HDB Financial IPO वैल्यूएशन का पूरा विश्लेषण, Bajaj Finance और Chola Finance से तुलना

Published On: July 2, 2025
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HDB Financial IPO: भारत के सबसे बड़े IPO में से एक, HDB Financial Services, के शेयर बाज़ार में लिस्टिंग के बाद से ही चर्चा का विषय बने हुए हैं। लिस्टिंग के बाद जहां इसने लगभग 14 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की, वहीं इसका वैल्यूएशन (Valuation) अभी भी इसके प्रमुख साथियों, जैसे Bajaj Finance और Cholamandalam Investment and Finance (Chola Finance), की तुलना में तुलनात्मक रूप से उचित (Reasonably Valued) बना हुआ है। यह बात HDB के मजबूत विकास पथ (Growth Trajectory) और रिटर्न प्रोफाइल (Return Profile) को देखते हुए महत्वपूर्ण हो जाती है।

HDB Financial Services का मूल्यांकन: IPO के बाद के आंकड़े क्या कहते हैं?

शेयर के ₹846 प्रति शेयर के लिस्टिंग मूल्य (Listing Price) पर, कंपनी का वित्तीय वर्ष 25 (FY25) के ‘पोस्ट-इश्यू’ प्राइस-टू-बुक रेशियो (Post-Issue Price-to-Book Ratio) 3.21x है। विश्लेषक (Analysts) इसे HDB के प्रदर्शन मेट्रिक्स (Performance Metrics) के संदर्भ में एक उचित मूल्यांकन मानते हैं। हालांकि, रिटर्न ऑन इक्विटी (Return on Equity – RoE) के मामले में यह प्रमुख साथियों जैसे Bajaj Finance (जिसका FY25 के लिए RoE 19.4 प्रतिशत है) और Chola Finance (जिसका RoE 19.7 प्रतिशत है) से थोड़ा पिछड़ जाता है। वित्त वर्ष 25 के लिए, HDB ने 14.7 प्रतिशत का RoE रिपोर्ट किया, जो स्पष्ट रूप से अपने प्रमुख प्रतिस्पर्धियों से कम है। यह तुलना निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है।

₹1.07 लाख करोड़ का AUM बेस और 23.7% CAGR ग्रोथ: NBFC सेक्टर में HDB की स्थिति

मार्च 2025 तक 1.07 लाख करोड़ रुपये के संपत्ति प्रबंधन (Assets Under Management – AUM) बेस के साथ, HDB Financial Services गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC – Non-Banking Financial Company) क्षेत्र में एक मध्यम आकार की कंपनी (Mid-sized Player) के रूप में खुद को स्थापित करता है। हालाँकि यह पूर्ण आकार (Absolute Size) में Bajaj Finance और Shriram Finance से पीछे है, इसने 23.7 प्रतिशत की स्वस्थ AUM चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्ज की है। यह आँकड़ा कंपनी की विस्तार करने की क्षमता को दर्शाता है।

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लेकिन यह वृद्धि दर भी Bajaj Finance (29.9 प्रतिशत) और Chola Finance (31.6 प्रतिशत) द्वारा देखी गई वृद्धि की गति (Growth Momentum) से कम है। यह अंतर यह बताता है कि कैसे ये प्रमुख एनबीएफसी कंपनियां बाज़ार में अधिक आक्रामक ढंग से आगे बढ़ रही हैं। भारत में NBFC सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच, HDB को अपनी विकास दर को और बढ़ाने की आवश्यकता हो सकती है।

निवेशकों के लिए मायने: क्या हैं मुख्य कारक जिन पर ध्यान देना चाहिए?

  • तुलनात्मक मूल्यांकन: HDB Financial Services का मूल्यांकन अन्य बड़े खिलाड़ियों की तुलना में कम है, जो कुछ निवेशकों के लिए इसे आकर्षक बना सकता है।
  • संतुलित RoE और AUM ग्रोथ: हालांकि HDB का RoE और AUM CAGR साथियों से कम है, लेकिन 14.7% का RoE और 23.7% का AUM CAGR अभी भी कई अन्य कंपनियों की तुलना में मजबूत माने जा सकते हैं।
  • विकास की संभावनाएं: NBFC सेक्टर में भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के साथ बढ़ने की काफी गुंजाइश है, और HDB इस बढ़त का लाभ उठा सकता है।
  • बाजार में जोखिम: प्रतिस्पर्धी दबाव, विनियमन संबंधी परिवर्तन (Regulatory Changes) और आर्थिक मंदी (Economic Slowdown) जैसे कारक HDB के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।
  • दीर्घकालिक रणनीति: निवेशकों को कंपनी की रणनीतिक पहलों (Strategic Initiatives) और भविष्य की योजनाओं पर ध्यान देना चाहिए जो इसे बाजार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाए रखने में मदद कर सकती हैं। अमेरिका (USA) और यूके (UK) के निवेशक भी भारतीय वित्तीय बाजारों में इस तरह के विकास का बारीकी से विश्लेषण करते हैं।
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संक्षेप में, HDB Financial Services IPO ने निवेशकों को एक ऐसा अवसर प्रस्तुत किया है जहां कंपनी स्थिर बुनियादी सिद्धांतों (Steady Fundamentals) और उचित मूल्यांकन (Fair Valuation) के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है, भले ही यह कुछ प्रमुख मेट्रिक्स में अपने साथियों से पीछे हो। भविष्य में इसकी सफलता काफी हद तक AUM की वृद्धि गति बढ़ाने और अपने रिटर्न प्रोफाइल को मजबूत करने की क्षमता पर निर्भर करेगी। स्टॉक मार्केट विश्लेषण में इसे एक ऐसी कंपनी के रूप में देखा जा रहा है जिसमें दीर्घकालिक संभावनाएं हैं, बशर्ते यह बाजार की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर सके।


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