CIBIL Score: कम सिबिल स्कोर होने पर लोन कैसे मिलेगा? जानिए कितने क्रेडिट स्कोर पर आसानी से मिलती है मंज़ूरी

Published On: June 27, 2025
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CIBIL Score: कम सिबिल स्कोर होने पर लोन कैसे मिलेगा? जानिए कितने क्रेडिट स्कोर पर आसानी से मिलती है मंज़ूरी

CIBIL Score: आज के समय में वित्तीय लेन-देन (Financial Transactions) का आधार सिबिल स्कोर (CIBIL Score) बन गया है। बैंक (Banks) की ओर से किसी भी व्यक्ति को लोन देने या न देने (Loan Approval Decision) का निर्णय मुख्य रूप से उनके सिबिल स्कोर (CIBIL Score Impact on Loan) को देखकर ही लिया जाता है। इतना ही नहीं, लोन पर मिलने वाली ब्याज दरें (Interest Rates) भी सीधे आपके क्रेडिट स्कोर (Credit Score and Interest Rates) पर निर्भर करती हैं। हालाँकि, सिबिल स्कोर की रेंज (CIBIL Score ki Range) कितनी होती है (300 से 900 तक), इस बारे में तो अधिकतर लोग जानते हैं, लेकिन लोन (Loan) के लिए वास्तव में कितने सिबिल स्कोर (Required CIBIL Score for Loan) की ज़रूरत होती है, और कम सिबिल स्कोर (Loan with Low CIBIL Score) पर क्या विकल्प होते हैं, इस बारे में कम ही लोगों को सही जानकारी है। यदि आपको लोन की ज़रूरत है, तो पहले आपके लिए यह जान लेना अत्यंत आवश्यक है कि कितने सिबिल स्कोर पर (How Much CIBIL Score for Loan) आपको आसानी से लोन (Easy Loan Approval) मिल जाएगा।

कितनी होती है सिबिल स्कोर की रेंज और क्यों 750 है ज़रूरी? (CIBIL Score Range and Why 750 is Essential):

  • सिबिल स्कोर की रेंज (CIBIL Score Range): यह 300 से लेकर 900 (CIBIL Score 300 to 900) तक होती है। यह आंकड़ा 900 के जितना करीब होगा (Closer to 900 is Better), आपको उतनी ही आसानी से और सबसे कम ब्याज दरों (Lower Interest Rates on Loan) पर बैंक लोन (Bank Loan News) मिल जाएगा। यह आपकी वित्तीय विश्वसनीयता (Financial Credibility) का एक पुख्ता प्रमाण है।
  • आसान मंज़ूरी के लिए 750 (750 CIBIL Score for Easy Approval): वैसे, 750 का सिबिल स्कोर (750 CIBIL Score Good) हो तो बैंकों से आसानी से लोन (Easy Loan Approval) मिल जाता है।
  • खराब सिबिल स्कोर (Bad CIBIL Score): इससे कम सिबिल स्कोर (CIBIL Score Below 750) को आमतौर पर खराब ही माना जाता है (Considered Bad), और आपको लोन मिलने में परेशानी आती है। बैंक (Bank May Deny Loan) आपको 600 या इससे कम सिबिल स्कोर (CIBIL Score Below 600) पर लोन देने से सीधे मना (Loan Rejection) भी कर सकता है, या यदि लोन मिलता भी है, तो बहुत महंगी ब्याज दर (High Interest Rate on Loan) पर लोन मिलेगा, जिससे आपकी मासिक किस्त (EMI) बहुत बढ़ जाएगी।

सिबिल स्कोर कैसे तय किया जाता है? आपकी क्रेडिट हिस्ट्री का महत्व! (How is CIBIL Score Determined? – Importance of Credit History!):

सिबिल स्कोर (CIBIL Score Determination) मुख्य रूप से बैंक ग्राहक की क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History) के अनुसार ही तय किया जाता है। जब कोई उपभोक्ता (Consumer) किसी बैंक (Bank News) या वित्तीय संस्थान से लोन लेता है, तो उसे उसकी EMI (Equated Monthly Installment) भी देनी पड़ती है।

  • भुगतान व्यवहार (Payment Behavior): ग्राहक किस तरह से अपनी EMI चुकाते हैं – यानी, वे समय पर भरते हैं (On-time Payments), देरी करते हैं (Delayed Payments), या इसे चुकाते ही नहीं (Default on Payments) – इसे क्रेडिट व्यवहार (Credit Behavior) मानते हुए, उनकी पूरी क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History Building) तैयार की जाती है।
  • सिबिल कंपनी की भूमिका (Role of CIBIL Company): इसी विस्तृत जानकारी के आधार पर फिर सिबिल कंपनी (CIBIL Company) की ओर से आपका सिबिल स्कोर (CIBIL Score with Low CIBIL Score context) तय किया जाता है।
  • अच्छे और खराब सिबिल स्कोर (Good and Bad CIBIL Score Indicators): समय पर लोन (Timely Loan Repayment) और बिल (Bill Payments) चुकाने से सिबिल स्कोर अच्छा रहता है। इसके विपरीत, EMI (Loan EMI Rules) आदि न चुकाने या लगातार डिफॉल्ट (Default on EMI) करने पर यह खराब हो जाता है, जिससे भविष्य में वित्तीय मुश्किल (Financial Difficulty) आ सकती है।

हाई सिबिल स्कोर (800+): नौकरी से बीमा तक के फायदे! (Benefits of High CIBIL Score (800+): From Jobs to Insurance!):

800 या इससे ऊपर के सिबिल स्कोर (Highest CIBIL Score) को ‘हाई सिबिल स्कोर’ (High CIBIL Score) माना जाता है, जो एक उत्कृष्ट वित्तीय स्थिति (Excellent Financial Status) को दर्शाता है। इसके कई असाधारण फायदे हैं:

  • बैंक में अच्छी जॉब (Bank Jobs with Good CIBIL): अब लोन (Loan Approval) के अलावा, बैंक की नौकरियों (Bank Job Recruitment) में भी सिबिल स्कोर (CIBIL Score for Bank Job) को देखा जाने लगा है। उच्च सिबिल स्कोर रखने वाले उम्मीदवारों को बैंक जॉब में प्राथमिकता मिल सकती है।
  • बीमा प्रीमियम में छूट (Discount on Insurance Premium): अच्छे सिबिल स्कोर (Good CIBIL Score) पर बीमा कंपनियों (Insurance Companies) की तरफ से प्रीमियम में छूट (Premium Discounts) दी जा सकती है, क्योंकि यह कम जोखिम वाले ग्राहक (Low-Risk Customer) का संकेत है।
  • लोन पर अच्छे ऑफर (Good Loan Offers): बैंक की ओर से लोन (Loan Offers for High CIBIL) पर आकर्षक ऑफर, शून्य डाउन पेमेंट (Zero Down Payment Rules) पर अधिक लोन राशि (Higher Loan Amount with Zero Down Payment) मिलने जैसी सुविधा भी हाई सिबिल स्कोर (High CIBIL Score Benefits) पर ग्राहक पा सकता है। ये सब लोन लेना अधिक किफायती (Affordable Loans) बनाता है।

कम सिबिल स्कोर हो तो कैसे लें लोन? (How to Get Loan with Low CIBIL Score?):

यदि आपका सिबिल स्कोर (Low CIBIL Score Problems) कम है और आपको तुरंत लोन (Urgent Loan with Bad Credit) की आवश्यकता है, तो कुछ विकल्प अभी भी मौजूद हैं, लेकिन उनकी शर्तें अलग हो सकती हैं:

  • सिक्योर्ड लोन (Secured Loan): आप कोई कीमती चीज (Valuable as Collateral) (जैसे सोना, प्रॉपर्टी, एफडी) बैंक में गिरवी (Mortgage Assets) रखकर ‘सिक्योर्ड लोन’ (How to Get Secured Loan) ले सकते हैं। इन लोन में जोखिम कम होने से बैंक उन्हें स्वीकृत (Loan Approval) कर देते हैं, भले ही सिबिल स्कोर कम हो।
  • एफडी पर सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड (Secured Credit Card against FD): अगर सिक्योर्ड लोन (Secured Loan) भी न ले सकें, तो एफडी (Fixed Deposit) पर ‘सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड’ (Secured Credit Card) का विकल्प भी चुन सकते हैं। इसके लिए आपको एफडी को सुरक्षा के तौर पर रखना होता है, लेकिन कोई कीमती चीज सीधे गिरवी (No Asset Pledge) रखने की ज़रूरत नहीं होती। यह आपके सिबिल स्कोर को सुधारने (Improve CIBIL Score with Secured Card) में मदद करेगा।
  • NBFC से लोन (Loan from NBFC): अगर बैंक (Loan from Bank) से लोन (Loan Rejected by Bank) नहीं मिलता है, तो नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनियों (NBFC – Non Banking Financial Companies) से भी लोन (Loan from NBFC) लिया जा सकता है। कुछ NBFCs कम सिबिल स्कोर (NBFCs Low CIBIL Score Loan) पर भी लोन प्रदान करती हैं, लेकिन अक्सर उनकी ब्याज दरें (Higher Interest Rates from NBFC) बैंकों से ज़्यादा होती हैं।

डिफॉल्टर होने के बाद क्या होगा? (What Happens After Becoming a Defaulter?):

यदि किसी एक बैंक से लोन लेने (Taking Loan from One Bank) के बाद उसे समय पर न चुकाया (Not Repaid Loan) जाए, तो बैंक उस ग्राहक को ‘डिफॉल्टर’ (Loan Defaulter) घोषित कर देता है।

  • सिबिल स्कोर का बिगड़ना (CIBIL Score Deteriorates): लोन डिफॉल्ट (Loan Default) होते ही सबसे पहले और सबसे तेज़ी से आपका सिबिल स्कोर (CIBIL Score Immediately Drops) खराब होता है।
  • दूसरे बैंकों से लोन नहीं (No Loan from Other Banks): डिफ़ॉल्टर घोषित होने (Declared Defaulter) के बाद, आप किसी भी दूसरे बैंक (Other Banks) से लोन नहीं ले सकते, क्योंकि सभी बैंक के पास सिबिल स्कोर की रिपोर्ट (CIBIL Score Report Shared with All Banks) तुरंत पहुँच जाती है, जो आपकी खराब क्रेडिट हिस्ट्री (Bad Credit History) को दर्शाती है।
    यह स्थिति आपके भविष्य के वित्तीय विकल्पों (Future Financial Options) को severely (बहुत बुरी तरह) सीमित कर देती है। इसलिए, समय पर पुनर्भुगतान (Timely Repayment) और अपनी वित्तीय जिम्मेदारी (Financial Responsibility) निभाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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