देश– नोटबन्दी आज भी विवाद का विषय बना हुआ है। केंद्र सरकार के इस फैसले से कई लोग आज भी संतुष्ट नही है। वही नोटबन्दी के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में 58 याचिका दाखिल की गई थी।
इस याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि सरकार ने नोटबन्दी का फैसला काफी विचार करने के बाद लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 6 साल पहले जब सरकार ने नोटबन्दी का फैसला लिया तो इसपर कई स्तरों से विचार किया गया। यह देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने के लिए उठाया गया अहम कदम था। नोटबन्दी काले धन, भ्रष्टाचार और देश मे फैल रहे अपराध को रोकने के सन्दर्भ में तैयार रणनीति का हिस्सा थी।
नोटबन्दी का फैसला अचानक से नही आया। इस विषय पर केंद्र सरकार और आरबीआई ने गम्भीर रूप से विचार विमर्श किया था। वही केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि नोटबन्दी का फैसला आरबीआई द्वारा प्रस्तुत मसौदे के आधार पर आया।
हालाकि लोग इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन यह सरकार द्वारा जल्दबाजी में लिया गया फैसला नही था। बता दें नोटबन्दी के परिपेक्ष्य में दाखिल याचिका पर अगली सुनवाई 24 नवम्बर को होगी।