक्षित रखने और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए ऐसा कर रहे हैं। यह केंद्रीय बैंकों की खरीदारी भी सोने की कीमतों को ऊपर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। साथ ही, गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF Investment) जैसे निवेश माध्यमों के जरिए भी आम निवेशक सोने में जमकर निवेश कर रहे हैं, जिससे भौतिक सोने (Physical Gold) की मांग और बढ़ गई है। सोने की कुल मांग इस कदर बढ़ी है कि मौजूदा आपूर्ति (Supply) इसे पूरा नहीं कर पा रही है, जिससे कीमतें और ऊपर जा रही हैं।
एक साल में सोना 50 प्रतिशत बढ़ा: क्या अब और ऊपर जाएगा या गिरेगा?
कुछ रिपोर्टों के अनुसार, सोने ने पिछले एक साल में 50% का रिटर्न (Gold Return in One Year) दिया है। इससे पहले 10 साल में सोना 100% तक का रिटर्न दे चुका है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह आता है कि क्या सोना अब और ऊपर जाएगा या फिर गिर जाएगा? वैसे तो बाजार का सीधा जवाब देना किसी के लिए मुश्किल है, लेकिन ज्यादातर विशेषज्ञ, मोबाइल रिसर्च और बड़े ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि सोने में अब आगे तेजी ही बनी रहेगी और यह अपने रिकॉर्ड स्तर को पार करते हुए और ऊपर चला जाएगा।
कितने हो जाएंगे सोने के दाम? चौंकाने वाले अनुमान!
भविष्य के सोने के दामों को लेकर ब्रोकरेज हाउस गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs Gold Prediction) का अनुमान है कि केंद्रीय बैंकों की लगातार सोने की मांग के चलते सोने के दाम नई ऊंचाई पर चले जाएंगे। गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि 2025 के आखिर तक सोना 3700 डॉलर प्रति औंस (Gold Price 2025) तक पहुंच जाएगा। उनका यह भी कहना है कि अगर अमेरिका में मंदी (US Recession Impact on Gold) आती है तो यह 3880 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। और अगर वैश्विक स्थिति ज्यादा ही खराब होती है, तो सोना 4500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है!
अगर हम भारत में सोने की कीमत (Gold Price India Prediction) की बात करें, तो इन अंतर्राष्ट्रीय अनुमानों के आधार पर, भारत में सोने की कीमत (टैक्स और अन्य शुल्कों को मिलाकर) एक लाख 38 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम (Gold Price ₹1,38,000) के पास जा सकती है! यह आंकड़ा आम आदमी के लिए सोना खरीदना एक बड़ा सपना बना सकता है। कुछ अनुमानों के मुताबिक, सोना इस साल के अंत तक 71.5% तक रिटर्न दे सकता है।
इसी प्रकार, जेपी मॉर्गन (JP Morgan Gold Prediction) का भी अनुमान सामने आया है। उन्होंने साल के अंत तक सोना 4000 डॉलर प्रति औंस तक होने का अनुमान लगाया है। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार समझौते में तनाव और अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले टैरिफ (US Tariffs) के चलते मंदी की आशंका बनी हुई है, और ऐसी स्थिति में सोने का दाम और भी बढ़ सकता है।
लंबी अवधि के और भी बड़े अनुमान!
अरबपति हेज फंड मैनेजर जॉन पॉलसन (John Paulson Gold Prediction) का तो मानना है कि कमजोर होता अमेरिकी डॉलर (Weak US Dollar) और केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीदारी के चलते सोना 2028 तक 5,000 डॉलर प्रति औंस (Gold Price 2028) तक पहुंच सकता है। वहीं, अटलांटिक हाउस फंड मैनेजमेंट के पूर्व हेड ऑफ मल्टी-एसेट चार्ली मॉरिस (Charlie Morris Gold Prediction) का अनुमान सबसे बड़ा है। उनके अनुसार, सोना 2030 तक 7,000 डॉलर प्रति औंस (Gold Price 2030) तक भी पहुंच सकता है! उनका कहना है कि बढ़ती मुद्रास्फीति (Rising Inflation), कमजोर डॉलर, उभरते बाजारों में इक्विटी रैली के मुकाबले विकसित देशों में बांड (Developed Market Bonds) के प्रति निवेशकों की घटती रुचि जैसे कारक सोने को नए मुकाम पर लेकर जा रहे हैं।
निष्कर्ष:
कुल मिलाकर, सोने का बाजार इस समय निवेशकों के लिए बेहद आकर्षक बना हुआ है, जिसने पिछले कुछ सालों में शानदार रिटर्न दिया है और भविष्य में भी इसमें तेजी बने रहने के प्रबल संकेत हैं। वैश्विक अनिश्चितता, केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीदारी, और बढ़ती मांग मुख्य कारण हैं जो सोने की कीमतों को ऊपर ले जा रहे हैं। हालांकि, यह आम आदमी के लिए सोना खरीदना दिन-ब-दिन महंगा करता जा रहा है। एक्सपर्ट्स के अनुमान काफी ऊंचे हैं, जिनमें ₹1.38 लाख प्रति 10 ग्राम का स्तर भी शामिल है। सोने में निवेश करने से पहले, इन सभी बाजार के रुझानों, वैश्विक संकेतों और विशेषज्ञों की राय पर विचार करना महत्वपूर्ण है। सोना खरीदने या बेचने का फैसला हमेशा अपनी वित्तीय स्थिति और जोखिम उठाने की क्षमता को ध्यान में रखकर ही करें।