Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने SCOR बैठक में पाक को चेताया

Published On: June 26, 2025
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Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने SCOR बैठक में पाक को चेताया

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Rajnath Singh: हालिया शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation – SCO) की बैठक के बाद, भारत के विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs – MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal – MEA Spokesperson) ने गुरुवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग (Weekly Media Briefing) में कई महत्वपूर्ण वैश्विक (Global Issues) और क्षेत्रीय मुद्दों (Regional Issues) पर विस्तृत जानकारी दी। यह ब्रीफिंग विशेष रूप से आतंकवाद (Terrorism) पर भारत के मजबूत रुख (India’s Strong Stance on Terrorism) और मध्य-पूर्व (Middle East Conflict) में जारी संघर्ष के दौरान भारतीयों की सुरक्षित वापसी (Indian Citizens Repatriation) को लेकर हुई थी।

एससीओ (SCO) बैठक: आतंकवाद पर भारत की मुखर अपील, पर संयुक्त बयान पर मतभेद (SCO Meeting: India’s Stance on Terrorism, Disagreement on Joint Statement):

सबसे पहले, पत्रकारों से बातचीत के दौरान रणधीर जायसवाल ने हाल ही में संपन्न हुई शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक (Two-day Meeting of Defence Ministers) का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इस महत्वपूर्ण बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने हिस्सा लिया और आतंकवाद (Terrorism) के मुद्दे पर सभी सदस्य देशों (SCO Member States) से ‘एकजुट होकर लड़ने’ (Fight Unitedly Against Terrorism) की प्रबल अपील की। भारत ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों (All Forms and Manifestations of Terrorism) की कड़ी निंदा की और उन्हें बर्दाश्त न करने (Zero Tolerance for Terrorism) की नीति पर जोर दिया।

हालांकि, इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद कोई संयुक्त बयान (No Joint Statement) जारी नहीं हो सका। जायसवाल (Randhir Jaiswal on SCO Outcome) ने बताया कि “कुछ सदस्य देशों (Some Member States) के बीच कुछ मुद्दों (Issues of Disagreement) पर सहमति (No Consensus) नहीं बन पाई”, जिसकी वजह से दस्तावेज़ (Document Finalization) को अंतिम रूप (Could Not Be Finalised) नहीं दिया जा सका। जायसवाल ने स्पष्ट किया कि भारत चाहता था कि इस बयान में आतंकवाद (Terrorism in SCO Statement) और उससे जुड़ी चिंताओं (Related Concerns) को स्पष्ट रूप से शामिल किया जाए, “लेकिन एक देश को यह मंजूर नहीं था (One Country Did Not Agree to Terrorism Clause)”, इसलिए सहमति नहीं बन पाई। यह स्पष्ट तौर पर पाकिस्तान (Pakistan’s Role in SCO) की ओर इशारा था, जो अक्सर आतंकवाद पर भारत के रुख (India-Pakistan on Terrorism) का विरोध करता है।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने भाषण (Rajnath Singh’s Speech in SCO) में एससीओ के सभी 11 सदस्य देशों (11 Member States of SCO) से आतंकवाद के सभी रूपों और स्वरूपों (All Forms of Terrorism) के खिलाफ मिलकर लड़ने की अपील की थी। उन्होंने यह भी दृढ़ता से कहा था कि “आतंकी घटनाओं के दोषियों (Perpetrators), योजनाकारों (Planners), वित्त देने वालों (Financiers) और समर्थन करने वालों (Supporters) को सजा (Punishment for Terrorists) मिलनी चाहिए, चाहे वह सीमा पार से हो या कहीं और से (Cross-Border Terrorism)”। यह भारत की आतंकवाद पर ‘शून्य सहिष्णुता’ (India’s Zero Tolerance on Terrorism) नीति का ही विस्तार था। साथ ही, बैठक में भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह आतंकवाद (Terrorism Criticism) को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगा और अंतरराष्ट्रीय मंचों (International Forums) पर इसकी मुखर आलोचना (Vocal Criticism) करता रहेगा। (संदर्भ: MP Samwad 2025: ‘हिंदू होना मेरा मूल है और हमें इस पर गर्व’, अमर उजाला संवाद के मंच से बोले विश्वास सारंग)।

ऑपरेशन सिंधु (Operation Sindhu): इज़रायल-ईरान से भारतीयों की सुरक्षित वापसी (Operation Sindhu: Repatriation of Indians from Israel-Iran):

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आगे इस्राइल और ईरान (Israel and Iran Conflict) के बीच जारी तनावपूर्ण स्थिति (Tense Situation) के बीच फंसे भारतीय नागरिकों (Indian Citizens Abroad) की वापसी का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि भारत सरकार (Government of India) ने ईरान (Indians in Iran) और इस्राइल (Indians in Israel) में फंसे भारतीयों (Stranded Indians) को सुरक्षित निकालने (Safe Evacuation) के लिए 18 जून (Operation Sindhu Start Date) को एक विशेष अभियान, “ऑपरेशन सिंधु (Operation Sindhu)” शुरू किया। इस अभियान के तहत, युद्धग्रस्त क्षेत्रों से हज़ारों भारतीयों (Thousands of Indians Repatriated) को सफलतापूर्वक स्वदेश (Back to Homeland) वापस लाया गया है, जो संकट प्रबंधन (Crisis Management) में भारत की बढ़ती क्षमताओं को दर्शाता है।

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ईरान से निकाले गए तीन हज़ार से ज़्यादा लोग (Over 3000 Indians Evacuated from Iran):

जयसवाल ने जानकारी दी कि ईरान में लगभग 10,000 भारतीय नागरिक (10,000 Indians in Iran) मौजूद थे। बढ़ते सैन्य तनाव (Rising Military Tension) को देखते हुए, ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत वहाँ से अब तक 3,426 भारतीय नागरिक (3,426 Indian Citizens Evacuated), 11 ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI – Overseas Citizen of India) कार्डधारक, 9 नेपाली नागरिक (Nepalese Citizens), कुछ श्रीलंकाई नागरिक (Sri Lankan Citizens), और एक ईरानी नागरिक (Iranian Citizen – spouse of Indian citizen) (जो एक भारतीय नागरिक के पति हैं) को सफलतापूर्वक और सुरक्षित रूप से निकाला गया (Successfully Evacuated)। इस बड़े पैमाने पर निकासी अभियान (Mass Evacuation Operation) के लिए ईरान (Flights from Iran), आर्मेनिया (Flights from Armenia) और तुर्कमेनिस्तान (Flights from Turkmenistan) से कुल 14 उड़ानें (14 Flights Operated) चलाई गईं, जिससे हवाई पुल (Air Bridge) का काम किया जा सका।

इस्राइल से निकाले गए भारतीय नागरिकों का भी ब्यौरा (Details of Indian Citizens Evacuated from Israel):

जयसवाल (Randhir Jaiswal on Israel Evacuation) ने आगे इज़राइल से निकाले गए भारतीय नागरिकों (Indians Evacuated from Israel) का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इज़राइल में लगभग 40,000 भारतीय (40,000 Indians in Israel) रहते हैं। इस्राइल से अब तक 818 भारतीय नागरिकों (818 Indian Citizens Evacuated) को सुरक्षित निकाला गया है। इस निकासी अभियान के लिए जॉर्डन (Flights from Jordan) और मिस्र (Flights from Egypt) से कुल 4 उड़ानें (4 Flights Operated for Israel Evacuation) चलाई गईं।

‘ऑपरेशन सिंधु’ (Operation Sindhu Success) भारत सरकार की प्रतिबद्धता (Government of India’s Commitment) को दर्शाता है कि वह विदेशों में संकट में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षा (Safety of Indian Citizens Abroad) सुनिश्चित करेगी, और उन्हें सुरक्षित रूप से वतन वापस लाएगी। यह वैश्विक संकट प्रबंधन (Global Crisis Management) में भारत की बढ़ती भूमिका का भी प्रमाण है।

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