आध्यात्मिक– हमारे जीवन के दो अमुख पहलू हैं एक अच्छाई और दूसरा बुराई। कहते हैं जब हम अच्छाई के मार्ग पर चलते हैं। तो हमें अपने जीवन मे कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता है और हम जो चाहते हैं वह अपने कर्तव्यों के बलबूते पर हासिल कर लेते हैं।
लेकिन कई बार हमने देखा होता है कि बुराई के सम्मुख अच्छाई का अपमान होता है। लोग अच्छाई का मजाक बनाते हैं। लेकिन आपको एक बात गांठ बांध लेनी चाहिए कि बुराई कितनी भी प्रबल क्यों न हो। उसे अपने जीवन मे कभी भी जीत हासिल नहीं होती।
बुराई कुछ समय के लिए भले ही अच्छाई के आगे प्रबल लगे। लोग उसका साथ दें लेकिन जब अच्छाई अपना स्वरूप धारण करके बुराई पर वार करती है तो बुराई घुटनों के बल नीचे गिर जाती है और हर तरह अच्छाई का नाम होता है।
व्यक्ति को जीवन मे आगे बढ़ने के लिये कभी भी बुराई का साथ नहीं देना चाहिए। क्योंकि अच्छाई भले आपको देर से सफल बनाएगी लेकिन अच्छाई से प्राप्त हुई सफलता आपके जीवन को सदैव महकाती रहेगी।