SEBI: अरबों की हेरफेर, SEBI का महा-अदेश, क्या भारतीय बाज़ार कांप उठा?

Published On: July 4, 2025
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SEBI: अरबों की हेरफेर, SEBI का महा-अदेश, क्या भारतीय बाज़ार कांप उठा?

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SEBI : भारतीय शेयर बाज़ार में हाल ही में एक ऐसी घटना ने हलचल मचा दी है, जिसने न केवल नियामकों को बल्कि निवेशकों को भी चिंता में डाल दिया है। बाज़ार नियामक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), ने अमेरिकी ट्रेडिंग इकाई जेन स्ट्रीट और उससे जुड़ी तीन अन्य संस्थाओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए, 3 जुलाई, 2025 के एक अंतरिम आदेश में उन्हें बाज़ार से प्रतिबंधित कर दिया है। इस कार्रवाई के साथ ही, SEBI ने इन संस्थाओं को लगभग 4,843.5 करोड़ रुपये के ‘अवैध लाभ’ को जमा कराने का भी निर्देश दिया है। इसके अलावा, इन संस्थाओं के बैंक खातों पर भी डेबिट फ्रीज लगा दिया गया है। SEBI का आरोप है कि जेन स्ट्रीट और उसकी संबंधित कंपनियों ने विशेष रूप से एक्सपायरी दिनों पर भारतीय सूचकांकों (Indices) में हेरफेर किया है, जिससे बाज़ार की अखंडता पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं।

पूरी कहानी कैसे सामने आई: एक विस्तृत विश्लेषण

यह पूरा घटनाक्रम, जो अब “जेन स्ट्रीट सागा” के नाम से जाना जा रहा है, अप्रैल 2024 में तब सुर्खियों में आया जब मीडिया ने जेन स्ट्रीट ग्रुप और मिलेनियम मैनेजमेंट के बीच एक कथित विवाद की सूचना दी। इस विवाद का मुख्य बिंदु भारतीय शेयर बाज़ार से जुड़ी एक गुप्त ट्रेडिंग रणनीति थी, जिसके माध्यम से जेन स्ट्रीट ने भारत के इक्विटी डेरिवेटिव्स बाज़ार में एक अरब डॉलर का भारी मुनाफा कमाया था। इस खुलासे ने SEBI का ध्यान खींचा, और बाज़ार नियामक ने मीडिया रिपोर्टों का विश्लेषण कर अपनी स्वतंत्र जांच शुरू की। यह शुरुआती संकेत था कि कुछ बड़ा होने वाला है, और बाज़ार में पारदर्शिता और निष्पक्षता पर खतरा मंडरा रहा था।

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जांच का ताना-बाना बुनना: अप्रैल 2024 से जुलाई 2025 तक

  • अप्रैल 2024: मीडिया रिपोर्टों से जेन स्ट्रीट द्वारा भारी लाभ कमाने का खुलासा हुआ। SEBI ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की।
  • जुलाई 2024: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को यह जांचने के लिए कहा गया कि क्या जेन स्ट्रीट ग्रुप की ट्रेडिंग गतिविधियों में कोई बाज़ार दुर्व्यवहार (market abuse) शामिल था। यह NSE जैसे पहले दर्जे के नियामक का काम था कि वह किसी भी असामान्य गतिविधि की पहचान करे।
  • अगस्त 2024: SEBI ने जेन स्ट्रीट ग्रुप के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और कंपनी ने 30 अगस्त, 2024 को अपनी लिखित प्रतिक्रिया प्रस्तुत की, जिसमें अपने ट्रेडों का विस्तृत विवरण दिया गया था।
  • अक्टूबर 2024: इस बीच, बाज़ार में ‘ओवरट्रेडिंग’ की बढ़ती घटनाओं, विशेष रूप से इंडेक्स ऑप्शन के एक्सपायरी दिनों पर, को देखते हुए SEBI ने नीतिगत कदम उठाए और एक महत्वपूर्ण सर्कुलर जारी किया। यह दर्शाता है कि बाज़ार में कुछ पैटर्न देखे जा रहे थे जो चिंताजनक थे।
  • नवंबर 2024: NSE ने जेन स्ट्रीट ग्रुप की ट्रेडिंग गतिविधियों पर अपनी जांच रिपोर्ट SEBI को सौंपी। रिपोर्ट में कुछ ऐसी चीजें सामने आईं जो नियामक की चिंता बढ़ाने के लिए काफी थीं।
  • दिसंबर 2024: SEBI ने साप्ताहिक सूचकांकों के एक्सपायरी दिनों पर असामान्य रूप से उच्च या निम्न अस्थिरता (volatility) देखी। नियामक ने यह भी पाया कि कुछ विशेष संस्थाएं, विशेषकर जेन स्ट्रीट, फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) सेगमेंट में, एक्सपायरी दिनों पर ‘कैश इक्विवेलेंट’ के रूप में लगातार सबसे बड़ा जोखिम उठा रही थीं। इस मुद्दे की गहराई से और व्यापक जांच के लिए SEBI ने अधिकारियों की एक विशेष टीम गठित की।
  • 04 फरवरी 2025: जांच टीम ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में पाया कि जेन स्ट्रीट ग्रुप, प्रथम दृष्टया (prima facie), SEBI के प्रॉहिबिशन ऑफ फ्रॉडलेंट एंड अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज (PFUTP) विनियमों का उल्लंघन कर रहा था। यह एक गंभीर आरोप था, जिसका अर्थ था कि कंपनी संभवतः धोखाधड़ी या अनुचित व्यापार प्रथाओं में लिप्त थी।
  • 06 फरवरी 2025: जैसे-जैसे विस्तृत जांच जारी थी, यह सुनिश्चित करने के लिए कि जेन स्ट्रीट ग्रुप धोखाधड़ी और हेरफेर करने वाले व्यापारिक पैटर्न से बाज आए, SEBI के निर्देश पर NSE ने जेन स्ट्रीट सिंगापुर Pte Limited और उसकी संबंधित इकाई, JSI Investments Pvt Ltd को एक ‘सावधान पत्र’ जारी किया। उन्हें बड़ी ‘कैश इक्विवेलेंट’ पोजीशन लेने और कुछ विशेष ट्रेडिंग पैटर्न से बचने की सलाह दी गई। इस चेतावनी पत्र पर JS ग्रुप ने 6 और 21 फरवरी, 2025 को जवाब भेजा।
  • 15 मई 2025: चिंता की बात यह थी कि NSE द्वारा फरवरी 2025 में जारी किए गए सावधानी पत्र और NSE को दिए गए अपने स्वयं के आश्वासनों की अवहेलना करते हुए, जेन स्ट्रीट को फिर से इंडेक्स ऑप्शन में बहुत बड़ी ‘कैश इक्विवेलेंट’ पोजीशन लेते हुए देखा गया। इससे SEBI की चिंता और बढ़ गई कि कंपनी जानबूझकर नियमों का उल्लंघन कर रही है।
  • 03 जुलाई 2025: आखिरकार, SEBI ने अपना अंतरिम आदेश जारी किया। नियामक ने कहा कि वह जेन स्ट्रीट से लगभग 4,840 करोड़ रुपये जब्त करेगा, जिसे उसने कथित कदाचार से अर्जित ‘अवैध लाभ’ बताया। यह राशि न केवल बड़ी थी, बल्कि यह भी संकेत दे रही थी कि जेन स्ट्रीट की गतिविधियां कितनी बड़े पैमाने पर की जा रही थीं।
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भविष्य और नियामक की चिंता

SEBI ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि “यदि विस्तृत जांच के बाद यह पता चलता है कि बाज़ार में वास्तव में जेन स्ट्रीट द्वारा हेरफेर नहीं किया गया था, तो जब्त की गई कथित अवैध लाभ राशि को उनके उपयोग के लिए जारी कर दिया जाएगा और वे अपना व्यवसाय जारी रखने के लिए स्वतंत्र होंगे”। हालांकि, यदि अंतरिम निर्देशों पर अभी कार्रवाई नहीं की जाती है, और बाद में यह पता चलता है कि वास्तव में अवैध लाभ अर्जित किए गए थे और उनका दुरुपयोग हुआ था, तो बाज़ार की अखंडता, निवेशक सुरक्षा, निवेशक विश्वास को भारी और अपरिवर्तनीय क्षति पहुंचेगी, और जांच के बाद उपचारात्मक उपाय अर्थहीन साबित होंगे। SEBI ने यह भी माना कि उल्लंघनों का पैमाना और जटिलता अभूतपूर्व है, और जांच पूरी होने में काफी समय लग सकता है। यदि जांच के अंत में संस्थाओं के खिलाफ कोई निष्कर्ष नहीं निकलता है, तो अंतरिम प्रतिबंधों का प्रतिकूल प्रभाव शायद सुधारा नहीं जा सकता। यह मामला भारतीय वित्तीय बाज़ारों में नियामक के सतर्क रवैये और कड़े अनुपालन की आवश्यकता को दर्शाता है।

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