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Join NowChaitanya Baghel Arrested: सनसनीखेज खबर! प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे, चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी राज्य की शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग जांच के संबंध में हुई है। ED अधिकारियों द्वारा सुबह की छापेमारी के बाद चैतन्य को भिलाई स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया गया। यह कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान कथित अनियमितताओं की चल रही जांच में एक महत्वपूर्ण विकास है।
ED की कार्रवाई: ₹1000 करोड़ के संदिग्ध अपराध की आय का खुलासा!
ED के सूत्रों के अनुसार, इस जांच में ₹1,000 करोड़ की संदिग्ध अपराध आय (Suspected Proceeds of Crime) का पता चला है। ED का यह भी दावा है कि धन का एक हिस्सा चैतन्य बघेल और उनके करीबी सहयोगियों द्वारा संचालित रियल एस्टेट फर्मों के माध्यम से लॉन्डर (laundered) किया गया था। यह मनी लॉन्ड्रिंग केस छत्तीसगढ़ एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा दर्ज की गई पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) पर आधारित है।
शराब घोटाला मामला: 70 लोग और संस्थाएं आरोपी!
ED का मनी लॉन्ड्रिंग केस छत्तीसगढ़ एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा दर्ज की गई FIR पर आधारित है, जिसमें पूर्व उत्पाद शुल्क मंत्री कवासी लखमा, 70 व्यक्ति और कंपनियों को राज्य की शराब नीति से संबंधित भ्रष्टाचार में उनकी कथित भूमिका के लिए नामजद किया गया है। यह जांच छत्तीसगढ़ की शराब नीति में गंभीर खामियों को उजागर करती है।
भूपेश बघेल का तीखा प्रहार: “यह लोकतंत्र पर हमला है!”
गिरफ्तारी और छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए, भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की, इसे विपक्षी आवाजों को दबाने का प्रयास बताया। रायपुर में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए बघेल ने कहा, “विधानसभा सत्र के अंतिम दिन, जब हम सदन में अडाणी मुद्दे को उठाने वाले थे, तब मोदी और शाह ने अपने आकाओं को खुश करने के लिए मेरे घर ED भेजी। वे पूरे देश में विपक्षी नेताओं को निशाना बना रहे हैं, लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश कर रहे हैं।”
जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप
उन्होंने ED, CBI, आयकर विभाग, और DRI जैसी जांच एजेंसियों पर असहमति को दबाने के लिए दुरुपयोग का आरोप लगाया। बघेल ने कहा, “जबकि चुनाव आयोग बिहार में मतदाताओं का मताधिकार छीन रहा है, इन एजेंसियों को विपक्ष पर हमला करने के लिए हथियार बनाया जा रहा है। फिर भी, हम लोकतंत्र और न्यायपालिका में विश्वास करते हैं और सहयोग करना जारी रखेंगे।” यह बयान राजनीतिक तनाव को दर्शाता है।