Uttar Pradesh Government: कुपोषण मुक्त भारत की दिशा में बड़ा कदम, टेक-होम राशन में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल – ये नियम जान लें

Published On: June 20, 2025
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Uttar Pradesh Government: उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government), मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के कुशल नेतृत्व में, राज्य में कुपोषण (Malnutrition in UP) के खिलाफ अपने अभियान को और अधिक मजबूत और कुशल बनाने के लिए टेक-होम राशन (THR – Take Home Ration) वितरण प्रणाली (THR Distribution System) में एक क्रांतिकारी बदलाव लाई है। अब, 1 जुलाई 2025 से, प्रदेश के लगभग 1.18 करोड़ लाभार्थियों (1.18 Crore Beneficiaries) को टेक-होम राशन (THR) तभी मिल पाएगा जब उनकी पहचान फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (Face Recognition System – FRS) के माध्यम से बायोमेट्रिक रूप से सत्यापित (Biometric Verification) होगी और उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी (OTP – One Time Password) का आंगनवाड़ी केंद्र (Anganwadi Kendra) पर मिलान होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath Directive) के सख्त निर्देश पर यह निर्णय लिया गया है, जिसका लक्ष्य स्पष्ट है कि योजना का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिलेगा जो वास्तव में योग्य और पात्र हैं, जिससे किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े (Prevent Fraud in Schemes) और धांधली की कोई जगह न रहे। यह यूपी पोषण अभियान (UP Poshan Abhiyan) में एक बड़ा कदम है।

फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) कैसे काम करेगा? (How FRS Works for THR?)

फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS working mechanism) के माध्यम से लाभार्थियों की पहचान दो चरणों में पूरी होगी:

  1. लाइव फोटो कैप्चर और आधार मिलान (Live Photo Capture and Aadhaar Matching): सबसे पहले, आंगनवाड़ी कार्यकत्री (Anganwadi Worker Training) अपने टैबलेट (Tablet Device for Anganwadi) का उपयोग करके लाभार्थी की लाइव फोटो (Live Photo of Beneficiary) लेंगी। यह फोटो आधार-आधारित ई-केवाईसी डेटा (Aadhaar-based e-KYC Data) से तुरंत मिलान की जाएगी, जिससे व्यक्ति की पहचान की पुष्टि होगी।
  2. मोबाइल ओटीपी सत्यापन (Mobile OTP Verification): आधार से सफल मिलान के बाद, लाभार्थी के पंजीकृत मोबाइल नंबर (Registered Mobile Number) पर छह अंकों का एक ओटीपी भेजा जाएगा। इस ओटीपी को आंगनवाड़ी कार्यकत्री द्वारा टैबलेट में दर्ज करते ही, लाभार्थी को खाद्य पैकेट (Food Packet THR) वितरित कर दिया जाएगा।
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यदि किसी लाभार्थी के पास अपना मोबाइल नंबर (No Mobile Number for Beneficiary) उपलब्ध नहीं है, तो भी इस प्रक्रिया में बाधा नहीं आएगी। उस स्थिति में, प्रक्रिया लाभार्थी के माता-पिता (Parents Mobile Number), अभिभावक (Guardian’s Mobile) या पति/पत्नी (Spouse’s Mobile) के पंजीकृत नंबर पर भेजे गए ओटीपी के माध्यम से भी पूरी की जा सकेगी। यह सुनिश्चित करेगा कि मोबाइल फोन की अनुपलब्धता के कारण कोई भी योग्य व्यक्ति लाभ से वंचित न रहे।

FRS पायलट प्रोजेक्ट और वर्तमान स्थिति (FRS Pilot Project and Current Status):

फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS Pilot Project) का पायलट प्रोजेक्ट सबसे पहले अगस्त 2024 में कानपुर नगर (Kanpur Nagar) के बिधनू (Bidhnoo) और सरसौल ब्लॉक (Sarsaul Block) में सफलतापूर्वक शुरू किया गया था। इस पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project Success) से मिली प्रतिक्रिया और अनुभवों के आधार पर, सामने आई सभी कमियों और चुनौतियों को दिसंबर 2024 तक दुरुस्त किया गया। उसके बाद, इस सिस्टम को 1 नवंबर 2024 तक (FRS in all 75 Districts by Nov 2024) उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में सफलतापूर्वक लागू किया गया, जो सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

ताज़ा सरकारी आंकड़ों (Latest Government Data) के अनुसार, 13 जून 2025 तक, कुल 1.18 करोड़ लाभार्थियों (Beneficiaries E-KYC Update) में से लगभग 54 लाख लाभार्थियों का ई-केवाईसी (E-KYC Progress in UP) सफलतापूर्वक अपडेट हो चुका है। हालांकि, सभी जिलों में प्रगति समान नहीं है। कानपुर (Kanpur FRS Progress), लखनऊ (Lucknow FRS Progress) और गाजियाबाद (Ghaziabad FRS Progress) जैसे शहरी और प्रमुख जिलों ने 45 प्रतिशत से अधिक प्रगति हासिल की है, वहीं बदायूँ (Badaun) और बहराइच (Bahraich) जैसे कुछ जिलों की प्रगति (Slow Progress Districts) धीमी रही है। ऐसे जिलों में लंबित ई-केवाईसी (Pending E-KYC) को तेज़ी से पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री (CM Yogi Order on FRS) ने विशेष ड्राइव (Special Drive for FRS) चलाने का आदेश दिया है।

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घर-घर पहुँचेगा जागरूकता अभियान (Awareness Campaign for THR):

इस प्रणाली को 1 जुलाई से पूरी तरह से लागू करने से पहले, सभी जिला मजिस्ट्रेटों (District Magistrates Order – DM Order) को आदेश दिया गया है कि वे ब्लॉक (Block Level Camps) और पंचायत स्तर (Panchayat Level Camps) पर प्रतिदिन विशेष कैंप (Daily Camps for FRS) आयोजित करें। मुख्य विकास अधिकारी (Chief Development Officer – CDO) इन अभियानों की सीधी निगरानी करेंगे। दूरदराज के गाँवों (Remote Villages Connectivity) में भी ई-कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए, आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों (Anganwadi Workers) को जनरेटर (Generators for Anganwadi), पोर्टेबल नेट (Portable Net Devices) और टैबलेट (Tablets for Anganwadi) प्रदान किए जा रहे हैं, ताकि किसी भी कनेक्टिविटी समस्या के कारण कार्य बाधित न हो। इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण हाटों (Rural Haats), आकाशवाणी (Akashvani Radio) और सोशल मीडिया (Social Media Promotion) में प्रचार रथ (Publicity Vans) भी भेजे जाएंगे।

फर्जीवाड़ा रुकेगा, वास्तविक लाभार्थी को मिलेगा पोषण (Stopping Fraud in THR for Real Beneficiaries):

टेक-होम राशन योजना (Take Home Ration Scheme Benefits) के तहत, 6 महीने से 6 साल तक की उम्र के बच्चों (Children 6 Months to 6 Years THR), गर्भवती माताओं (Pregnant Mothers Nutrition) और स्कूल जाने वाली किशोरियों (School-going Adolescent Girls Nutrition) को पोषक खाद्य पैकेट (Nutritious Food Packets) प्रदान किए जाते हैं। पहले, ऐसी शिकायतें (Previous THR Complaints) अक्सर मिलती थीं कि अपात्र लोग राशन उठा रहे हैं या फिर फर्जी नामों से पैकेट बेचे जा रहे हैं, जिससे योजना का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा था।

अब, एफआरएस (FRS Benefits) के माध्यम से एक-एक पैकेट का डिजिटल विवरण (Digital Tracking of THR) होगा, जिससे वितरण में पूरी पारदर्शिता (Transparency in THR Distribution) सुनिश्चित होगी। यह नई व्यवस्था न केवल सरकारी धन (Government Fund Saving) की बर्बादी को रोकेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि वास्तविक और ज़रूरतमंद लाभार्थी (Real Beneficiaries) कभी भी योजना के लाभ से वंचित न रहें। पोषण विशेषज्ञों (Nutrition Experts) ने इस कदम को एक ‘गेम-चेंजर’ (Game Changer in Nutrition) बताया है।

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वंशिका आहूजा (Vanshika Ahuja), एक सामाजिक कार्यकर्ता (Social Worker) और पोषण विशेषज्ञ, कहती हैं कि “पहचान सही होगी तो निश्चित रूप से ज़रूरतमंद माँ-बच्चों को सही समय पर आवश्यक पोषण (Proper Nutrition for Mothers and Children) मिलेगा। इससे प्रदेश में अल्पवजन (Underweight Children) और एनिमिया (Anemia Reduction) जैसी गंभीर पोषण संबंधी समस्याओं में तेज़ी से गिरावट आ सकती है।” “कुपोषण मुक्त उत्तर प्रदेश (Malnutrition Free Uttar Pradesh) मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है,” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi’s Vision for Nutrition) ने स्पष्ट किया है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि एफआरएसए (FRSA – Face Recognition System Attendance) लागू करने में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार को पूरा भरोसा है कि इस पारदर्शी और तकनीकी रूप से उन्नत व्यवस्था से न सिर्फ पोषण संकेतक (Nutrition Indicators) सुधरेंगे, बल्कि योजना पर जनता का भरोसा (Public Trust in Government Schemes) भी मजबूत होगा, और यही ‘सशक्त यूपी, स्वस्थ यूपी’ (Sashakt UP, Swasth UP) का असली मकसद है। यह पहल उत्तर प्रदेश में डिजिटल क्रांति (Digital Revolution in UP) और जन कल्याण योजनाओं (Public Welfare Schemes) के सही कार्यान्वयन का प्रतीक है।


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