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Join NowEMI: क्या आप भी लोन (Loan) लेते हैं? क्या आपको EMI (Equated Monthly Installment) भरने में कभी देरी हुई है? अगर हाँ, तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है! भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 जुलाई 2024 से लोन खातों पर लगने वाले पेनल चार्ज (Penal Charge) और पेनल इंटरेस्ट (Penal Interest) को लेकर सख्त नए नियम लागू कर दिए हैं। यह उन सभी कर्जदारों (Borrowers) के लिए बड़ी राहत की खबर है जो बैंकों और फाइनेंस कंपनियों से होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन लेते हैं।
मनमाने शुल्कों पर लगाम! RBI का कड़ा एक्शन!
अब बैंक और फाइनेंस कंपनियां लोन भुगतान में देरी या किसी भी नियम के उल्लंघन पर ग्राहकों से मनमाना अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूल पाएंगी। RBI के नए नियमों के अनुसार, अब बैंकों को पेनल इंटरेस्ट की जगह सिर्फ पेनाल्टी चार्ज लगाने की अनुमति होगी। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इन पेनाल्टी चार्जेस को लोन अमाउंट (Loan Amount) में नहीं जोड़ा जा सकेगा और न ही इन पर अतिरिक्त ब्याज (Additional Interest) लगाया जा सकेगा। यह कदम ग्राहकों को अनुचित शुल्कों से बचाने और वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
रेवेन्यू बढ़ाने के लिए नहीं, अनुशासन के लिए हैं चार्ज!
RBI का कहना है कि पेनल ब्याज और चार्ज लगाने का मुख्य उद्देश्य लोन अनुशासन की भावना पैदा करना है, न कि बैंकों के रेवेन्यू को बढ़ाना। हालांकि, केंद्रीय बैंक की समीक्षा में यह पाया गया कि कई बैंक और फाइनेंस कंपनियां अपनी आय बढ़ाने के लिए इन जुर्मानों और शुल्कों का सहारा ले रही थीं, जिससे ग्राहकों की शिकायतें और विवाद बढ़ रहे थे। यह नया नियम ऐसे व्यवहार पर लगाम लगाएगा।
पेनल चार्ज और पेनल ब्याज में क्या है अंतर?
जब कोई उधारकर्ता लोन चुकाने में डिफॉल्ट (Default) करता है, तो ऋणदाता (Lenders) पेनाल्टी लगाते हैं। ये पेनाल्टी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं:
- पेनल चार्ज (Penal Charge): यह एक निश्चित, तयशुदा रकम होती है जो डिफॉल्ट के मामले में ली जाती है। इसे मूल लोन अमाउंट या ब्याज में नहीं जोड़ा जाता।
- पेनल ब्याज (Penal Interest): यह मौजूदा ब्याज दर में जोड़ी जाने वाली एक अतिरिक्त दर होती है। यानी, डिफॉल्ट की अवधि के दौरान आपको मूल ब्याज दर के साथ-साथ पेनल ब्याज दर पर भी ब्याज चुकाना पड़ता था, जिससे कर्ज का बोझ काफी बढ़ जाता था।
RBI के नए नियम के तहत, अब पेनल ब्याज की वसूली पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है, और बैंक केवल पेनल चार्ज ही लगा सकते हैं, वो भी बिना किसी अतिरिक्त ब्याज के।
यह नियम क्यों है महत्वपूर्ण?
- EMI डिफॉल्ट पर अतिरिक्त बोझ कम: अब देर से EMI भरने पर ग्राहकों को केवल एक निश्चित पेनाल्टी देनी होगी, न कि उस पर भी ब्याज।
- वित्तीय पारदर्शिता: बैंकों को अपने चार्ज और पेनाल्टी को लेकर अधिक पारदर्शी होना पड़ेगा।
- ग्राहक संरक्षण: यह नियम ग्राहकों को मनमाने शुल्कों से बचाएगा और उन्हें उचित ब्याज दर पर लोन की सुविधा सुनिश्चित करेगा।
क्या सभी तरह के लोन पर लागू होगा यह नियम?
यह नियम सभी प्रकार के लोन पर लागू होगा, जिनमें होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड लोन आदि शामिल हैं।
आगे क्या?
यह एक सकारात्मक बदलाव है जो कर्जदारों को सशक्त बनाएगा। यह उम्मीद की जाती है कि इससे लोन बाजार में विश्वास बढ़ेगा और वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा मिलेगा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अपने कड़े नियमों से यह सुनिश्चित कर रहा है कि वित्तीय संस्थान ग्राहकों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार करें।
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