Mahmood Akram Success Story: जब अधिकांश बच्चे अपने खिलौने (Childhood Hobbies), शौक (Hobbies) या स्कूल की पढ़ाई (School Studies) के बारे में सोच रहे होते हैं, तब भारत के चेन्नई शहर (Chennai, India) का महमूद अकरम (Mahmood Akram) कुछ ऐसा कर रहा है जो वाकई हैरान (Truly Astounding) करने वाला और प्रेरणादायक (Inspiring Story) है। सिर्फ 19 साल (Only 19 Years Old) की छोटी सी उम्र में, महमूद (Mahmood Akram’s Skills) 400 से अधिक स्क्रिप्ट (Reads, Writes, Types Over 400 Scripts) पढ़, लिख और टाइप (Type) कर सकता है, और सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि वह 46 अलग-अलग भाषाएं (Speaks 46 Different Languages) बिना रूके (Fluent in Languages) बोल सकता है। यह अविश्वसनीय क्षमता (Incredible Ability) ने पूरी दुनिया (Shocked the World) को चौंका दिया है और हर जगह के विद्यार्थियों (Inspires Students Everywhere) को सीखने के लिए प्रेरित (Learning Inspiration) किया है।
महमूद अकरम (Mahmood Akram’s Indian Roots) की कहानी और भी खास (More Special) है क्योंकि वह अमेरिका (USA), चीन (China) या जापान (Japan) जैसे देशों से नहीं हैं जहाँ ऐसे विलक्षण प्रतिभाएं आमतौर पर दिखती हैं। वह भारत से (From India) हैं, इसलिए उनकी असाधारण यात्रा (Extraordinary Journey) यहीं घर से (Started From Home) शुरू हुई है। यह दर्शाता है कि प्रतिभा किसी सीमा में नहीं बंधती।
महमूद के परिवार और प्रारंभिक सीखने की कहानी (Mahmood’s Family and Early Learning Journey):
महमूद के पिता, शिल्बी मोझिप्रियन (Shilby Mozhiprian – Mahmood’s Father), खुद भी एक प्रतिभाशाली बहुभाषाभाषी (Multilingual) हैं, जो 16 भाषाएं (Speaks 16 Languages) बोलते हैं। उन्होंने ही महमूद (Mahmood Akram’s Early Learning) को बहुत छोटी उम्र में भाषाओं से प्यार करना (Taught Love for Languages) सिखाया, जो उनकी शुरुआती प्रेरणा का स्रोत (Source of Inspiration) बनी। 4 साल की उम्र में ही (At 4 Years Old), महमूद ने तमिल (Tamil Language) और अंग्रेजी (English Language) बोलना शुरू (Started Speaking Tamil and English) कर दिया था। उनके माता-पिता (Parents Shocked) तब हैरान रह गए जब उन्होंने देखा कि महमूद केवल छह दिनों (Learned English in Six Days) में अंग्रेजी बोलने (Proficient in English) में माहिर हो गए।
6 साल की उम्र तक (By 6 Years Old), महमूद अपने पिता (Knew More Than Father) से भी अधिक भाषाओं और लिपियों के बारे में जानने लगे थे, क्योंकि उन्होंने वट्टेलुट्टु (Vatteluttu), प्राचीन तमिल ग्रंथों (Ancient Tamil Texts) और तमिझी (Thamizhi) जैसी प्राचीन तमिल लिपियों (Ancient Tamil Scripts) को समझना शुरू कर दिया (Started Understanding Ancient Scripts)। यह उनके विलक्षण मस्तिष्क (Phenomenal Brain) और तीव्र सीखने की क्षमता (Rapid Learning Ability) को दर्शाता है।
8 साल की उम्र में बनाया विश्व रिकॉर्ड (Set World Record at 8 Years Old):
लेकिन अकरम केवल भाषा बोलने (Not Just Speaking Languages) तक ही नहीं रुके। इसके साथ ही, उन्होंने स्वयं कई लिपियों (Learned to Write and Type Multiple Scripts) में लिखना और टाइप करना सीखा। 8 साल की उम्र तक (By Age 8), उन्होंने किताबें (Books) और ‘ओमनीग्लॉट’ (Omniglot Website) जैसी वेबसाइटों (Websites) का उपयोग करके पच्चीस भाषाएं (Learned 25 Languages) सीखीं। यह उनकी अविश्वसनीय याददाश्त (Incredible Memory) और सीखने की क्षमता (Learning Prowess) को दिखाता है। कुछ लोग उनकी क्षमता की तुलना ‘सुपरकंप्यूटर’ (Compared to a Supercomputer) से करते हैं, क्योंकि उनकी जानकारी और प्रसंस्करण की गति सामान्य नहीं है।
उन्होंने केवल आठ साल की उम्र (Youngest Bilingual Typist) में, सबसे कम उम्र के द्विभाषी टाइपिस्ट (World Record at 8 Years Old) के रूप में विश्व रिकॉर्ड (World Record) बनाया, जो एक अद्भुत उपलब्धि थी। दो साल बाद, 10 साल की उम्र (At 10 Years Old) में, उन्होंने 20 भाषाओं में भारत का राष्ट्रगान (Indian National Anthem in 20 Languages) लिखकर एक और विश्व रिकॉर्ड (Another World Record) बनाया और जर्मन युवा टैलेंट अवार्ड (German Youth Talent Award) भी जीता, जिसने उन्हें वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई।
स्कॉलरशिप से ऑस्ट्रिया में पढ़ाई और तमिल भाषा से प्यार (Scholarship to Austria & Love for Tamil Language):
उनकी अद्वितीय भाषा कौशल (Unique Language Skills) ने उनके लिए विश्वव्यापी मार्ग (Opened Worldwide Paths) खोले। महमूद ने एक प्रतिभा प्रतियोगिता (Won Talent Competition) जीतने के बाद ऑस्ट्रिया के डेन्यूब इंटरनेशनल स्कूल (Danube International School, Austria) में पढ़ाई करने के लिए स्कॉलरशिप (Scholarship for Education) प्राप्त की। आज वह यूनाइटेड किंगडम (UK – United Kingdom) और भारत (India) में कई डिग्रियां (Multiple Degrees) हासिल कर रहे हैं, जो उनके अकादमिक दृढ़ संकल्प को दर्शाती हैं।
महमूद कहते हैं कि, हालांकि वह कई भाषाएं जानते हैं (Multilingual Speaker), उनकी पसंदीदा भाषा (Favorite Language) हमेशा तमिल ही (Tamil is My Mother Tongue) रहेगी। वह कहते हैं, “यह मेरी मातृभाषा है और मेरे दिल के सबसे करीब (Closest to My Heart) है।” तमिल भाषा (Tamil Language) और संस्कृति (Tamil Culture) के प्रति उनका गहरा प्रेम (Deep Love for Tamil) उन्हें अपनी जड़ों (Connected to Roots) से जोड़े रखता है। यह प्रेरणादायक कहानी दिखाती है कि कैसे व्यक्तिगत जुनून (Personal Passion), परिवार का समर्थन (Family Support) और विलक्षण प्रतिभा (Exceptional Talent) किसी को असाधारण ऊँचाइयों (Achieve Extraordinary Heights) तक पहुँचा सकती है।