Bank FD – FD में निवेश करने वाले हो जाएं बेहद सावधान, पैसे लगाने से पहले जान लें ये 5 सबसे ज़रूरी बातें

Published On: June 5, 2025
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Bank FD - FD में निवेश करने वाले हो जाएं बेहद सावधान, पैसे लगाने से पहले जान लें ये 5 सबसे ज़रूरी बातें
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Bank FD – अगर आप भी अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित जगह निवेश (Safe Investment) करने और उस पर अच्छा रिटर्न (Good Return) पाने के लिए बैंक एफडी (Bank FD) या फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) में पैसा लगाने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। दरअसल, एफडी (FD) को भले ही एक सुरक्षित निवेश विकल्प (Safe Investment Option) माना जाता हो, लेकिन इसमें पैसे लगाने से पहले कुछ बातों को जानना बेहद जरूरी है ताकि आप अधिकतम लाभ (Maximum Benefit) प्राप्त कर सकें और किसी भी संभावित नुकसान (Potential Loss) से बच सकें। एफडी (FD) में निवेश करने से पहले इन 5 महत्वपूर्ण बातों (5 Important Points) पर गहराई से विचार करना आवश्यक है। ये बातें आपको अपनी जरूरत और वित्तीय लक्ष्य (Financial Goals) के अनुसार सही एफडी योजना (Right FD Scheme) चुनने में मदद करेंगी।

फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) क्या है और क्यों है यह लोकप्रिय?

फ़िक्स्ड डिपॉज़िट (Fixed Deposit) यानी एफडी (FD) एक बेहद लोकप्रिय और सुरक्षित निवेश विकल्प (Popular and Safe Investment Option) है, खासकर भारतीय निवेशकों (Indian Investors) के बीच। इसमें आप अपनी बचत (Savings) की धनराशि को एक निश्चित अवधि (Fixed Tenure) के लिए किसी बैंक (Bank) या वित्तीय संस्थान (Financial Institution) में जमा कर देते हैं। इस निवेश की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बाजार के जोखिमों (Market Risks) से पूरी तरह मुक्त (Risk-Free) होता है। आपको अपनी जमा राशि पर एक निश्चित और गारंटीड सालाना ब्याज दर (Guaranteed Annual Interest Rate) का लाभ मिलता है, जो निवेश की शुरुआत में ही तय हो जाती है। यही कारण है कि एफडी (FD Investment) को निवेश का एक बहुत ही आसान और सुरक्षित तरीका (Easy and Safe Investment Method) माना जाता है। भारत में लगभग सभी बैंक (Banks in India) और कई गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs) ग्राहकों को विभिन्न अवधियों (Different Tenures) और आकर्षक ब्याज दरों (Attractive Interest Rates) वाली एफडी योजनाएं (FD Schemes) पेश करती हैं।

FD में निवेश से पहले जानने योग्य 5 महत्वपूर्ण बातें (5 Important Things Before Investing in FD):

यदि आप अपनी एफडी निवेश (FD Investment) से अधिकतम लाभ (Maximum Benefit) प्राप्त करना चाहते हैं, तो आँख बंद करके निवेश करने के बजाय कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं (Important Aspects) पर विचार करना अत्यंत आवश्यक है। नीचे बताई गई ये 5 बातें आपको एक समझदारी भरा फैसला लेने और अपनी पूंजी (Capital) पर बेहतर रिटर्न (Better Return) पाने में मदद करेंगी।

  1. एफडी पर मिलने वाली ब्याज दर (Interest Rate on FD):
    अपनी जमा राशि (Deposited Amount) पर भविष्य में मिलने वाले संभावित मुनाफे (Expected Profit) या रिटर्न (Return) को जानने के लिए, सबसे पहला कदम यह पता लगाना है कि आप किस बैंक (Bank) या वित्तीय संस्थान (Financial Institution) में और कितनी ब्याज दर (Interest Rate) वाली एफडी स्कीम (FD Scheme) में निवेश (Investment) कर रहे हैं। एफडी स्कीम की अवधि (FD Tenure) 7 दिन जैसी छोटी अवधि से लेकर 10 साल (10 Years FD) तक की लंबी अवधि तक हो सकती है, और ध्यान दें कि प्रत्येक अवधि (Tenure) के लिए बैंक द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरें (Interest Rates) अलग-अलग होती हैं। अपनी वित्तीय योजना (Financial Planning) और जरूरत के अनुसार सही अवधि वाली एफडी स्कीम (Right FD Scheme) का चयन करें। फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट (Fixed Deposit Account) खुलवाते समय बैंक द्वारा दी जा रही ब्याज दर (FD Interest Rate) पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि मैच्योरिटी (Maturity) तक आपको उसी तय (Fixed) ब्याज दर का लाभ मिलेगा। ब्याज दरें बैंकों के प्रकार (जैसे सरकारी, निजी, स्मॉल फाइनेंस बैंक) और आरबीआई की नीतियों (RBI Policies) पर भी निर्भर करती हैं।

  2. Fixed Deposit की अवधि (Fixed Deposit Tenure):
    एफडी (FD) में निवेश करने से पहले यह जरूर जांच लें कि जिस बैंक (Bank) या संस्थान में आप फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट (Fixed Deposit Account) खुलवा रहे हैं, वहां आप अधिकतम कितनी अवधि (Maximum Tenure) के लिए एफडी स्कीम (FD Scheme) में निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा, विभिन्न बैंकों (Different Banks) में समान अवधि (Same Tenure) पर कितनी अलग-अलग ब्याज दरें (Different Interest Rates) मिल रही हैं, इसकी भी तुलना (Comparison) अवश्य करें। आमतौर पर, एफडी (FD) की अवधि 7 दिन (7 Days FD) से लेकर 10 साल (10 Years FD) तक उपलब्ध होती है। कई बैंक लंबी अवधि, जैसे 5 साल (5 Years FD) तक, के लिए एफडी को लॉक-इन करने की सुविधा प्रदान करते हैं, जिस पर अक्सर बेहतर ब्याज दर (Better Interest Rate) मिलती है। विशेषज्ञों और सलाहकारों (Financial Advisors) के अनुसार, 13 महीने (13 Months FD) या 5 साल (5 Years FD) की अवधि वाली एफडी स्कीम (FD Scheme) को अक्सर अच्छा माना जाता है। अपनी भविष्य की जरूरतों (Future Needs) और लक्ष्यों (Goals) को ध्यान में रखकर ही एफडी की अवधि (FD Tenure) तय करें।

  3. फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) के साथ मिलने वाली सुविधाएं (Facilities with FD):
    एफडी (FD) में निवेश करने से पहले सिर्फ ब्याज दर (Interest Rate) ही नहीं, बल्कि इसके साथ मिलने वाली अन्य सुविधाओं (Other Facilities) के बारे में भी जानकारी प्राप्त करना जरूरी है। आमतौर पर, अधिक ब्याज दर (Higher Interest Rate) के अलावा, एफडी निवेशकों (FD Investors) को लोन (Loan) की सुविधा भी मिलती है, जिसे ‘लोन अगेंस्ट एफडी’ (Loan Against FD) कहते हैं। इसका मतलब यह है कि आप अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) की रकम (Amount) पर जरूरत पड़ने पर लोन (Loan) प्राप्त कर सकते हैं। बैंक आमतौर पर आपकी एफडी राशि (FD Amount) का लगभग 75 प्रतिशत (75% of FD Amount) तक लोन के रूप में दे देते हैं। इस लोन (Loan) पर ब्याज दर (Interest Rate) एफडी पर मिलने वाली ब्याज दर से थोड़ी ज्यादा होती है, लेकिन यह पर्सनल लोन (Personal Loan) की तुलना में काफी कम होती है। नियम के अनुसार, निवेशक (Investor) को यह लोन (Loan) एफडी की मैच्योरिटी अवधि (FD Maturity Period) तक ही मिलता है। उदाहरण के लिए, यदि आपने 10 साल (10 Years FD) की एफडी ली है और दूसरे साल (Second Year) में लोन (Loan) के लिए आवेदन करते हैं, तो आपको अधिकतम 8 साल (8 Years) की अवधि के लिए लोन (Loan) मिल सकता है। अचानक नकदी की जरूरत (Cash Requirement) पड़ने पर यह सुविधा बहुत काम आती है, क्योंकि इससे आपको अपनी एफडी (FD) को तुड़वाना (Breaking FD) नहीं पड़ता, जिस पर अक्सर पेनाल्टी (Penalty) लग सकती है।

  4. भरोसेमंद बैंक या संस्थान का चयन करना जरूरी (Choose a Reliable Bank/Institution):
    आज भारत के बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector in India) में सरकारी बैंक (Government Banks), निजी बैंक (Private Banks) और स्मॉल फाइनेंस बैंक (Small Finance Banks) सहित कई वित्तीय संस्थान (Financial Institutions) मौजूद हैं जो फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम (Fixed Deposit Schemes) पेश करते हैं। एफडी (FD) में निवेश करने से पहले यह जांचना बेहद महत्वपूर्ण है कि जिस बैंक (Bank) या कंपनी (Company) में आप पैसा लगा रहे हैं, वह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI – Reserve Bank of India) द्वारा रजिस्टर्ड (Registered) है या नहीं। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित करें कि बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC – Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) के अंतर्गत रजिस्टर्ड है या नहीं। DICGC भारत में जमा बीमा (Deposit Insurance) प्रदान करता है। अगर DICGC के तहत रजिस्टर्ड किसी बैंक (Registered Bank) में आपकी ₹5 लाख तक की राशि जमा (Deposit upto ₹5 Lakhs) है, तो बैंक के फेल होने की स्थिति में भी यह राशि आपको वापस मिलने की संभावना (Likelihood of Receiving Back) रहती है। इसलिए, अपनी पूंजी की सुरक्षा (Capital Safety) के लिए, केवल उन्हीं बैंकों (Banks) और NBFCs (NBFCs) में एफडी निवेश (FD Investment) करें जो RBI और DICGC के दायरे में आते हैं।

  5. बैंकों और NBFCs के बीच तुलना करना जरूरी (Compare Banks and NBFCs):
    बैंकों (Banks) के अलावा, कई नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFC – Non-Banking Financial Companies) भी फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) की सुविधा प्रदान करती हैं। बैंक और NBFCs दोनों की एफडी (FD) में निवेश करने से पहले उनकी अच्छी तरह से तुलना (Comparison) करना बेहद जरूरी है। दोनों संस्थाओं में ब्याज दरें (Interest Rates) एफडी की अवधि (FD Tenure) और प्रकार (Type) के आधार पर तय होती हैं। हालांकि, NBFCs अक्सर बैंकों (Banks) की तुलना में थोड़ी अधिक ब्याज दरें (Higher Interest Rates) ऑफर कर सकती हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा (Safety) और अन्य सुविधाएं (Facilities) अलग हो सकती हैं। बेहतर निवेश प्लान (Better Investment Plan) चुनने के लिए दोनों के बीच ब्याज दरों (Interest Rates Comparison), सुविधाओं (Facilities) जैसे लोन सुविधा (Loan Facility), समय से पहले एफडी तोड़ने की सुविधा (Premature Withdrawal Facility) और उसकी शर्तों (Terms) की तुलना करना मददगार साबित होगा।

    अगर आप लंबी अवधि (Long Term Investment) के लिए निवेश (Investment) करना चाहते हैं और भविष्य में उसे बढ़ाने (Extend FD) की भी सोच रहे हैं, तो यह जरूर देखें कि मैच्योर होने (After Maturity) के बाद एफडी को कितनी और अवधि तक बढ़ाया जा सकता है (Extension Facility)।

    इसके अलावा, यह भी देखें कि कौन सा संस्थान (Institution) आपकी जमा राशि (Deposit Amount) पर सबसे ज्यादा रिटर्न (Highest Return) दे रहा है। आपात स्थिति (Emergency) में अगर अचानक पैसे (Immediate Need for Money) की जरूरत पड़े, तो क्या एफडी तुड़वाने (Breaking FD) की सुविधा उपलब्ध है? एफडी तुड़वाने पर कितना नुकसान (Penalty) हो सकता है? या फिर कौन सा संस्थान एफडी पर लोन (Loan on FD) की बेहतर सुविधा और कम ब्याज दर (Lower Interest Rate on Loan) प्रदान कर रहा है, यह भी जांच लें। इन सभी पहलुओं (All Aspects) पर गंभीरता से गौर करने और तुलना (Compare) करने के बाद ही एफडी में निवेश (Invest in FD) करें, जो आपके लिए लंबे समय में सबसे ज्यादा फायदेमंद (Most Beneficial) साबित हो सकता है।

सबसे ज्यादा ब्याज देने वाले बैंक कौन से हैं? (Banks Offering Highest Interest Rates)

भारत में, स्मॉल फाइनेंस बैंक (Small Finance Banks), सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (Public Sector Banks) और निजी क्षेत्र के बैंक (Private Sector Banks) सभी फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) स्कीम (Scheme) पेश करते हैं। इनकी ब्याज दरें (Interest Rates) अलग-अलग होती हैं। आमतौर पर, स्मॉल फाइनेंस बैंक (Small Finance Banks) अपनी एफडी पर अन्य बैंकों की तुलना में थोड़ी अधिक ब्याज दरें (Higher Interest Rates) प्रदान करते हैं। हालांकि, कई सार्वजनिक और निजी बैंक (Public and Private Banks) भी समय-समय पर एफडी (FD) पर आकर्षक ऑफर (Attractive Offers) और विशेष दरें (Special Rates) पेश करते रहते हैं।

विशेष रूप से, वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) को सामान्य नागरिकों (General Citizens) की तुलना में एफडी (FD) पर हमेशा ज्यादा ब्याज दर (Higher Interest Rate for Senior Citizens) मिलती है। बैंक वरिष्ठ नागरिकों को आमतौर पर 0.25% से 0.75% तक अतिरिक्त ब्याज (Extra Interest) देते हैं। 80 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले व्यक्तियों को “सुपर वरिष्ठ नागरिक” (Super Senior Citizens) कहा जाता है, और कई बैंक उन्हें एफडी (FD) पर उच्चतम ब्याज दर (Highest Interest Rate) का लाभ प्रदान करते हैं। निवेश से पहले विभिन्न बैंकों की लेटेस्ट एफडी ब्याज दरों (Latest FD Interest Rates) की तुलना अवश्य करें।

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