Madurai Property Tax Scam: मदुरै में ₹200 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स घोटाला, मद्रास हाईकोर्ट का बड़ा आदेश

Published On: July 18, 2025
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Madurai Property Tax Scam: मदुरै में ₹200 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स घोटाला, मद्रास हाईकोर्ट का बड़ा आदेश

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Madurai Property Tax Scam: मदुरै निगम (Madurai Corporation) में ₹200 करोड़ के प्रॉपर्टी टैक्स घोटाले का मामला सामने आया है, जिसने जनता और प्रशासन दोनों को हिला दिया है। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने गुरुवार (17 जुलाई, 2025) को पुलिस महानिरीक्षक (दक्षिण क्षेत्र) और मदुरै पुलिस आयुक्त को एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का निर्देश दिया है। यह SIT, एक वरिष्ठ IPS अधिकारी के नेतृत्व में काम करेगी, जिसके पास साबित ईमानदारी हो, और वह मदुरै निगम में कथित प्रॉपर्टी टैक्स घोटाले की जांच करेगी।

PIL पर हाईकोर्ट का एक्शन: CBI जांच की मांग, पर SIT को मिली कमान!

न्यायमूर्ति एस.एम. सुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति ए.डी. मारिया क्लेट की खंडपीठ ने AIADMK पार्षद टी. रवि (वार्ड 83) द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) पर अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी। याचिकाकर्ता ने कथित घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को स्थानांतरित करने की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने बताया कि पिछले साल, कथित घोटाले के संबंध में जानकारी सामने आई थी जिसमें कई लोगों को लाभ हुआ था। मदुरै निगम आयुक्त को दी गई शिकायत के आधार पर, अनियमितताओं का पता लगाने के लिए एक समिति का गठन किया गया था।

₹200 करोड़ का नुकसान: घोटाले का पर्दाफाश!

समिति की रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद, निगम आयुक्त ने मदुरै शहर पुलिस आयुक्त के साथ शिकायत दर्ज कराई। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि 2022 और 2024 के बीच हुए इस घोटाले से नागरिक निकाय को लगभग ₹200 करोड़ का नुकसान हुआ था।

हालांकि निगम आयुक्त ने 2024 में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन मामला लगभग सात महीने बाद 2025 में दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि मामला दर्ज करने में बहुत देरी हुई, और मामूली लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, असली अपराधियों के खिलाफ नहीं। यह कानूनी प्रक्रिया में देरी और अपराधियों को बचाने की आशंका को दर्शाता है।

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राजनीतिक कनेक्शन का आरोप: CM के निर्देशों पर इस्तीफे!

सुनवाई के दौरान, यह तर्क दिया गया कि राजनीतिक संबंधों वाले लोग घोटाले में शामिल थे, और मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार, क्षेत्रीय अध्यक्षों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था। यह राजनीतिक हस्तक्षेप की ओर इशारा करता है।

हाईकोर्ट का आदेश: IPS अधिकारी की निगरानी में जांच, पूरी जवाबदेही तय!

अदालत ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर हुए घोटाले की जांच एक IPS अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए, और उच्च अधिकारियों द्वारा जांच की निगरानी की जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई कमी न रहे, और अभियोजन के दायरे से कोई भी न छूटे। अदालत ने कहा कि नागरिक निकाय को हुए भारी नुकसान के लिए जिम्मेदार सभी लोगों पर अभियोग चलाया जाना चाहिए, और मामले को आगे की सुनवाई के लिए अगले सप्ताह के लिए पोस्ट किया। यह न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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