Thailand-कंबोडिया में छिड़ा भीषण युद्ध, हवाई हमलों से दहला बॉर्डर, व्यापक संघर्ष का बढ़ा खतरा

Published On: July 24, 2025
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Thailand: दक्षिण-पूर्व एशिया में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है, जहां थाईलैंड ने अपने पड़ोसी देश कंबोडिया के साथ लंबे समय से विवादित सीमा पर सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले (Airstrikes) शुरू कर दिए हैं। इस खतरनाक सैन्य वृद्धि ने दोनों देशों को एक व्यापक और विनाशकारी संघर्ष के मुहाने पर ला खड़ा किया है। कंबोडिया ने इन हमलों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह “निर्णायक रूप से जवाब” देगा।

यह भयावह स्थिति तब और बिगड़ गई जब हवाई हमलों से कुछ ही घंटे पहले, गुरुवार को थाई और कंबोडियाई सेनाओं के बीच सीमा पर कई इलाकों में भीषण जमीनी झड़पें हुईं।

कैसे शुरू हुई ये विनाशकारी जंग?

ये हमले एक थाई सैनिक के लैंडमाइन (Baroodi Surang) की चपेट में आकर अपनी एक टांग खोने के ठीक एक दिन बाद हुए हैं। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच संबंध दशकों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए और बैंकॉक तथा नोम पेन्ह, दोनों ने ही अपने राजनयिक संबंधों को डाउनग्रेड कर दिया।

इस पूरे विवाद में एक राजनीतिक मोड़ तब आया जब थाईलैंड की प्रधानमंत्री पेयतोंगतार्न शिनवात्रा को इस महीने उनके कर्तव्यों से निलंबित कर दिया गया। उन पर कंबोडिया के शक्तिशाली पूर्व नेता हुन सेन के साथ हुई एक फोन कॉल के लीक होने के बाद यह कार्रवाई की गई, जिसमें वह कथित तौर पर इस विवाद में अपनी ही सेना की कार्रवाइयों की आलोचना करती हुई दिखाई दे रही थीं।

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सहयोग और प्रतिद्वंद्विता का एक जटिल रिश्ता रहा है। वे 500-मील (800-किलोमीटर) लंबी भूमि सीमा साझा करते हैं, जिसे काफी हद तक फ्रांस द्वारा तब नक्शे पर उकेरा गया था जब वह कंबोडिया पर शासन करता था। यह सीमा समय-समय पर सैन्य झड़पों का कारण रही है और राजनीतिक तनाव का एक प्रमुख स्रोत बनी हुई है।

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नागरिकों को देश छोड़ने की सलाह, F-16 एक्शन में

सीमा पर झड़पें तेज होने के साथ ही, कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में स्थित थाई दूतावास ने अपने नागरिकों से “जितनी जल्दी हो सके” देश छोड़ने का आग्रह किया है। दूतावास ने चेतावनी दी है कि “संघर्ष के लंबे समय तक चलने और आगे और विस्तार होने की संभावना है।” साथ ही कंबोडिया की किसी भी गैर-जरूरी यात्रा के खिलाफ भी सलाह दी गई है।

कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि थाईलैंड के हवाई हमलों ने उसके क्षेत्र को निशाना बनाया है और वह निर्णायक जवाब देगा। वहीं, थाईलैंड ने कहा कि उसने छह F-16 फाइटर जेट तैयार कर लिए थे और बाद में कंबोडिया के दो क्षेत्रीय सैन्य मुख्यालयों को “नष्ट” करने का भी दावा किया। कंबोडिया ने अपने बयान में इसे थाईलैंड की “क्रूर, बर्बर और हिंसक सैन्य आक्रामकता” करार दिया।

जमीनी झड़पें और बिगड़ते हालात

सैन्य अधिकारियों के अनुसार, जमीनी झड़पें गुरुवार तड़के उस समय शुरू हुईं जब थाईलैंड की सेना ने कहा कि कंबोडियाई सैनिकों ने प्राचीन ‘ता मुएन थोम’ मंदिर के पास एक थाई सेना के अड्डे पर गोलीबारी की। यह मंदिर विवादित क्षेत्र में स्थित है। थाईलैंड ने यह भी आरोप लगाया कि कंबोडिया ने हमले से पहले मंदिर के सामने एक मानव रहित ड्रोन (Drone) तैनात किया था और फिर हथियारों के साथ सैनिकों को भेजा। कंबोडियाई सैनिकों पर पास के नागरिक इलाके में भारी हथियार दागने का भी आरोप लगाया गया है।

दूसरी ओर, कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि उनके सैनिकों ने थाई सैनिकों द्वारा अकारण घुसपैठ के बाद आत्मरक्षा में कार्रवाई की थी। कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि थाईलैंड ने उनके देश के ओद्दार मीनचे और प्रेह विहार प्रांतों में सेना के ठिकानों पर हमला किया।

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रॉयटर्स ने एक थाई सैन्य अधिकारी के हवाले से बताया कि गुरुवार को कम से
कम दो थाई सैनिक घायल हो गए। झड़प स्थल के पास थाईलैंड के सुरिन प्रांत के दो अस्पतालों ने मरीजों को निकालना शुरू कर दिया है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। यह हमला तनाव में एक नाटकीय वृद्धि है, जो पूरे क्षेत्र की शांति के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है।

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