FD: ज़्यादा ब्याज या ज़्यादा जोखिम? जानिए पूरी सच्चाई

Published On: July 23, 2025
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 FD: कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), जिसे कंपनी टर्म डिपॉजिट भी कहा जाता है, बैंकों की FD की तरह ही एक निवेश का विकल्प है, लेकिन इसे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs) और अन्य कॉर्पोरेशन जारी करते हैं. इसमें निवेशकों को बैंक FD के मुकाबले ज़्यादा ब्याज 6.9% ब्याजदर मिल सकती है, जो इसे आकर्षक बनाता है. हालांकि, यह जानना ज़रूरी है कि यह निजी कंपनियों द्वारा पेश की जाने वाली स्कीम होने के कारण, इसमें बैंक FD से ज़्यादा जोखिम होता है. इसलिए, निवेश करने से पहले इसके जोखिमों का अच्छी तरह से आकलन करना महत्वपूर्ण है. (कॉर्पोरेट FD)

कई निवेशकों को अक्सर यह समझने में मुश्किल होती है कि वे कॉर्पोरेट FD और बैंक FD में से किसे चुनें. दोनों का मकसद आपकी बचत को बढ़ाना है, लेकिन एक सूचित निर्णय लेने के लिए इन दोनों के बीच के महत्वपूर्ण अंतरों को समझना बेहद ज़रूरी है.

कॉर्पोरेट FD क्या है?

कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) ऐसी योजनाएं हैं, जिन्हें कंपनियां पेश करती हैं और ये बैंकों द्वारा दी जाने वाली FD के समान होती हैं. इन्हें अक्सर गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (NBFI) प्रदान करते हैं. कॉर्पोरेट FD का काम करने का तरीका बैंक FD जैसा ही होता है, लेकिन आमतौर पर ये ज़्यादा ब्याज दरें प्रदान करती हैं. कंपनियां इन FD को निवेशकों से सीधे धन जुटाने के एक साधन के रूप में जारी करती हैं.

इन पर ब्याज दरें बैंक FD के मुकाबले 1% से 1.50% तक ज़्यादा हो सकती हैं. इनकी FD योजनाओं का मूल्यांकन ICRA, CARE और CRISIL जैसी कई क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां करती हैं. ये एजेंसियां कंपनी की वित्तीय स्थिरता के आधार पर रेटिंग देती हैं. कॉर्पोरेट FD में भी अलग-अलग अवधि के लिए निवेश का विकल्प मिलता है.

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कॉर्पोरेट FD को लेकर शंका क्यों रहती है?

कॉर्पोरेट FD पर सबसे बड़ा संदेह सुरक्षा को लेकर होता है, क्योंकि इन पर बैंक FD की तरह कोई बीमा कवर नहीं होता है. भारत में, डिपॉज़िट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) बैंक में जमा राशि पर ₹5 लाख तक का बीमा कवर देता है, लेकिन यह सुविधा कॉर्पोरेट FD पर लागू नहीं होती. इसलिए, अगर कोई कंपनी डिफॉल्ट करती है, तो निवेशकों को अपना पैसा खोने का जोखिम होता है.

हालांकि, प्रतिष्ठित क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों से अच्छी रेटिंग (जैसे AAA या AA) वाली कॉर्पोरेट FD में निवेश करना काफी हद तक सुरक्षित माना जा सकता है. इस तरह, बैंक FD कम जोखिम पर कम रिटर्न देती है, जबकि कॉर्पोरेट FD ज़्यादा जोखिम पर ज़्यादा रिटर्न की संभावना प्रदान करती है.

कॉर्पोरेट या बैंक FD: कौन है बेहतर?

यह पूरी तरह से आपकी जोखिम उठाने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों पर निर्भर करता है. यदि आप ज़्यादा रिटर्न कमाना चाहते हैं और थोड़ा जोखिम लेने के लिए तैयार हैं, तो कॉर्पोरेट FD एक अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन, निवेश करने से पहले आपको उस कंपनी की वित्तीय सेहत, क्रेडिट रेटिंग और साख की पूरी तरह से जांच कर लेनी चाहिए.

अगर आप एक सुरक्षित निवेश चाहते हैं और अपने मूलधन को किसी भी तरह के जोखिम में नहीं डालना चाहते, तो बैंक FD आपके लिए बेहतर विकल्प है, क्योंकि यह कॉर्पोरेट FD से बहुत कम जोखिम भरा होता है.

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